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इन तीर्थ स्थल की सैर..कराती है स्वर्ग की सैर

आध्यात्मिकता और भारत एक ही सिक्का के दो पहलू हैं। भारत में ऐसे ही खूबसूरत आलीशान जगहों में ये 5 जगह भी आती हैं जिन्हें भले ही अलग अलग नाम से पुकारा जाए पर हैं ये एक ही शक्ति की रूपरेखा।

By Goldi

आध्यात्मिकता और भारत एक ही सिक्का के दो पहलू हैं। भारत विभिन्न संस्कृति और धर्मों का घर है, दुनिया में सबसे अधिक धर्म हमारे राष्ट्र में है। हज़ारों सालों से अनेकों धर्मों, जातियों को समेटे हुए भारत खूबसूरती की इबारत लिखता रहा है।

हिन्दू बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के महत्त्वपूर्ण केंद्र एलोरा की कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरेंहिन्दू बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के महत्त्वपूर्ण केंद्र एलोरा की कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें

ऐसे ही खूबसूरत आलीशान जगहों में ये 5 जगह भी आती हैं जिन्हें भले ही अलग अलग नाम से पुकारा जाए पर हैं ये एक ही शक्ति की रूपरेखा। वो शक्ति जिसने भारत को नई नवेली दुल्हन की तरह अनेकों वादियों से, झीलों से, इमारतों से सजाया है।

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तो चलिए इस बार सैर की जाये भारत के 5 आलीशान धार्मिक स्थलों की जहाँ हर साल हज़ारों की तादात में श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर सैंकड़ों मील दूरी का सफर तय करके यहाँ पहुँचते हैं। जिसके कारण यह स्थल लोगों के बीच खासा मशहूर हैं। जहाँ पहुंचकर आप न सिर्फ आस्था से इन जगहों से जुड़ेंगे बल्कि यहाँ का मनोरम दृश्य आपको वहीँ रह जाने को मजबूर कर देगा। एक नज़र में देखें भारत के 5 खूबसूरत वातावरण वाले ऐतिहासिक धार्मिक स्थल।

वैष्णो देवी मंदिर,जम्मू

वैष्णो देवी मंदिर,जम्मू

वैष्णो देवी मंदिर जम्मू से लगभग 42 किलोमीटर दूर कटरा नामक स्थान पर स्थित है। वैष्णो देवी मंदिर हज़ारों लाखों की आस्थाओं की धरोहर जम्मू कश्मीर में है। जहाँ साल-भर भारी संख्या में श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में अनेकों कहानियां है कहा जाता है कि देवी वैष्‍णों इस गुफा में छिपी और एक राक्षस का वध कर दिया था। इस मंदिर का मुख्‍य आकर्षण गुफा में रखे तीन पिंड है। मंदिर के पिंड एक गुफा में स्‍थापित है, गुफा की लंबाई 30 मी. और ऊंचाई 1.5 मी. है।PC: Abhishek Chandra

कैसे जाएँ-

कैसे जाएँ-

वैष्णो देवी की यात्रा का पहला पड़ाव जम्मू है। जम्‍मू देश और विदेशों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। देश के दूर-दराज हिस्‍सों से आने वाले पर्यटक जम्‍मू हवाई अड्डे तक प्‍लेन से आ सकते है। विदेशों से आने पर्यटकों को दिल्‍ली के रास्‍ते से आना होगा। अगर आप ट्रेन द्वारा जाना चाहते हैं तो रेलयात्री, जम्‍मू के तवी रेलवे स्‍टेशन तक आ सकते है वहां से बस या टैक्‍सी से होटल या सैर पर जा सकते है। पहाड़ी इलाका होले के कारण यहां दूसरे शहरों से बसों का आवागमन बहुत ज्‍यादा नही है लेकिन कई शहरों से प्राईवेट बसें मिल जाती है।PC:Abhishek Chandra

अजमेर शरीफ

अजमेर शरीफ

जयपुर से करीब 132 किलोमीटर दूर अजमेर सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है। हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह एक ऐसा पाक शफ्फाक नाम है जिसे मात्र सुनने से ही रूह को सुकून मिलता है। अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की मजार की जियारत कर दरूर-ओ-फातेहा पढ़ने की चाहत हर ख्वाजा के चाहने वालों की होती है। वो एक बार इस दरबार में अपनी हाज़िरी लगाने अवश्य आना चाहते हैं। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके जहन में सिर्फ अकीदा और लबों पर शांति अमन का पैगाम ही बाकी रहता है।

PC:SINHA

कैसे पहुंचें

कैसे पहुंचें

सड़क द्वारा
अजमेर शहर दिल्ली और मुंबई के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्वर्णिम चतुर्भुज पर स्थित है। इसके अलावा, अजमेर राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर और भरतपुर जैसे सभी प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य संचालित बसों के अलावा कई पर्यटक बसों की सेवा भी उपलब्ध है।

ट्रेन द्वारा
अजमेर जंक्शन अजमेर का निकटतम रेल्वे स्टेशन है। क्योंकि यह राज्य का प्रमुख रेल्वे स्टेशन है, यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल उपलब्ध हैं।

हवाईजहाज
जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का निकटतम हवाई अड्डा है जो 132 किमी. की दूरी पर स्थित है। शहर तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से किराये की टैक्सी ली जा सकती है। यह हवाई अड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है।

तिरुपति मंदिर

तिरुपति मंदिर

यह मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। वेंकटेश्वर मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण आलीशान मंदिरों में से एक हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति अटूट रहती है। इस मंदिर की खूबसूरती और वातावरण तारीफ़ करने लायक है।वेंकटेश्वर मंदिर के शिखर पर स्वर्ण पत्थर (सोने का पत्थर) चढ़ा हुआ है। यह मंदिर धार्मिक मान्यता में तो लोकप्रिय है ही साथ ही साथ इसके शिखर पर सोने का पत्थर देखने के लिए भी पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है।PC: Vimalkalyan

कैसे जाएँ

कैसे जाएँ

सड़क द्वारा
तिरुपति में राज्य का सबसे बड़ा बस टर्मिनल है। दक्षिण भारत के सभी प्रमुख शहरों से यहाँ के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। अलिपिरी बस स्टॉप से प्रत्येक दो मिनिट में तिरुमाला के लिए बसें उपलब्ध हैं।

रेलवे द्वारा
तिरुपति एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहाँ से पूरे देश के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं। रेनिगुंटा जंक्शन रास्ते द्वारा तिरुपति से मात्र 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। गुडुर जंक्शन तिरुपति से 84 किमी. की दूरी पर स्थित है।

हवाई जहाज द्वारा
तिरुपति हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया गया है परन्तु अभी तक यहाँ से कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें नहीं हैं। वर्तमान में यहां से हैदराबाद, दिल्ली, विज़ाग, कोयम्बतूर, कोलकाता और मुंबई के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं। हवाई अड्डा शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चेन्नई है।

PC: Nikhilb239

शिर्डी

शिर्डी

महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित, मुंबई से लगभग 295 किमी दूर शिर्डी 1 9वीं शताब्दी के संत श्री साई बाबा का निवास स्थान है। शिरडी साईं मंदिर बहुत ही सुन्दर है और यह मंदिर श्री साई बाबा की समाधि के ऊपर बना है। इस मंदिर में हिन्दू ,पारसी और मुस्लिम, दुनिया के चारों ओर से दर्शन के लिए आते है।PC:Andreas Viklund

कैसे पहुंचे शिर्डी

कैसे पहुंचे शिर्डी

सड़क द्वारा
बई से शिरडी और शिंगणापुर के लिए प्रतिदिन बसें चलती हैं. रात दस बजे के आसपास बोरीवली से बस सेवा शुरू होती है जो अगले दिन सुबह शिरडी पहुंचती है।दिन में साईं के दर्शन और शाम तक शनि शिंगणापुर के दर्शन कर आप राज 10 बजे वापस बस पकड़ लें जो आपको अगले दिन सुबह मुंबई पहुंचा देगी। बस का किराया सुविधाओं के अनुसार 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक हो सकता है।

वायु मार्ग
अगर आप देश के दूसरे प्रांत से हवाई मार्ग के जरिए शिरडी पहुंचना चाहते हैं तो मुंबई या पुणे उतर कर यहां से टैक्सी, बस या ट्रेन के जरिए शिरडी (या मनमाड) पहुंच सकते हैं।

द्वारका

द्वारका

द्वारिकाधीश को जगत मंदिर के रूप में जाना जाता है जो भगवान कृष्ण को समर्पित! यह मंदिर हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले चार धाम तीर्थयात्रा मे से एक है, गुजरात मे गोमती नदी के तट पर स्थित है। धार्मिक स्थल में कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं, सबसे प्रसिद्ध द्वारकादिश मंदिर, मूल रूप से 200 ई.पू. में बनाया गया था और 17 वीं शताब्दी में पुनर्निर्माण के बाद वंडल ने इसे अपवित्र कर दिया था। इस क्षेत्र में अन्य मंदिरों में देवी रूक्मिणी मंदिर और नागेश्वर मंदिर शामिल

PC:Scalebelow

कैसे पहुंचे द्वारका

कैसे पहुंचे द्वारका

देश के सभी प्रमुख शहरों से वायु, रेल या सड़क मार्ग से द्वारका पहुंचा जा सकता है।

फ्लाइट द्वारा : द्वारका का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा जामनगर में स्थित है जो लगभग 137 किमी. की दूरी पर स्थित है जहाँ से आप टैक्सी द्वारा द्वारका पहुँच सकते हैं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जामनगर के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।

रेल द्वारा : द्वारका स्टेशन अहमदाबाद - ओखा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर स्थित है जहाँ से राजकोट, अहमदाबाद और जामनगर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा कुछ ट्रेन सूरत, वड़ोदरा, गोवा, कर्नाटक, मुंबई तथा केरल तक भी जाती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा : द्वारका का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा जामनगर में स्थित है जो लगभग 137 किमी. की दूरी पर स्थित है जहाँ से आप टैक्सी द्वारा द्वारका पहुँच सकते हैं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जामनगर के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।PC: Emmanuel DYAN

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