सुगंति देवदासन समुद्री अनुसंधान संस्थान की स्थापना समुद्रीय तथा तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों पर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसकी स्थापना इस उम्मीद के साथ की गई थी कि यह भारत के तटों पर रहने वाले लोगों की सामाजिक - आर्थिक स्थिति में और उनकी जीविका में सुधार लाएगा। यह संस्थान समुद्री और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और देखरेख के साथ प्रवाल – शैलमाला की बहाली और कृत्रिम प्रवाल – शैलमाला के सृजन पर भी ध्यान देती है। इस संस्थान के पाठ्यक्रमों को मनोनमनियम सुन्दरनर विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।