कवियूर महादेव मंदिर केरल में सबसे पुराना शिव मंदिर है, जो तिरुवल्ला शहर से 6 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर अपनी अनोखी त्रिकोणिकी शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसकी विशेषता यह है कि यह भवन त्रिकोण रूप से बना हुआ है और इसकी छत झुकी हुई है। 100 से अधिक वर्षों से पहले बना यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और आम तौर पर इसे त्रिक्कवियूर महादेव मंदिर कहते हैं।
लोग उदारतापूर्वक इस मंदिर में भगवान महादेव और पार्वती देवी की प्रार्थना करते हैं। दिसंबर और जनवरी के महीने में मन्दिर के त्योहार और हनुमान जयंती के दौरान भी भक्त कवियूर में इकट्ठा होते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर सजीं प्राचीन नक्काशियां 16 वीं सदी की हैं और ज्यादातर रामायण और महाभारत महाकाव्य ग्रंथों से अवतरित हैं।
मन्दिर के निर्माण में लकड़ी का व्यापक उपयोग देखा जा सकता है। प्राचीन नक्काशियों की यह अनोखी संरचना वास्तव में एक वास्तुशिल्प चमत्कार है और यह यात्री का मन मोह लेती है।