बर्फ देखना किसे पसंद नहीं होता लेकिन अब सर्दियां जा रहीं है। यानी स्नो फाल देखने के लिए हमे एक और साल का इंतजार करना पड़ेगा लेकिन मैंने आए वाले साल का इंतजार ना करते हुए अपने दोस्तों के साथ चार दिन का दिल्ली से चैल तक प्लान बना डाला। हमने दूसरे दिन ही दिल्ली से कुफरी जाने के एक कैब हायर की और निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर।
कितने दिन-4 दिन
दिल्ली-शिमला-कुफरी-चैल
पहला दिन
दिल्ली से शिमला रूट
दिल्ली-पानीपत-अंबाला-चंडीगड़-शिमला
हमने पहले दिन दिल्ली से शिमला की यात्रा प्लान की और सुबह 6 बजे निकल पड़े अपने गड्डी लेकर। दिल्ली से शिमला जाने के लिए हमने नेशनल हाइवे 1 को चुना और पांच घंटे की लम्बी यात्रा के बाद हम 11 बजे पहुंच गये चंडीगढ़।
चंडीगढ़ पहुंचते पहुंचतें हमें जोरो की भूख लग चुकी थी। जिसके चलते हमने रोड साइड ढाबा पर खाना खाया।चंडीगढ़ के बाद हमारी अगली मंजिल थी, शिमला जोकि चंडीगढ़ से महज 116 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।
नेशनल हाइवे 22 को लेते हुए हम निकल पड़े शिमला। चंडीगढ़ से शिमला जाते हुए हमने कई सारी तस्वीरें भी क्लिक की।करीबन 3 बजे हम सभी हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंच चुके थे।
शिमला पहुंचते पहुंचते हम बुरी तरह थक चुके थे..जिसके चलते हमने तुरंत होटल बुक किया और सबसे पहले आराम किया और एक अच्छी नींद ली। शिमला में होटल आपको काफी वाजिब दामों में उपलब्ध हो जायेंगे। शिमला में आराम करने के बाद हम सब दोस्त होटल के आसपास के क्षेत्र को घूमने निकल पड़े। हमारे होटल के करीब ही एक चर्च था।
यह जगह पूरी तरह सैलानियों से खचाखच भरी हुई थी। थोड़ा आगे चलते हुए हम माल रोड पहुंचे यहां हमने जमकर स्नैक्स का मजा लिया और साथ ही विंडो शॉपिंग भी की।माल रोड घूमने के बाद हम सभी अपने होटल वापस आ गये।
दूसरा दिन
दूसरे दिन हम सभी जल्दी उठ गये क्योंकि हमें यहां से कुफरी के लिए निकलना था जोकि यहां से करीबन 16 किमी की दूरी पर स्थित है। हम सब ने सुबह उठकर नहा धोकर हनी हट में एक अच्छा सा नाश्ता किया और फिर कुफरी के लिए शिमला से रवाना हो लिए।
यूं तो शिमला से कुफरी की दूरी महज 16 किमी है लेकिन हमे यहां पहुंचने में करीबन 1:30 घंटा लगा। शिमला से कुफरी का रास्ता हल्का सा खराब है साथ ही ये पहाड़ी इलाका है तो यहां गाड़ी थोड़ा संभाल के चलानी पड़ती है।
शिमला से कुफरी जाने वाला रास्ता बेहद ही मनोरम था हमने इस रास्ते पर कई तस्वीरें भी क्लिक की। बता दें, कुफरी 2,745 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल का एक छोटा सा क़स्बा है। कुफरी में पहुंचने के बाद हम सभी ने थोड़ा आराम किया और निकल पड़े कुफरी की सैर पर।
कुफरी में हम सबसे पहले पहुंचे महासू पीक। सैलानी इस पर्वत शिखर से स्पष्ट रूप से बद्रीनाथ और केदारनाथ पर्वतमाला को देख सकते हैं। एक उच्च ऊंचाई पर बसे होने के कारण पर्यटक ट्रैकिंग, स्कीइंग और यहाँ लंबी पैदल यात्रा जैसे रोमांचक खेलो का यहां आनन्द ले सकते हैं।
महासू पीक के बाद हम पहुंचे इंदिरा पर्यटक पार्क है जोकि कुफरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पर्यटक इस पार्क में याक और टट्टू की सवारी का आनंद ले सकते हैं।पार्क में कैफे भी मौजूद है जो लजीज नाश्ता और पेय पदार्थ पेश करता है।
इंदिरा पर्यटक पार्क के पार्क के पास ही ग्रेट हिमालयन नेचर पार्क स्थित है। ग्रेट हिमालयन नेचर पार्क पक्षियों और जानवरों की 180 से अधिक प्रजातियों का घर है। फागू , कुफरी से 6 किमी दूरी पर स्थित, शांति प्रेमियों के बीच एक
लोकप्रिय गंतव्य है। सुरम्य पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है, यह गंतव्य एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल भी है।
कुफरी में इतना सब घूमने के बाद हमने चैल जाने का निश्चय किया और निकल पड़े अपनी अगली मंजिल चैल की ओर।कुफरी से शिमला की दूरी 30 किलोमीटर है जिसे हमने दो घंटे में पूरा किया। पहाड़ी रस्ते होने के कारण इस रास्ते पर गाड़ी बेहद आराम से चलानी पड़ती है।
हिमाचल प्रदेश का चैल पहाड़ो से घिरा हुआ छोटा सा हिल स्टेशन है। इतना ही नहीं यहां और जगह के मुकबले ठंडक भी ज्यादा रहती है। अगर आप चैल जा रहे है तो ऊनी कपड़े ले जाना बिल्कुल भी ना भूले।
चैल पहुंचने के बाद हमने एक होटल बुक किया वहां थोड़ा आराम किया और अपनी बालकनी से चैल के मनमोहक द्रश्यों के साथ शाम का नाश्ता किया। हमारे कमरे से चैल का काफी खूबसूरत नजर आ रहा था। शाम के नाश्ते के बाद हम सब ने चैल घूमने का प्लान बनाया और निकल पड़े।
हमने चैल में वहां के लोकल मार्केट घूमे साथ ही जमकर विंडो शॉपिंग का मजा लिया। बाजर घूमते समय हमने वहां एक अच्छा सा होटल खोज निकाला जिसका नाम था कैलाश रेस्तरां। वह हम सभी दोस्तों ने एक अच्छा सा डिनर किया और अपने होटल वापस आ गये।
तीसरे दिन
तीसरे दिन सुबह जल्दी उठने के बाद हम सब सिद्ध बाबा के मंदिर पहुंचे। सिद्ध बाबा का मंदिर पटियाला के राजा द्वारा बनवाया गया था। इसी मंदिर के पास विश्व का सबसे क्रिकेट ग्राउंड भी स्थित है। हम वहां भी गये और वहां कुछ तस्वीरें भी क्लिक की। मंदिर और स्टेडियम घूमने के बाद हम सभी ने होटल वापस आकर एक अच्छा सा नाश्ता किया।
नाश्ता करने के बाद हमने एक लोकल कैब ली और चैल के भ्रमण के लिए निकल पड़े। चैल ट्रैकिंग और फिशिंग के लिए उत्तम स्थान है। चैल में हमने ट्रैकिंग और फिशिंग जा भी जमकर आनन्द लिया।
फिशिंग का मजा लेने के बाद हम सबने होटल वापस आकर एक अच्छा सा लंच किया। और निकल पड़े शिमला की ओर। हम चैल से शिमला करीबन पांच बजे तक वापस आ चुके थे।
शिमला वापस आने के बाद हमने शिमला में कुछ देर आराम किया और फिर उसके बाद एक बार फिर से निकल पड़े शिमला घूमने।
शिमला घूमने के बाद हम वापस अपने होटल पहुंचे और डिनर करके सो गये। हम नहीं चाहते थे कि यह दिन खत्म हो क्यों कि अगली सुबह हमें यहां से दिल्ली निकलना था।
चौथा दिन
चौथे दिन सुबह जल्दी उठकर हमने अपने बैग पैक करना शुरू किया और भरी मन से पहाड़ो को अल्व्दा कहते हुए दिल्ली के लिए चल पड़े।
यात्रा टिप्स
-हिमाचल प्रदेश बेहद ही खूबसूरत जगह है लेकिन मानसून में हिमाचल प्रदेश जाने से बचे। क्यों कि यह एक पहाड़ी क्षेत्र है और बारिश में यहां अक्सर भूस्खलन होते रहते हैं।
-अगर आप हिमाचल प्रदेश घूमना चाहते हैं तो आपनी गाड़ी या किराये की गाड़ी से घूमें। लोकल गाडियां लेने से बचे।
-यात्रा के दौरान आप ढाबा पर अच्छा खाना खा सकते है जोकि आपको काफी वाजिब दामों पर मिल जायेगा।