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अगर आपने चांदनी चौक में शॉपिंग नहीं की तो क्या किया

यदि आप एक ठेठ भारतीय बाजार में खरीदारी का अनुभव करना चाहते हैं, तो चांदनी चौक आप लिए उम्दा जगह है। एक जगह जो आगंतुकों से भरी और छोटे गलियों से भरी रहती है वहां आप कई दिलचस्प उत्पादों को खरीद सकते हैं।

By Goldi

भारत की राजधानी दिल्ली सिर्फ घूमने के लिए ही नहीं बल्कि खरीददारी के लिए भी काफी प्रसिद्ध है...जी हां हम बात कर रहें हैं दिल्ली के मशहूर बाजर चांदनी चौक। जी हां अगर आप पुरानी दिल्ली गए और आपने चांदनी चौक के स्वादिष्ट व्यंजनों और खरीददारी का आनंद न उठाया तो आपकी यात्रा समझो अधूरी ही रह गई जामा-मस्जिद से सटा हुआ चांदनी चौक बाजार दिल्ली के प्रमुख्य बाज़ारों में की जाती है। यह प्राचीन बाज़ार दिल्ली का एक महत्वपूर्ण स्थल है। थोक सामान की बिक्री के लिए इस बाज़ार में हमेशा रौनक लगी रहती है। इस बाज़ार के समीप एक सुन्दर पार्क है, जो 'कंपनी गार्डन' के नाम से जाना जाता है।

चाँदनी चौक को मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा द्वारा 1648 में स्थापित किया था यह बाज़ार वर्तमान में एशिया का सबसे बड़ा थोक व्यापार का केन्द्र है। इस बाजार में करीबन 1560 दुकाने है जोकि 1,520 गज में फैला हुई है।

लाल किला भी चांदनी चौक के पास स्थित है जिसका निर्माण 17 वीं सदी में मुगल शासक शाहजहां द्वारा किया गया था।

लाल क़िला के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़भाड़ भरे बाज़ार में सोने-चाँदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए सीसगंज गुरुद्वारा, टॉउन हॉल, लाल मन्दिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।

बेगम समुर पैलेस

बेगम समुर पैलेस

समुर पैलेस एक बगीचे में बना हुआ है, जिसे अकबर शाह ने मुगल बादशाह को तोहफे के तौर पर दिया था। यह बड़ा सा महक बाजार के बीचों बीच स्थित है..हालांकि अब यह बिल्डिंग स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधीन है।

चुन्‍नामल हवेली

चुन्‍नामल हवेली

चुन्‍नामल हवेली, चांदनी चौक के आकर्षणों में से एक है।यह विशाल इमारत एक एकड़ से अधिक के क्षेत्र में तीन मंजिलों में बनाई गई है। इसमें 128 कमरे हैं। इस हवेली की छत से चांदनी चौक का पूरा नजारा देखा जा सकता है। इस हवेली का निर्माण व्यापारी चुन्‍नामल ने 1864 में करवाया था। इस हवेली को आज चांदनी चौक का दिल कहा जाता है।PC: wikimedia.org

घंटेवाला हलवाई

घंटेवाला हलवाई

घंटेवाला हलवाई की दुकान की स्थापना करीबन 1790 में हुई थी..यह दिल्ली की सबसे पुरानी मिठाई के दुकान है..लेकिन अब यह दुकान बंद हो चुकी है।घंटेवाला हलवाई मुगल शासको और प्रधानमंत्री के मिठाइयाँ बनाने का काम करते थे।PC: flickr.com

परांठे वाली गली

परांठे वाली गली

खाने-पीने का लुफ्त यहाँ बड़े आराम से उठाया जा सकता है। यहाँ के पराठे वाली गली के 'पराठे' मशहूर हैं। दही-भल्ले, चाट-पकौड़ी, जलेबी, फालूदा आइसक्रीम के शौक़ीन यहाँ आकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं। PC: flickr.com

कब जाएँ

कब जाएँ

चांदनी चौक यूं तो आप कभी भी जा सकते है लेकिन घूमने का समय अक्टूबर से मार्च तक सबसे उचित है।PC: flickr.com

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