संगीत महल या संगीत का हॉल, तंजावुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए एक अवश्य देखने वाली जगह है। यह तंजावुर पैलेस में पहली मंजिल पर स्थित है। यह नायक राजा, सेवप्पा नायक के शासन के दौरान, 17 वीं सदी के प्रारंभ में बनाया गया था। चोल और नायक शासकों के समय में, संगीत महल विभिन्न संगीतकारों और नर्तकों द्वारा प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल जाता था।
यह इस काल के शिल्पकारों और वास्तुकारों द्वारा प्रदर्शित उत्कृष्ट शिल्प कौशल का एक स्थायी प्रतीक है। इस संगीत हॉल की उत्कृष्ट संगीत व तकनीक निशिचत तौर पर यहां आने वाले को भाव-विभोर कर चिन्तन-मनन को विवश कर देती है, क्योंकि इसको बनाने वाले कारीगरों के उत्कृष्ट ज्ञान को प्रदर्शित करता है।
अपने स्वर्ण काल में हाल में महान संगीतकारों के बीच संगीत प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं। संगीत महल में अब हस्तशिल्प प्रदर्शनियां लगती हैं, जहां स्थानीय शिल्पकारों की बनाई वस्तुएं प्रदर्शन के लिए रखी जाती हैं।