बैंगलोर, भारत के सबसे विकसित और उद्यमी शहरों में से एक है। पेड़-पौधों और पार्को से घिरे होने के कारण इसे गार्डन सिटी ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। हालांकि, पिछले 20 सालों में इस शहर का काफी विकास हुआ है। अब बैंगलोर को भारत की सिलिकॉन घाटी के नाम से पुकारा जाता है।
बैंगलोर शहर पुराने और नए को बेजोड़ मेल है। हालांकि इस शहर में अब भीड़ और प्रदूषण भी बहुत ज्यादा है। सालभर बैंगलोर का मौसम काफी सुहावना रहता है। ये शहर भारत के सभी हिस्सों और अंतर्राष्ट्रीय जगहों से जुड़ा हुआ है। इस शहर में कन्नड़ भाषा बोली जाती है और यहां पर हर इंसान को कम से कम दो भाषाएं तो आती ही हैं।
खाने पीने, घूमने फिरने के अलावा भी बहुत कुछ है कर्नाटक की फ़िज़ाओं में
कर्नाटक में वो समर एक्टिविटी जो गर्मी में भी आपको रखेंगी ठंडा ठंडा कूल कूल
मलूर मुख्य रूप से एक कृषि समुदाय है। इसे टाइल और ईंटों के उद्योग के लिए भी जाना जाता है। ये ईंटे और टाइल्स बैंगलोर और चेन्नई निर्यात की जाती हैं। मलूर में कई नामचीन फैक्ट्रियां जैसे हॉन्डा मोटरसाइकिल लि, महिंद्रा ऐरोस्पेस, मेदिनोवा आदि स्थापित हैं। मलूर के लोगों को यहां रोज़गार भी मिल जाता है।
मलूर जाने का सही समय
बैंगलोर के पास होने के कारण मलूर का मौसम बहुत बढिया रहता है। गर्मी में यहां का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहता है। सर्दी और मॉनसून में मलूर का मौसम सुहावना रहता है। सालभर में आप कभी भी मलूर घूमने आ सकते हैं।PC:Thiyagu Ganesh
कैसे पहुंचे मलूर
वायु मार्ग : बैंगलोर का केंपे गोवड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मलूर के सबसे निकट है। मलूर से इसकी दूरी 32 किमी है।
रेल मार्ग : बैंगलोर से मलूर तक 19 ट्रेनें वलती हैं और इनमें से दो तो सुपरफास्ट ट्रेन हैं। बैंगलोर से मलूर पहुंचने में आपको 1 घंटे का समय लग सकता है। वैसे ये ट्रेन की रफ्तार पर निर्भर करता है।
सड़क मार्ग : बैंगलोर से सड़क मार्ग द्वारा मलूर पहुंचने के तीन रूट हैं।
पहला रूट : बैंगलोर - कृष्णराजपुरा - होस्कोटे - एनएच 75 से मलूर और मलूर बृह्न्हल्ली रोड़। इस 45 किमी के सफर को तय करने में आपको 1 घंटे 45 मिनट का समय लग सकता है।
दूसरा रूट : बैंगलोर - मराठाहल्ली - व्हाइटफील्ड - मदनहल्ली - मलूर तक हल ओल्ड एयरपोर्ट रोड़। इस 47 किमी के सफर को तय करने में आपको 2 घंटे का समय लग सकता है।
तीसरा रूट : बैंगलोर - कैरमेलरम - चिक्का तिरुपति - मलूर तक बैंगलोर - मलूर रोड़। 53 किमी लंबे इस सफर में आपको 2 घंटे लग सकते हैं।
पहला रूट, दूसरे और तीसरे रूट की तुलना में छोटा है इसलिए आपको पहले रूट से सफर तय करना चाहिए।
दर्शिनी में नाश्ते का मज़ा
आप शहर की स्थानीय दर्शिनी से नाश्ते की शुरुआत से बैंगलोर शहर घूमने की शुरुआत कर सकते हैं। बैंगलोर में नाश्ते में मसाला डोसा, केसरी भात, खारा भात, इडली और वड़े मिलते हैं।
भारत में बैंगलोर शहर में सबसे बढिया फिल्टर कॉफी मिलती है। यहां पर आप एमजी रोड़ और कमर्शियल स्ट्रीट पर शॉपिंग का मज़ा ले सकते हैं। ये मलूर के रास्ते में ही पड़ेगा। कमर्शियल स्ट्रीट पर सिल्वर और इंडियन एथनिक ज्वेलरी की काफी वैरायटी मिलती है।PC: Harsha K R
रास्ते में पड़ेंगे ये मंदिर
बैंगलोर से कृष्णराजपुरम तक की 13 किमी की दूरी में आपको एक घंटे का समय लगेगा। इसके बाद 18 किमी दूर पड़ता है होस्कोटे। होस्कोटे में कुछ मंदिर जैसे अविमुक्तेश्वर मंदिर, वरदराज मंदिर और विथोबा मंदिर आदि हैं। होस्कोटे में स्थित हनुमान जी का अंजनेयस्वामी मंदिर 800 साल पुराना है।
होस्कोटे मलूर 41 मिनट दूर है। इन दोनों जगहों के बीच की दूरी लगभग 20 किमी है। मस्ती वेंकेटेशा ल्यंगर नामक अवॉर्ड से सम्मानित लेखक मलूर के गांव में रहते थे।PC: Rkrish67
मलूर में आकर्षित स्थल
मलूर तालुक में कोडिहल्ली गांव कई तरह के गुलाब के फूलों के लिए प्रसिद्ध है। मलूर का हूलीमंगला गांव गुलाब और शिमला मिर्च के लिए प्रसिद्ध है। यहां से गुलाब और शिमला मिर्च को कर्नाटक के कई क्षेत्रों और आसपास के राज्यों में निर्यात किया जाता है।PC:S N Barid
चिक्का तिरुपति मंदिर
भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित चिक्कातिरुपति मंदिर मलूर का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की स्थापत्यकला तिरुपति वेंकेटेश्वरा मंदिर से मिलती है। मान्यता है कि ये मंदिर काफी प्राचीन है। इस मंदिर में भगवान की मूर्ति के हाथ ऊपर की ओर उठे हुए हैं जबकि तिरुपति की मूर्ति में नीचे की ओर हैं।PC:Ssriram mt
बालंबिका मंदिर
बालंबिका मंदिर भी मलूर का अन्य लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मंदिर है। इस मंदिर में देवी पार्वती को राजाराजेश्वरी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर को 2011 में द्रवडियन शैली में बनवाया गया था। इस मंदिर की संरचना और स्थापत्यकला तमिलनाडु के तंजोर गंगईकोंडा चोलापुरम से मिलता है।
कोलारम्मा मंदिर
मलूर से 25 किमी की दूरी पर स्थित है कोलारम्मा मंदिर जोकि मां पार्वती को समर्पित है। एल आकार में बने इस मंदिर को द्रविड विमान शैली में बनाया गया है।PC:Shailesh.patil