बड़ा इमामबाड़ा में छुपा है ऐसा खजाना..जिसे जो भी लेने गया कभी वापस ना आ सका
अगर बात लखनऊ घूमने की आती है तो यहां इमामबाड़ा, रेजीडेंसी,एशिया का सबसे बड़ा पार्क, हज़रतगंज,चौक आदि जैसी जगह मौजूद है..जिन्हें देखने हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं । इसी क्रम में लखनऊ में एक और ऐसा भव्य पार्क है..जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
लखनऊ से जुड़ी ये बातें शायद ही जानते होंगे आप!
दरअसल मै बात कर रहीं हूं गोमतीनगर स्थित अम्बेडकर मेमोरियल पार्क की। इस पार्क का निर्माण गुलाबी पत्थरों से हुआ है..जो रात की रौशनी और में बेहद ही खूबसूरत लगता है। इस पार्क का निर्माण उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहनजी मायावती द्वारा वर्ष 2008 में कराया दलितों के मसीहा माने जाने वाले सभी महापुरूषों को सम्मान देते हुए कराया। दलित समुदाय भी इसे अपने उत्थान का प्रतीक मानता है। लोगों का कहना है 'कम से कम मायावती जी ने एक ऐसा स्थल बनवा दिया है, जिससे हमें गर्व की अनुभूति होती है। इस पार्क में हर वर्ष 14 अप्रैल को यहां अम्बेडकर जयंती काफी धूमधाम से मनाई जाती है। अगर इस पार्क को लखनऊ की शान कहा जाए तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा।
कैसे पहुंचे लखनऊ
हवाईजहाज द्वारा
पर्यटक लखनऊ हवाईजहाज द्वारा चौधरी चरण एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं..यहां से अम्बेडकर पार्क के लिए टैक्सी मिल जायेगी।
ट्रेन द्वारा
लखनऊ का रेलवे स्टेशन चारबाग और लखनऊ जंक्शन है...स्टेशन से पर्यटक टैक्सी द्वारा लखनऊ दर्शन कर सकते हैं।
सड़क द्वारा
लखनऊ देश के सभी राजमार्गो से जुड़ा हुआ है..PC: Ojha.iiitm.
कब आयें
अम्बेडकर पार्क को घूमने का मजा सर्दियों में..गर्मियों की शाम में भी अम्बेडकर पार्क को घूमा जा सकता है।PC:Shantanukr73
अम्बेडकर पार्क
अम्बेडकर पार्क का निर्माण निर्माण उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहनजी मायावती द्वारा वर्ष 2008 में कराया गया था। यह पार्क करीबन 107 एकड़ में फैला हुआ है..PC:Yash Seth
कब रखी गयी थीं नींव
इस पार्क की नींव वर्ष 1995 में रखी गई थी जब पहली बार मायावती यूपी की मुख्य मंत्री बनी थी। ये पार्क डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को समर्पित है और स्मृति चिन्ह के रूप में पार्क के अंदर उनकी प्रतिमा भी लगाई गई है। शुरू में इस पार्क का नाम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पार्क हुआ करता था । फिर 1997 में पार्क का नाम बदल कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेमोरियल रख दिया गया। PC: Mohit
बलुआ पत्थर से है निर्मित
इस पार्क का निर्माण अधिकतर लाल बलुआ पत्थर से हुआ है,जोकि राजस्थान से मँगवाए गए थे। एक अनुमान के मुताबिक इस पार्क को बनाने में कुल 700 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।PC: Ejaz Rizvi
खास है पार्क
इस पार्क में आप अन्यों पार्कों की तरह पेड़ पौधे नहीं बल्कि कई कलाकृतियों और स्मारकोण को देख सकते हैं।PC: Shivamsaher
सामाजिक परिवर्तन स्तम्भ
पार्क के अंदर बाईं ओर एक ऊँचा स्तंभ देखा जा सकता है जोकि अशोक चक्र से मिलता-जुलता एक चक्र और उसके चारों और हाथी बने है। स्तंभ एक चबूतरे पर बना हुआ है और बहुत ऊँचा और बड़ा है।
PC:Umesh Singla
अम्बेडकर स्तूप
पार्क के अंदर एक स्तूप मौजूद है...जोकि गुंबद के आकार में बने हुए दो स्तूप है.....दोनों स्तूप ऊँचाई पर बने है और अंदर से आपस में जुड़े हुए है। स्तूप तक जाने के लिए सीढ़ियाँ भी बनी है और इस मार्ग के किनारे पत्थर के कुछ छोटे हाथी बने हुए है। मार्ग के आस-पास की फोटो खींचते हुए हम स्तूप की ओर बढ़ते रहे, स्तूप के सामने एक बगीचा भी है जिसमें सफेद संगमरमर के गोल छोटे-2 पत्थर रखे हुए है।
PC: Vikraman23
अम्बेडकर पार्क लखनऊ
स्तूप के अंदर जाने का एक विशाल द्वार है, स्तूप के अंदर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, छत्रपति साहूजी महाराज, ज्योतिबा फूले, काशीराम, और मायावती की प्रतिमाएँ लगी है। अधिकतर प्रतिमाएँ सफेद पत्थर की बनी है और प्रतिमाओं के नीचे ही व्यक्तिगत जानकारी भी दी गई है।
PC: Umesh Singla
पार्क के ऊंचाई से देखा जा सकता है गोमती नगर
जब अप सीढियों से उपर की ओर पहुंचेंगे तो वहां से पूरे पार्क का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है । साथ ही पार्क से सहाराश्री की सुब्रतु राय की सहारा सिटी को देख सकते हैं...PC: Ejaz Rizvi
40 हाथी
इस पार्क में सबसे ज्यादा जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है वह है, यहां पत्थर से बने हुए 40 हाथी..बता दें...पार्क में मौजूद एक हाथी की कीमत 40 लाख रूपये है...PC: Kg.iitb
क्या खाएं
पार्क के अंदर कुछ भी खाने की मनाही है..लेकिन अम्बेडकर पार्क से निकलने के बाद 1090 चौराहे पर नवाबी खाने का स्वाद लिया जा सकता है।PC: Arunimshah08
आसपास क्या घूमे
अम्बेडकर पार्क के सामने ही नौं किमी में फैला लोहिया पार्क स्थित है..जिसे आप आसानी से घूम सकते हैं।
टिकट
पार्क में घूमने की टिकट का शुल्क मात्र 10 रूपये प्रति व्यक्ति है।
PC: Kg.iitb
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