मानसून के बाद का समय थौबल घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय यहां का पूरा माहौल हरियाली से भर उठता है। थौबल जिले में ऐसी कई सड़के है जिस पर बरसात के समय नहीं चला जा सकता। बरसात के बाद इन सड़कों से यात्रा करना परेशानी भरा नहीं होता है।
थौबल में बहुत ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती है। इस दौरान यहां का तापमान 35-37 डिसे के बीच ही रहता है। गर्मी का महीना सुहावना ही होता है और इस जिले में घूमना दुश्वारियों भरा नहीं होता है। वैसे तो मार्च से मई तक गर्मी का मौसम रहता है, पर कई बार जून में भी गर्मी पड़ती है।
राज्य के दूसरे हिस्सों की तहर ही थौबल में बरसात मुख्य मौसम है। इस दौरान यहां मुसलाधार वर्षा होती है। वर्षा ऋतु जून से शुरू होकर सितंबर तक रहती है। इस मौसम में थौबल घूमने जाने से अच्छा है कि इसके बाद जाया जाए।
ठंड के मौसम में यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान शून्य के करीब पहुंच जाता है। दिसंबर से फरवरी के बीच तापमान शून्य से 15 डिसे के बीच रहता है। अन्य समय में यहां तापमान 6 डिसे के आसपास रहता है। अगर आप ठंड के मौसम में थौबल घूमने जा रहे हैं तो गर्म कपड़े साथ में रखना न भूलें।