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एक अविश्वसनीय यात्रा आगरा से वाराणसी तक

चले एक बेहद खूबसूरत यात्रा पर..इस यात्रा की शुरुआत होती है आगरा के यमुना तट से और खत्म होगी वाराणसी के खूबसूरत गंगा तट के किनारे...

By Goldi

उत्तर प्रदेश स्थित आगरा एक बेहद ही खूबसूरत शहर है..साथ ही एक बेहद ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। आगरा देश की राजधानी दिल्ली से महज 200 किमी की दूरी पर स्थित है, जोकि ताजमहल के लिए जाना जाता है।

आगरा स्थित ताजमहलआगरा स्थित ताजमहल

वाराणसी </a></strong>जिसे हम सभी बनारस के नाम से भी जानते हैं। काशी गंगा के घाट के किनारे स्थित एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। बताया जाता है कि,<strong><a href= वाराणसी की खोज भगवान शिव" title="वाराणसी जिसे हम सभी बनारस के नाम से भी जानते हैं। काशी गंगा के घाट के किनारे स्थित एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। बताया जाता है कि, वाराणसी की खोज भगवान शिव" loading="lazy" width="100" height="56" />वाराणसी जिसे हम सभी बनारस के नाम से भी जानते हैं। काशी गंगा के घाट के किनारे स्थित एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। बताया जाता है कि, वाराणसी की खोज भगवान शिव

"आज इस किले के विदेशी है दीवाने..कभी हुआ करता था जयपुर की राजधनी"

उत्तरप्रदेश राज्य में बसा प्रसिद्ध शहर हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र और पूज्यनीय स्थल है, जिसे अविमुक्त क्षेत्र भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के साथ-साथ यह बौद्ध और जैन धर्म का भी पवित्र स्थल है जिसकी खूबसूरती शाम होते ही गंगा घाट पर नज़र आती है। वाराणसी का नाम दो नदियों वरुणा और असी के संगम पर पड़ा है।

कब जाएँ

कब जाएँ

यूं तो आप वाराणसी कबी भी जा सकते हैं..लेकिन जाने का उचित समय अक्टूबर से मार्च है..इस दौरान यहां गंगा घाट पर कई त्यौहार मनाये जातें हैं, जिन्हें आप बखूबी देख सकते हैं । Ekabhishek

आगरा से वाराणसी कैसे जाएँ

आगरा से वाराणसी कैसे जाएँ

वायु द्वारा
पर्यटक आगरा से वाराणसी हवाई जहाज द्वारा पहुंच सकते हैं..आगरा से वाराणसी तक पहुँचने में करीबन 45 मिनट का समय लगता है।

ट्रेन द्वारा
आगरा से वाराणसी तक के कई सीधी ट्रेन है आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से सुपरफास्ट एक्सप्रेस 22 9 6 और वाराणसी जंक्शन पर उतरें।

सड़क मार्ग से

सड़क मार्ग से

मार्ग 1: आगरा-इटावा-कानपुर-फतेहपुर-वाराणसी एनएच 19 से 9 घंटे 12 मिनट की यात्रा है और 600 किमी की दूरी पर है।

मार्ग 2: आगरा-करहल-मोहनलालगंज-रायबरेली-कुंदा-कंडी-उप्रथ-वाराणसी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से यह 9 घंटे 1 9 मिनट लग सकता है और कुल दूरी 643 किमी है।

इस लेख में, हम रूट 1 पर चर्चा करेंगे। आगरा एक सुंदर शहर है जो मुगल काल से इसकी खूबसूरत इमारतों के लिए जाना जाता है।

ताजमहल

ताजमहल

ताजमहल सिर्फ़ प्यार की निशानी ही नहीं हैं, बल्कि इसका नाम दुनिया के सात अजूबों में भी शुमार किया जाता है।ये दुनिया के 7 आश्चर्यों में से एक है। ताजमहल संगमरमर से बना है, जिसे 20 हजार मजदूरों ने 2 दशकों की मेहनत से बनाया। ताजमहल देश में सर्वाधिक विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।PC: Paul Asman

फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी

16वीं सदी के दौरान निर्मित फ़तेहपुर सीकरी यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल, उत्तर प्रदेश में आगरा के पास स्थित फतेहपुर सीकरी मुगल संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक है। इस जगह पर संत शेख सलीम चिश्ती ने अकबर के बेटे के जन्म की भविष्यवाणी की थी।PC: Shakti

आगरा किला

आगरा किला

आगरा के किले को लाल किला भी कहा जाता है। न सिर्फ लाल रंग, बल्कि दिल्ली स्थित लाल किले से इसकी वास्तुशिल्प शैली और डिजाइन भी काफी मिलती है। आगरे का किला मुगल स्थापत्य का शानदार उदाहरण है। ये किला शुरुआत में ईंटों से बना था, जिसे राजपूतों ने बनवाया था। बाद में अकबर ने इस किले को नए सिरे से बनवाया और अपनी राजधानी यहीं बसाई। आगरा के किले में तमाम दर्शनीय भवन है। यहां हर शाम लाइट शो का आयोजन भी होता है।

PC: Steven dosRemedios

शिव मंदिर

शिव मंदिर

आगरा से करीबन 122 किमी की दूर इटावा पहुँचने के बाद हम शिव मंदिर दर्शन करने पहुंचे । इटावा में भगवान शिव को समर्पित टिक्सी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। दर्शन करने के बाद फिर हम कानपुर की ओर रवाना हुए। कानपुर इटावा से लगभग 160 किलोमीटर दूर है। आप 2.5 घंटे में पहुंचेंगे। आप कानपुर में एलन वन चिड़ियाघर का दौरा कर सकते हैं। इस चिड़ियाघर में कुछ स्तनधारी सफेद बाघ, चीता, ज़ेबरा, बबून्स, लंगुर, बंदर आदि हैं।PC: Devanshi

मैमोरियल चर्च

मैमोरियल चर्च

कानपुर के चिड़ियाघर में एक वनस्पति उद्यान, एवियरी और एक मछलीघर भी है। चिड़िया घर से थोड़ी दूर पर मोटी झील स्थित है जोकि एक बेहद ही खूबसूरत पार्क है।अगर आपके पास ज्यादा वक्त है तो आप कानपुर में जैन ग्लास मंदिर, कानपुर मेमोरियल चर्च, नाना राव पार्क, बुद्ध पार्क, कमला रिट्रीट, जाजमौ और श्री राधाकृष्ण मंदिर देख सकते हैं। कानपुर के बाद हम सभी फतेहपुर की ओर बढ़े जोकि कानपुर से 102 किमी दूर है। यहां पहुंचने में 2 घंटे का समय लगता है, फतेहपुर में थोड़ी देर आराम करने के बाद हम सभी वाराणसी की ओर रवाना हो गये। फतेहपुर से वाराणसी 244 किमी दूर है।PC:Shivam Maini

गंगा

गंगा

हिमालय से निकलने वाली गंगा करीबन 2700 किमी का सफर तय करती है..जो वाराणसी से होते हुए बंगाल की कड़ी पहुँचती है। यह बड़ी सिर्फ हिंदुयों के लिए ही नहीं बल्कि जैन और बुद्ध लोगो के लिए भी काफी पवित्र नदी है। इसे अविमुक्त क्षेत्र भी कहा जाता है।PC: celblau

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर को यहां का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की वाराणसी में सर्वोच्च महिमा है, क्योंकि यहां विश्वेश्वर या विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग का एक बार दर्शनमात्र किसी भी अन्य ज्योतिर्लिंग से कई गुणा फलदायी होता है।

हालांकि,काशी का मंदिर जो की आज मौजूद है, वह वास्तविक मंदिर नहीं है। काशी के प्राचीन मंदिर का इतिहास कई साल पुराना है, जिसे औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। बाद में फिर से मंदिर का निर्माण किया गया, जिसकी पूजा-अर्चना आज की जाती है।PC: webhishek

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट

यह वाराणसी का मुख्य घाट है। यह माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव के स्वागत के लिए इस घाट का निर्माण किया। इस घाट पर अप भव्य गंगा आरती का लुत्फ उठा सकते हैं।PC:AKS.9955

रामनगर किला

रामनगर किला

रामनगर किले में स्थित सरस्वती भवन में दुर्लभ पांडुलिपियों, विशेषकर धार्मिक ग्रन्थों का दुर्लभ संग्रह सुरक्षित है। यहां गोस्वामी तुलसीदास की एक पांडुलिपि की मूल प्रति भी रखी है। यह किला वाराणसी घाट के सामने, गंगा के दाएं किनारे पर स्थित । किले में एक मंदिर, एक संग्रहालय और राजा के आवासीय परिसर हैं।PC: Sujay25

सारनाथ

सारनाथ

सारनाथ वाराणसी के 10 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था।PC:Prithwiraj Dhang

सारनाथ म्यूजियम

सारनाथ म्यूजियम

सरनाथ संग्रहालय सबसे पुराना एएसआई साइट है यहां 6832 मूर्तियां और कलाकृतियों हैं। इसमें बुद्ध और बोधिसत्व से संबंधित अनेक छवियां हैं अशोक के सुपर प्रसिद्ध शेर कैपिटल इस संग्रहालय में आंका गया है।
PC: Nandanupadhyay

जंतर मंतर वेधशाला

जंतर मंतर वेधशाला

इस वेधशाला का निर्माण महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा किया गया था, जो खगोल विज्ञान में गहरा रुचि रखते थे। इस वेधशाला के निर्माण का मुख्य लक्ष्य समय और ऊंचाई को मापना था और ग्रहों की स्थिति निर्धारित करना और ग्रहणों की गणना करना था।PC:Ghumakkar Punit

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