चर्च ऑफ अवर लेड़ी ऑफ स्नो, सेंट पॉल चर्च एवं पनीया मठ चर्च नामक कई नामों से जानी जाती है। कहा जाता है कि 1542 में संत फ्रांसिस की यात्रा से इस स्थान की शोभा बढ़ गई। बाद में 1711 में पुर्तगालियों द्वारा एक चट्टान पर इस चर्च का निर्माण किया गया और 1713 में इस चर्च का उद्घाटन हुआ।
यह चर्च मदर मेरी को समर्पित है। इस चर्च में अवर लेड़ी की एक मूर्ति स्थापित है जिसे 1555 में "सांतालिना" नामक जहाज में तूतुकुड़ी लाया गया था। वर्ष 1982 में, पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा इस चर्च को बैसिलिका की मूर्ति जितना ऊंचा किया गया।