कोरकाई एक छोटा सा गांव है जो तिरुचेंदूर और तूतुकुड़ी के बीच में स्थित है। इस गांव में 250 एकड़ के क्षेत्र में फैला कोरकाई तालाब स्थित है। पांड़ियन राजवंश के शासनकाल दौरान कोरकाई गांव एक प्रसिद्ध बंदरगाह था। कोरकाई में प्राचीन वेट्रिवेल्लाम्मन मंदिर भी स्थित है।
1838 में, इस गांव में हुई खुदाई से 3 सरी शताब्दी ई.पू. की तथा 2 सरी शताब्दी ई. की कई कलाकृतियां प्राप्त की गई हैं। कोरकाई गांव का उल्लेख, पश्चिमी शास्त्रीय एवं संगम साहित्य में पाया जा सकता है। यह गांव प्रसिद्ध यूनानी भूगोलिक टोलेमी द्वारा कोलखाई के रूप में उल्लेखित किया गया था और यह गांव मोती निकालने के केन्द्र के रुप में माना जाता था।