इस किले को भोरागढ़ किले के नाम से भी जाना जाता है। इस किले में बहमनी सल्नतन, मराठों और ब्रिटिश शासकों ने राज्य किया था।
किले के अन्दर भोरादेवी का मंदिर, कुछ कब्रें, दो सुंदर झीले और खंडहर घर बने हुए है। किले का प्रवेश द्धार काफी विशाल और सुंदर है।