मध्य प्रदेश को "भारत का ह्रदय" माना जाता है...क्यों कि यह यहां आने वाले सैलानियों के लिए यह जगह किसी खजाने से कम नहीं है। मध्यप्रदेश का इतिहास, वातावरण, प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति और आलीशान ऐतिहासिक विरासतें मध्यप्रदेश को पर्यटकों के लिए स्वर्ग बनाती हैं।
भारत में होती हैं न्यूड पार्टीज..ये हैं डेस्टिनेशन
आपको बतादें कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल है जिसे 'झीलों के शहर' के नाम से संबोधित किया जाता है। मध्यप्रदेश में पर्यटकों को लिए बहुत कुछ ख़ास है,लेकिन आज हम आपको अपने लेख के जरिये मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों
के बारे में नहीं बल्कि ऐसी जगहों या कहें ऐसे अनसुने पर्यटक स्थलों की सूची बताने जा रहें जो हमेशा ही पर्यटकों की नजरो से दूर रहें।
कावड़िया पहाड़-वंडर ऑफ नेचर
कावड़िया पहाड़ मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से लगभ 75 कीलोमीटर दूर देवास जिले के अंतर्गत बागली तहसील के उदयपुरा गांव के पास सीता वाटिका से लगभग 10 किमी उत्तर में वनप्रदेश के रास्ते पोटलागांव से 1 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक रहस्यमयी पहाड़ है जिसे दूर देश विदेश से पर्यटक देखने आते हैं। ये पहाड़ ये चट्टानें या छड़ें दूर से लोहे की बनी दिखाई देती हैं लेकिन ये पत्थरों, मिट्टी और खनिजों से मिलकर बनी हैं। इन्हें किसी छोटे पत्थर या धातु से बजाने पर इनमें से लोहे की रॉड से निकलने वाली जैसी आवाज़ सुनाई देती है।इन्होंने एक छोटे पहाड़ का आकार ग्रहण कर लिया है। इसे ही कावड़िया पहाड़ कहते हैं।
कैसे पहुंचे
यह जगह इंदौर से लगभग 75 किलोमीटर दूर है। यहां अपने वाहनों से जाया जा सकता है। खाने-पीने की सामग्री साथ ले जाएं क्योंकि यहां कुछ नहीं मिलता है। यहां रहने की व्यवस्था नहीं है..इसीलिए शाम को पर्यटक इंदौर वापस आ सकते हैं। बता दें, यह पर्यटन स्थल के रूप में ज्यादा विकसित नहीं है..इसलिए खाने-पीने की सामग्री साथ ले जाएं क्योंकि यहां कुछ नहीं मिलता है।
चंबल वन्य जीव अभयारण्य
अगर आप वाकई में कुछ नया और एडवेंचर करना चाहते हैं तो आप चम्बल वन्य जीव अभयारण्य पहुंच सकते हैं। यहां आप जीवंत घड़ियालों को बखूबी निहार सकते हैं। इसकी प्रसाशन व्यवस्था तीन राज्य उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के हाथों में है। चम्बल नदी में आप मगरमच्छों को बखूबी देख सकते हैं।इसके अलावा आप यहां कछुए, गंगा डॉलफिन,तथा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को निहार सकते हैं।
कैसे पहुंचे
यह वन्य जीव अभयारण्य मुरेना से 30 किमी की दूरी अपर स्थित है। इसका नजदीकी एयरपोर्ट आगरा है..जोकि इस वन्य जीव अभयारण्य से 70 किमी की दूरी पर स्थित है।
कहां ठहरे
यहां रोज ही हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं, इसलिए यहां पर पर्यटकों के रुकने के होटल और रीजोर्ट्स की अच्छी खासी व्यवस्था है।
डेरी बोरी झील
इस झील तक आपको पहुँचने के लिए घने जंगलों से होकर गुजरना होगा...दरअसल इस झील तक पहुँचाना ही अपने आप में काफी चुनौती भरा है। झील तक पहुंचने के बाद दूर तक फैली हरियाली को बखूबी निहार सकते हैं। लेकिन.. पर्यटक यहां अँधेरा होने से पहले ही जगह छोड़ दें..क्यों की यह जगह जंगली जानवरों से घिरी हुई है।
कैसे पहुंचे
इस जगह अपने वाहन यानी बाइक से जाना सबसे उचित है... डेरी बोरी झील का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड इंदौर है। यहां से बस या बाइक द्वारा डेरी बोरी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कहां रुके
यहां रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है..इसलिए शाम को सैलानी वापस इंदौर आ सकते है।
घुघुवा फॉसिल पार्क
भारत के दिल में मंडला जिले के सात गांवों में बसे हुए हैं, इन्ही सात गांवो के बीच गौहुआ फॉसिल पार्क स्थित है। लियोमॉन्टोलोजी और भूविज्ञान के लिए, घुघुवा नेशनल पार्क खज़ाने का एक बॉक्स से कुछ कम नहीं है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, यह पेड़ के जीवाश्म लगभग 40 से 150 मिलियन मिलियन साल पुराने है और प्रोटेरोज़ोइक काल के हैं।यह पार्क पार्क न केवल देश का एक अमूल्य खजाना है बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए अनमोल है। यह पार्क, पृथ्वी ग्रह पर जीवाश्मों के बारे में कई जानकारियां प्रदान करता है और इस ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में भी कई बातें बताता है।PC: NJneeraj
कैसे पहुंचे
गौहुआ फॉसिल पार्क का सबसे नजदीकी स्टेशन और बस स्टैंड जबलपुर हैं..जोकि यहां से 87 किमी की दूरी पर स्थित है। सैलानी यहां से आराम से बस या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।PC:NJneeraj
पन्ना-हीरो का शहर
पन्ना एक भारतीय शहर है जो मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है। पन्ना, हीरों की प्रसिद्ध खदान के लिए जाना जाता है। इस शहर में हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व भी काफी है। इसी शहर में महामती प्राणनाथ ने आत्म जागृति का उपदेश दिया था और जगानी का झंडा भी फहराया था। ऐसा माना जाता है कि पन्ना में अपने चेलों के साथ 11 साल गुजारने के बाद महामती गुरू ने यही समाधि लेने का फैसला किया था। यहां आने वाले सैलानी पन्ना में पर्यटन स्थल के रूप में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, साथ ही वहां पांडव गुफाएं और पांडव झरना भी देख सकते है।
कैसे पहुंचे पन्ना
पन्ना, राज्य के अन्य शहरों और टाउन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह खुजराओ से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन सतना है जोकि 75 किमी की दूरी पर है।
भीमबेटका
भीमबेटका भीमबैठका भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रो को
पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है।भीम बेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। PC :Felix Arokiya Raj
कैसे पहुंचे
भीमबेटका भोपाल से 45 किमी की दूरी पर स्थित है.. सैलानी यहां से आराम से बस या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।PC:Anju2016
शिवपुरी
इसे शाब्दिक शब्दों में "भगवान शिव का शहर"भी कह सकते हैं...शिवपुरी घने जंगलों के बीच स्थित है..बताया जाता है कि यहां पहले के समय में यहां मुगल शासक शिकार खेलने आते थे। बाद में शिवपुरी सिंधिया वंश की गर्मियों की राजधानी बन गई। यहां का कारेरा पक्षी अभयारण्य और माधव राष्ट्रीय पार्क, शिवपुरी में आने वाले पर्यटकों के लिए उत्तम जगह है जहां वह प्रकृति और शांति के अद्भुत सह - अस्तित्व को देख सकते है।PC:Teacher1943
कैसे पहुंचे
हवाईजहाज द्वारा
शिवपुरी का नजदीकी एयरपोर्ट ग्वालियर है..जहां से शिवपुरी बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन द्वारा
शिवपुरी का रेलवे स्टेशन शिवपुरी रेलवे स्टेशन है..जोकि भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
सड़क द्वारा
शिवपुरी सभी राजमार्गों से जुड़ा हुआ है..यहां दिल्ली,होपल झाँसी, आगरा से आसानी से पहुंचा जा सकता है।PC: Teacher1943
कहां रुके
शिवपुरी में पर्यटकों के लिए कई सारे होटल आदि है...जहां पर्यटक आराम से रुक को कर इस जगहों को निहार सकते हैं सैलानी यहां से आराम से बस या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।