तिरुवत्तर पवित्र और दिव्य भूमि है जो एक छोटा पंचायत शहर है तथा यह शहर तमिलनाडु के दक्षिणी राज्य के कन्याकुमारी जिले में स्थित है। हिंदू तीर्थयात्रियों को यहाँ की सैर अवश्य करनी चाहिए क्योंकि यह हिन्दुओं के 108 दिव्यदेसम में से एक है।
इस स्थान का धार्मिक महत्व होने के अलावा यह स्थान पर्यटन के लिए भी लोकप्रिय गंतव्य है क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता थकी हुई आँखों को आराम प्रदान करती हैं। तिरुवत्तर दो नदियों पहराली और कोठी के बीच स्थित है जो इस शहर से होकर बहती हैं। वास्तव में इस स्थान का नाम मूवत्तुमुगम में इन दो नदियों के संगम पर ही पड़ा है। तिरु का तमिल में अर्थ है पवित्र, वत्त का अर्थ है घिरा हुआ और अरु का तमिल में अर्थ नदी होता है। इस प्रकार तिरुवत्तर का अर्थ है नदियों से घिरा हुआ पवित्र क्षेत्र।
तिरुवत्तर में तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
तिरुवत्तर का मुख्य आकर्षण श्री आदिकेसवापेरुमल का पवित्र मंदिर है तथा इस मंदिर की उपस्थिति शहर को दिव्यता प्रदान करती है। तिरुवत्तर के अन्य पर्यटन आकर्षणों में माथुर हैंगिंग ब्रिज, सेंट जेम्स चर्च (जो लगभग 100 वर्ष पुरानी है), उदयगिरी फोर्ट (किला) और तिर्पराप्पू वॉटर फॉल शामिल हैं जो तिरुवत्तर से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है।
तिरुवत्तर कैसे पहुंचें
क्योंकि यह शहर हिन्दुओं के लिए एक धार्मिक केंद्र है अत: रास्ते द्वारा इसे देश के अन्य भागों से अच्छी तरह से जोड़ने के प्रयास किये गए हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन कन्याकुमारी है तथा निकटतम हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम है।
तिरुवत्तर का मौसम
तीर्थयात्री तथा पर्यटक ठंड के मौसम के दौरान यहाँ की यात्रा करते हैं क्योंकि इस समय मौसम खुशनुमा होता है। गर्मियां झुलसाने वाली होती हैं तथा मानसून के दौरान यहाँ तूफ़ान आते हैं जो यात्रा को कठिन बनाते हैं।