तेक्केडी में स्थित सबसे अधिक घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक पेरियार वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान ने अप्रत्याशित रूप से केरल वन्यजीव पर्यटन का चेहरा बदल दिया है पेरियार झील (जो दिलचस्प एक कृत्रिम झील है) के किनारे स्थित यह अभ्यारण्य घने सदाबहार वनों, मिस्टी पर्वत इलाकों और हरे-भरे घास के मैदानों से घिरा है।
झील के आसपास के क्षेत्र में हाथियों के झुंड को टहलने के शानदार दृश्य को देखने का मोह कोई भी यात्री छोड़ना नहीं चाहेगा। वन्यजीव अभयारण्य के संरक्षित क्षेत्र (777 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्रफल) को आधिकारिक तौर पर 1982 में एक राष्ट्रीय पार्क बनाया गया और बाद में इसे एक टाइगर रिजर्व का दर्जा भी दिया गया।
विविध वन्यजीवों की उपस्थिति के कारण पेरियार वन्यजीव अभयारण्य दुनिया भर से यात्रियों को आकर्षित करता है। नवीनतम रिकॉर्ड के अनुसार, टाइगर रिजर्व में 53 बाघ संरक्षित हैं तथा यह 62 अलग अलग स्तनधारियों के लिए वास है। गौर, सांभर (घोड़ा हिरण), नेवला, लोमड़ियों, माउस डीयर,ढ़ोल्स (भारतीय जंगली कुत्तों) और तेंदुए जैसे दुर्लभ प्रजातियां भी यहां देखी जा सकती हैं।
यहां लगभग 320 पक्षी प्रजातियों और 45 विभिन्न प्रकार के सरीसृपों का वास इसे देश का अनिवार्य रूप से घूमने योग्य अभ्यारण्य बनाते हैं। पेरियार वन्यजीव अभयारण्य की आकर्षक व उपयोगी वनस्पति व वन्यजीवन, वन्यजीव उत्साहियों और प्रकृति प्रेमियों को एक अनूठा और रोमांचक अनुभव प्रदान करते है।