शहर अपने किलों और महलों के लिए लोकप्रिय है। जय सिंह द्वारा स्थापित इस शहर को भारत का गुलाबी शहर" loading="lazy" width="100" height="56" />राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर अपने किलों और महलों के लिए लोकप्रिय है। जय सिंह द्वारा स्थापित इस शहर को भारत का गुलाबी शहर
गुलाबी नगरी छोड़िये..और घूमिये राजस्थान की ब्लू सिटी को..
पर्यटकों के बीव लोकप्रिय यह पर्यटन स्थन भारत के गोल्डन ट्रायंगल टूरिज्म का भी हिस्सा है। दो अन्य शहर दिल्ली और आगरा हैं। कई स्मारकों के अलावा जयपुर कुछ सुंदर मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। आज हम आपको जयपुर के पांच प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
बिरला मंदिर
देशभर में अनके बिड़ला मंदिर है और जयपुर में भी एक बिड़ला मंदिर है। इसे लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है। इसे 1988 में बिरला परिवार द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
ये मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इस मंदिर में तीन गुंबद हैं जो भारत के तीन प्रमुख धर्मों को दर्शाता है। बिड़ला मंदिर के दर्शन करने का सबसे सही समय कृष्ण जन्माष्टमी को होता है। इस त्योहार पर मंदिर में बड़ी धूम देखने को मिलती है। यह मंदिर रोज सुबह 8 बजे से दोपहर के 12 बजे और फिर शाम के 4 बजे से रात के 8 बजे तक खुलता है।
PC:Chris Brown
गोविंद जी मंदिर
भगवान शिव का ही एक रूप हैं गोविंद दी। जयपुर का यह मंदिर गोविंद जी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण महाराणा प्रताप सिंह 2 ने 1735 में करवाया था।
मान्यता है कि इस मंदिर की मूर्ति का निर्माण भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभा द्वारा किया गया था। जयपुर शहर के संस्थापक राजा सवाई जय सिंह 2 द्वारा इस मूर्ति को वृंदावन से लाकर यहां स्थापित किया गया था।
मंदिर के द्वार रोज़ सुबह 4.30 से दोपहर 11.30 तक और सांय को 5.45 से रात्रि के 9.30 तक खुलते हैं।PC: Siddharth429
गलताजी मंदिर
राजस्थान का गुलाबी शहर जयपुर भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। अरावली की पहाडियों पर गलताजी मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है और यहां से आपको पूरे जयपुर शहर का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेगा। 16वीं शताब्दी से ये स्थान हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल बना हुआ है। इसे दीवान राव कृपापरम द्वारा बनवाया गया था जोकि राजपूत शासक सवाई जय सिंह के सलाहकार थे।
इस मंदिर को गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर के खंभों और छत पर सुंदर नक्काशी की गई है। इस एक मंदिर में कई अन्य छोटे मंदिर हैं जिसमें हनुमान जी को समर्पित मंदिर मुख्य मंदिर माना जाता है। यहां पर भगवान राम और भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर भी स्थापित हैं। मंदिर के द्वार पूरा दिन खुले रहते हैं।
शिला देवी मंदिर
शिला देवी को समर्पित है शीला देवी मंदिर जोकि शानदार अंबर किले में स्थित है। इस मंदिर की मुख्य मूर्ति के रूप में एक शिला और पत्थर की पूजा की जाती है जो समुद्र में मिला था। इसी के बाद इस मंदिर का नाम शिला देवी पड़ गया।
कुछ समय पूर्व यह मंदिर अपने आप ही इस किले में आकर स्थापित हो गया था। जिसके बाद से उसी स्थान पर इसकी पूजा की जाती है। मंदिर परिसर को 10 साल पूर्व की बनाया गया है और इस मंदिर के दरवाज़े चांदी के बने हुए हैं। नवरात्रि के दौरान हज़ारों श्रद्धालु मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।PC: Abhishek Shirali
गढ़ गणेश मंदिर
भगवान गणेश को समर्पित ये प्राचीन मंदिर नाहरगढ़ और जयगढ़ किलों की पहाडियों के निकट स्थित है। इस मंदिर में गणेश चतुर्थी और दीवाली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
मंदिर में भगवान गणेश के बाल स्वरूप की पूजा होती है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा मंदिर की शिल्पकला बनाई गई है और उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ के दौरान इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
अगर आप धार्मिक यात्रा पर निकले हैं तो आपको जयुपर के इन पांच मंदिरों के दर्शन जर करने चाहिए। वहीं जयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए भी जयपुर के ये खास मंदिर एक अलग महत्व रखते हैं।