भारत के दक्षिण में बसे और भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में शुमार तमिलनाडु ने हमेशा से ही अपनी एक अलग संस्कृति और अनोखी सभ्यता के चलते देश विदेश से आने वाले पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। यूँ तो इस राज्य का जब भी ज़िक्र होता है तब गर्मी, पसीने और उमस की कल्पना एक आम बात है। लेकिन अब जो हम आपको बताने वाले हैं वो आपको आश्चर्य में डालने के लिए काफी है। एक तरफ जहां तमिलनाडु का शुमार भारत के सबसे राज्यों में है तो वहीं दूसरी तरफ यहां मौजूद एक से बढ़कर एक हिल स्टेशन इस राज्य को पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बना रहे हैं।
तमिलनाडु के ये हिल स्टेशन जहां एक तरफ प्राकृतिक सुंदरता से भरे पड़े हैं तो दूसरी तरफ ये हिल स्टेशन उन लोगों का भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं जिन्हें शांति और कुछ नए कि तलाश है।जी हां इसी क्रम में आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको अवगत कराएँगे तमिलनाडु में मौजूद हिल स्टेशनों से।
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तो अब देर किस बात कि यदि आप हिल स्टेशन पर वेकेशन मनाने के शौक़ीन हैं तो अब आप अपनी अगली छुट्टियों में दक्षिण का रुख करें और तमिलनाडु आएं और करीब से इन खूबसूरत और मन को मोह लेने वाले हिल स्टेशनों की सुन्दरता को महसूस करें। । तो आइये जानें कि वो कौन कौन से हिल स्टेशन हैं जिनको आप तमिलनाडु आने के बाद देख सकते हैं।
ऊटी
ऊटी नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर शहर है। इस शहर का आधिकारिक नाम उटकमंड है तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए इसे ऊटी का संक्षिप्त नाम दिया गया है। भारत के दक्षिण में स्थित इस हिल स्टेशन में कई पर्यटक आते हैं। यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है। ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है। इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) भी कहा जाता है। ये फूल नीले रंग के होते हैं तथा जब ये फूल खिलते हैं तो घाटियों को नीले रंग में रंग देते हैं। ऊटी के आकर्षणों के लिए यहां क्लिक करें - क्या करें ऊटी में।
यरकौड
यरकौड तमिलनाडु की शेवारॉय पहाड़ियों में स्थित है तथा पूर्वी घाटों में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह 1515 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और खुशनुमा मौसम बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यद्यपि यरकौड को कभी कभी गरीब लोगों का उटकमंडलम भी कहा जाता है क्योंकि प्रसिद्ध हिल स्टेशन ऊटी की तुलना में यहाँ चीज़ें अधिक सस्ती हैं।यरकौड स्थानीय तथा विदेशी पर्यटकों में तीव्रता से लोकप्रिय हो रहा है। यरकौड मुख्य रूप से कॉफ़ी, संतरा, कटहल, अमरुद, इलायची और काली मिर्च के पौधों के लिए जाना जाता है। यरकौड के आकर्षणों के लिए यहां क्लिक करें - यरकौड के आकर्षण
येलागिरी
येलागिरी को एलागिरी भी कहते है, यह तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में बसा हुआ छोटा सा हिल स्टेशन है और इसको पर्यटकों का स्वर्ग भी कहा जाता है। इसका इतिहास प्रवासिय समय का है जब सारा येलागिरी वहां के ज़मीदारों की निजी संपत्ति हुआ करती थी जिनके घर आज भी रेड्दीयुर में मौजूद है। 1950 दशक के शुरुवात में, भारत सरकार द्वारा येलागिरी ले लिया गया था। यह जगह समुद्र तल से 1048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और आदिवासी आबादी वाले लगभग 14 गांवों का एक समूह यहाँ है। विभिन्न जनजातियों की आबादी वाला यह हिल स्टेशन, तमिलनाडु के अन्य हिल स्टेशन जैसे ऊटी या कोडैकनाल की तरह विकसित नहीं है। येलागिरी में क्या कर सकते हैं आप।
कोडैकनाल
कोडैकनाल पश्चिमी घाट में पलानी पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर और खूबसूरत हिल स्टेशन है। शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और लोकप्रियता के कारण हिल स्टेशनों की राजकुमारी के रूप में प्रसिद्ध है। तमिलनाडु के डिंडागुल जिले में स्थित शहर समुद्र तल से 2133 मीटर की ऊंचाई पर एक पठार के ऊपर है। कोडैकनाल शहर घाटियों पारप्पर और गुंडर के बीच स्थित है। छुट्टी मनाने के लिये कोडैकनाल आज सबसे प्रसिद्ध गंतव्यों में से एक है। यह हनीमून जोड़ों का पसंदीदा स्पॉट है। वृक्षों के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के साथ घने जंगल के बीच स्थित, चट्टानों और झरनों को देखना हो तो यहां जरूर जायें। जाइए क्या देख सकते हैं आप कोडैकनाल में। कोडैकनाल के अट्रैक्शन
कुन्नूर
कुन्नूर एक ऐसा हिल स्टोशन है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के मानस पटल पर अमिट छाप छोड़ जाता है जिससे बचपन की साधारण और आश्चर्य कर देने वाली यादें ताजा हो जाती हैं। ऊटकामुण्ड के विश्वप्रसिद्ध हिल स्टेशन के निकट इस हिल स्टेशन पर आने के बाद आप यहाँ की वादियों में खो जायेंगे। समुद्र तल से 1850 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इसे छोटे से अलासये शहर के वातावरण से आपको तुरन्त ही प्यार हो जायेगा। कुन्नूर के आकर्षण
कोटागिरी
नीलगिरी जिले में स्थित कोटागिरी को एक प्रमुख हिल स्टेशन होने के नाते इसे कुन्नूर व ऊटी की श्रेणी में रखा जा सकता है। यह तीनों में कई मामलों में सबसे पीछे है,लेकिन खूबसूरत वातावरण के मामले में सबसे पीछे नहीं है। यहीं से ईसाई मिशनरी के पुत्र, राल्फ थामस हाचकिन ग्रिफिथ, नें वेदों के अनुवाद का शुभारम्भ किया था। हिल स्टेशन, समुद्र तल से 1793 मीटर की शानदार ऊंचाई पर स्थित है, और ट्रैकिंग अभियानों के लिए एक बेहतर स्थान है। यहां इसी तरह के और भी बहुत से ट्रैकिंग स्थल नीलगिरी के कई अन्य भागों में बसे हुए हैं। तथा जहां मानवीय सभ्यता अभी भी नहीं पहुंची हैं। कोटागिरी के आकर्षण
कोल्ली हिल्स
कोल्ली हिल्स भारत के तमिलनाडु राज्य में नामक्कल जिले में स्थित पर्वत श्रेणी है। ये पर्वत श्रेणियां लगभग 280 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फ़ैली हुई हैं तथा इनकी ऊँचाई लगभग 1000 से 3000 मीटर है। यह पूर्वी घाटों का एक भाग है तथा अभी तक मानवीय गतिविधियों और व्यापारिक शोषण से अछूता है, अत: आज भी इसने अपनी प्राकृतिक भव्यता को बना रखा है। कोल्ली हिल्स के प्रमुख पर्यटक आकर्षण
मेघामलाई हिल्स
मेघामलाई पहाड़ी, थेनी से 70 किमी. की दूरी पर पश्चिमी घाट पर स्थित है। यह समुद्र स्तर से 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान समृद्ध जीवों और वनस्पतियों से घिरा है। यहां लगभग 100 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान बेहद खास है। तमिलनाडु सरकार ने यहां पक्षियों की विविधता को देखते हुए एक पक्षी अभयारण्य की स्थापना की है। मेघामलाई पहाड़ी पर कई प्रकार के जानवर, सरीसृप और तितलियां पाई जाती है।
वालपराई
वालपराई एक ऐसा हिल स्टेशन है जो कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। समुद्र तल से 3500 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन तमिलनाडू के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। वालपराई, अनामलाई पर्वत श्रेणी का एक भाग है और यह कोइम्बतुर जिले के अंतर्गत आता है। लगभग 170 साल पहले मानव बस्ती के बसने के बावजूद, इस हिल स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कई पर्वतीय विस्तार आज भी सीमा से बंधे नहीं है। क्या करें वालपराई में