तिरुपति तथा तिरुमाला में कपिला तीर्थम ही केवल ऐसा स्थान है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह एक बड़ा मंदिर है जो तिरुमाला की पहाड़ियों की तलहटी में गुफा के प्रवेश द्वार पर स्थित है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव के बैल “नंदी” की मूर्ति है।
ऐसा कहा जाता है कि ऋषि कपिल ने यहाँ रहकर भगवान शिव की मूर्ति के सामने तपस्या की थी जिसके कारण इसका यह नाम पड़ा। तीर्थम का अर्थ है पवित्र झील जो मंदिर के पास स्थित विनासनम प्रपात के कारण बनती है। यह मंदिर प्राचीन काल से ही बहुत प्रसिद्ध है तथा ऐसा कहा जाता है कि 13 वीं से 16 वीं शताब्दी तक इसे विजयनगर राजाओं का संरक्षण प्राप्त था।
इस मंदिर को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के तहत संरक्षण और संपोषण प्राप्त है।