आज अपने इस लेख में हम आपको जिस डेस्टिनेशन से अवगत कराने जा रहे हैं उसका शुमार दक्षिण भारत के उन चुनिंदा डेस्टिनेशंस में है जिसकी खूबसूरती आने वाले किसी भी पर्यटक को मोहित कर देती है। जी हां हम बात कर रहे हैं केरल के अथिराप्पिल्ली की| अथिराप्पिल्ली, त्रिशूर जिले के मुकुंदपुरम तालुक में स्थित है।
Read in English: Travel to the Town of Waterfalls, Athirappally
यह एक प्रथम दर्जे का ग्राम पंचायत है जो त्रिशूर से 60 किलोमीटर और कोच्चि से 70 किमी की दूरी पर स्थित है। यह अपनी राजसी झरने और करामाती वर्षावन के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह जैव विविधता में समृद्ध है। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश इस घाटी को एक साइलेंट वैली कहते हैं। अथिराप्पिल्ली में वाजहाचल और चारपा झरने भी हैं। इस जगह के पारिस्थितिकी तंत्र की वजह के चलते इसे केरल में अपनी तरह की एक विशेष जगह माना जाता है। तो अब देर किस बात की आइये इस लेख के जरिये जाना जाये की अथिराप्पिल्ली में ऐसा क्या है जो एक ट्रैवलर और टूरिस्ट को बिलकुल भी मिस नहीं करना चाहिए।
अथिराप्पिल्ली वॉटर फॉल्स
अथिराप्पिल्ली झरना चलाकुद्य नदी जो पश्चिमी घाट के स्रोत से निकलती है। यह शानदार झरना, नियाग्रा फाल्स ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता है। चलाकुद्य नदी वाज़चुला वन विभाग से बहती है। यह झरना 24 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और नीचे नदी में शामिल होजाता है। झरना विभिन्न स्थानों से देखा जा सकता है, सड़क जो जंगल के रस्ते जाती है उससे भी झरने से पानी गिरने का अतभुत नज़ारा देखा जा सकता है। इस झरने को ऊपर से भी देखा जा सकता है जिसके लिए आप को प्रवेश टिकट खरीदना होगा और मुख्य प्रवेश द्वार से जाना होगा। वहां पर छोटे रेस्तरां और पर्यटकों के आराम करने के लिए कॉफी की दुकानों है। ज़्यादातर इलाकों में सड़क का निर्माण किया गया है ताकि यातायात को सुचारू रूप से चलाया जा सके, हालांकि आपको उन सड़कों पे यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
Photo Courtesy: NIHAL JABIN
वाजहाचल झरना
वाजहाचल झरना, अथिराप्पिल्ली के वर्षावन में शोलायार पर्वतमाला में स्थित है । यह अथिराप्पिल्ली झरना से पांच किमी और चलाकुद्द्य जंगलों से 36 किमी की दूरी पर है। झरने के सुरम्य सौंदर्य उन लोगों के लिए है जो शहर की तनावपूर्ण जीवन को पीछे छोड़ना चाहते हैं। इसकी धारा अथिराप्पिल्ली झरने के विपरीत है, क्यूंकि यह एक झरने की तरह कम बल्कि एक तेज़ बहती नदी की तरह लगता है। वाजहाचल क्षेत्र तटवर्ती वनस्पति के लिए अच्छा है जो अच्छी तरह से संरक्षित है और जीवित प्रजातियों की एक हजार किस्मों के घर के नाम से जाना जाता है।
Photo Courtesy: Thangaraj Kumaravel
चारपा प्रपात
चारपा प्रपात उतना प्रसिद्द नहीं है फिर भी घूमने के लिए उत्तम स्थान है। यह तमिलनाडु को केरल से जोड़ने वाले राजमार्ग पर स्थित है। त्रिशूर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना कोई चमत्कार नहीं है परंतु यदि आप मानसून में यहाँ हैं तो इसे अवश्य देखिए। यह रास्ते के इतने पास स्थित है कि जब राज्य में मूसलाधार वर्षा होती है तो पानी की छोटी लहरें रास्ते पर आ जाती हैं। 25 मीटर की ऊँचाई से गिरते हुए इस प्रपात की ऊँचाई उतना प्रभावित नहीं करती परंतु बड़ी चट्टानों के ऊपर अशांत, प्रसन्न करने वाली धारा में से उमड़ता हुआ पानी देखने लायक होता है।
Photo Courtesy: Neon
कैसे जाएं अथिराप्पिल्ली
फ्लाइट द्वारा - अथिराप्पिल्ली के लिए निकटतम हवाई अड्डे कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो लगभग 55 किमी दूर है । त्रिशूर शहर इस हवाई अड्डे से 58 किलोमीटर की दूरी पर है अगर आप त्रिशूर से अथिराप्पिल्ली सड़क मार्ग से आते हैं ।
रेल द्वारा - त्रिशूर और कोच्चि दो प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो झरने से नजदीक हैं। अथिराप्पिल्ली, त्रिशूर जंक्शन से 78 किमी और कोच्चि जंक्शन से 66 किमी की दूरी पर है। चलाकुद्द्य रेलवे एक छोटे शहर का स्टेशन है, लेकिन यह निकटतम है जो लगभग 31 किमी दूर स्थित है।
सड़क मार्ग द्वारा - सड़क मार्ग से यह जगह कोच्चि से 55 किमी दूर है, वहाँ के लिए निजी और सरकारी बसें बंगलौर और कोच्चि से उपलब्ध हैं । बंगलौर से कोचीन यात्रा एक रात का सफ़र है । झरने तक चलाकुद्द्य राजमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है जो की एसएच-21 के नाम से भी जाना जाता है, टैक्सी या बस के माध्यम से जो चलाकुद्द्य बस टर्मिनल से मिलेगी। यह राजमार्ग तमिलनाडु और केरल को जोड़ता है और घने जंगल के बीच में स्थित है तोह इस पे रात में सफ़र करना खतरनाक हो सकता है।
Photo Courtesy: sash jose