कर्नाटक का नागरहोले नेशनल पार्क एक बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन है। "नागरा" का मतलब सॅाप और "होल" मतलब नदी होता है। यह नाम इसे इसलिए दिया गया क्योंकि इसकी नदी रेंगते हु्ए सॅाप जैसी दिखती है।
इसे राजीव गाँधी नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है और यह कूर्ग का बहुत ही फेमस टूरिस्ट प्लेस है, जहाँ हर साल लाखों के कगार में लोग आते हैं। जिन्हें फोटोग्राफी करने का शौख है उनके लिए भी बेस्ट प्लेस है।
नागरहोले नेशनल पार्क का इतिहास
मैसूर के राजाओं के लिए यह एक नेशनल पार्क महत्तवपूर्ण शिकार करने वाला जगह हुआ करता था।1983 में इसे नेशनल पार्क का नाम दिया गया था और 1995 में इसे वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी बना दिया गया। बंदीपुर नेशनल पार्क और मुदुमलाई फौरेस्ट रिज़र्व के साथ-साथ इसे नीलगिरी बासोस्फेसर रिज़र्व का भी हिस्सा कहा जाता है।
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लोकेशन
नागरहोले नेशनल पार्क मैसूर और कूर्ग के बीच में पड़ता है। बंदीपुर नेशनल पार्क के नार्थ-इस्ट की ओर पड़ता है। काबिनी नदी इस दो नेशनल पार्क को अलग-अलग करता है। मैसूर शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पर स्थित है।
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विज़ीट करने का सही समय
नागरहोले नेशनल पार्क जाने का बेस्ट समय अक्टूबर से फरवरी तक की होता है। टूरिस्ट के घूमने के लिए यह बेस्ट टाइम होता है। बहुत से ऐसे टूरिस्ट हैं जो गर्मियों में भी जाना पसंद करते हैं। सिर्फ बारिश के समय कोई नहीं जाता।
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जानवरों की जनसंख्या
नागरहोले एक प्रोटेक्टेड रिज़र्व है और यहां आपको टाइगर बहुत ही ज़्यादा संख्या में देखने को मिलते हैं। यह नेशनल पार्क बहुत से जानवरों का घर है जैसे- हिरण, चीता, तेंदुआ, हाथी, जंगली बिल्ली इत्यादि। नागरहोले के नदी किनारे आपको हाथियों का झुंड देखने को मिलेगा।
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