मनोर किला, तंजावुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है, और सन 1814-1815 के दौरान मराठा शासक,सरफोजी द्वितीय, द्वारा बनवाया गया था। इसका निर्माण ब्रिटिशर्स से रक्षा के लिये किया गया था, लेकिन यह फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट के विरूद्ध बड़ा काम आया। आठ मंजिलों से मिलकर बना, यह षटकोणीय टावर 23 मीटर ऊंचा है।
मनोरा शब्द ‘ मीनार ' शब्द से लिया गया है। दिसंबर 2004में हिंद महासागर में सुनामी में, किला क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन इसे बाद में फिर से बना दिया गया है, इसके अलावा कुछ और पर्यटक सुविधाएं जैस पर्यटक शेड और एक बढ़िया बच्चों का पार्क आदि को भी बढ़ाया गया है।
किले के संबध में एक निराधार बात कही जाती है कि किले का इस्तेमाल श्रीलंका में झांकने के लिए किया जाता था।किले के अन्दर व्यापार खूब होता था। यह भी अफवाह है कि किले के भीतर गुप्त स्थान पर राजा का खजाना छिपा हो सकता है, इसी वजह से स्थानीय लोगों द्वारा इसे ढ़ूंढ़ने के प्रयास में किले को काफी नुकसान पहुंचा है।