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इस वीकेंड उत्कृष्ठ वन्य जीवन को निहारने के लिए करें बैंगलोर से बांदीपुर तक की रोड ट्रिप

By Belal Jafri

व्यक्ति के जीवन में कुछ अनुभव ऐसे होते हैं जो उसे बदल देते हैं और यात्रा या ट्रैवल एक ऐसा ही अनुभव है जो व्यक्ति के जीवन में कई सारे और बड़े परिवर्तन लाता है। अब चाहे अंजान और गुमनाम स्थानों की यात्रा हो , नए लोगों के साथ रहना हो या फिर सोलो ट्रिप अपनी इन यात्राओं में एक व्यक्ति को वो सब मिलता है जिसकी कल्पना शायद ही उसने की हो। इन बातों को ध्यान में रखकर ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न होगी की ट्रैवल व्यक्ति को जीवन जीना सिखाता है।

तो इसी क्रम में हम आज अपने इस आर्टिकल के जरिये आपको अवगत कराने जा रहे हैं एक ऐसी रोड ट्रिप से जो आपको वो सब देगी जिसकी आपको तलाश है। आज हम आपको अवगत करा रहे हैं बैंगलोर से बांदीपुर तक की रोड ट्रिप से। ज्ञात हो कि कर्नाटक में स्थित बांदीपुर देश का एक प्रमुख टाइगर रिजर्व होने के साथ - साथ जानवरों की कुछ लुप्त होती प्रजातियों का घर है। आकर्षक डील : पाएं सभी घरेलू उड़ानों में 15% कैशबैक

ये स्थान उन लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है जो प्रकृति को उसके सबसे सर्वोत्तम रूप में देखना चाहते हैं और जिनके अंदर वन्य जीवन को जानने और समझने की चाह हो। तो अब देर किस बात की आइये गहराई से जानें कि कैसे कर सकते हैं आप बैंगलोर से बांदीपुर की रोड ट्रिप।

आइये करें बैंगलोर से बांदीपुर तक की रोड ट्रिप की शुरुआत

यदि आप बैंगलोर से 230 किलोमीटर दूर स्थित बांदीपुर का चुनाव अपने वीकेंड के लिए कर रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि आप अपनी यात्रा की शुरुआत शनिवार भोर में कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि आप इस रूट पर सुबह निकलते हैं तो आपके पास आस पास और इस रूट के बीच में पड़ने वाले स्थानों को निहारने का पर्याप्त समय रहेगा।

बंगलौर से बांदीपुर जाने के लिए आपको दो अलग अलग हाईवे पार करने होंगे जिसमें यदि आप एनएच 209 और 212 का चुनाव करते हैं तो आपको बांदीपुर पहुँचने में 4 घंटे 30 मिनट लगेंगे और यदि आप एनएच 48 लेते हैं तो आपको बांदीपुर पहुंचने में 5 घंटा 30 मिनट के आस पास लग जाएगा।

अपनी यात्रा की शुरुआत से पहले आप इस बात का पूरा ख्याल रखें कि आपने वाहन में सही मात्रा में तेल भरा हो साथ ही अच्छी टूल किट, एक्स्ट्रा फ्यूल और टायर, फर्स्ट ऐड किट आपकी गाड़ी में मौजूद हो।

बैंगलोर से चन्नापटना

दूरी - 67. 1 किलोमीटर
समय - 1 घंटा 30 मिनट

जैसा कि हम बता चुके हैं आप बैंगलोर से सुबह जल्दी निकलें ऐसा इसलिए क्योंकि वीकेंड के दौरान अमूमन ट्रैफिक अधिक रहता है और जाम के चलते थोड़ी परेशानी रहती है। अगर आप जल्दी निकलते हैं तो आप बैंगलोर से 1 घंटा 30 मिनट की ड्राइव के बाद चन्नापटना पहुंच जाएंगे। मैसूर से पहले चन्नापटना एक छोटा सा गांव है जो अपने लकड़ी के खिलौनों और लकड़ी के ही काम के लिए जाना जाता है। यहां घर घर में लकड़ी के खिलौनों का काम होता है। हमारा सुझाव है कि यहां आने के बाद आप इन खिलौनों को अवश्य खरीदें और अपने मित्रों को गिफ्ट करें। यदि आप चाहें तो अपनी आगे की यात्रा की शुरुआत यहां नास्ता करने के बाद ही करें।

चन्नापटना से मांड्या

दूरी - 40 किलोमीटर
समय - 1 घंटा

चन्नापटना से खरीदारी करने और 40 किलोमीटर की ड्राइव के बाद आप लगभग 1 घंटे में मांड्या पहुंच जाएंगे। हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि मांडवया ने यहां पर तपस्या की थी और उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम मांड्या पड़ा। इस जिले में पांच प्रमुख नदियां कावेरी, हेमवती, शिमाशा, लोकपावनी और वीरवैष्णवी बहती हैं अतः ये स्थान राज्य में अपनी उत्कृष्ठ कृषि के लिए भी एक ख़ास पहचान रखता है। यदि बात मांड्या के पर्यटक आकर्षणों की करें तो आपको बता दें कि बृंदावन गार्डन, रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य, कोक्‍कारे बेल्‍लूर पक्षी अभयारण्य, श्रीरंगापट्नम, शिवानासमुद्र झरना, कावेरी फिशिंग कैम्प जैसे कई दिलकश डेस्टिनेशंस मौजूद हैं जिन्हें एक टूरिस्ट को अवश्य देखना चाहिए।

मांड्या से मैसूर

दूरी - 46.2 किलोमीटर
समय - 1 घंटा 15 मिनट

मांड्या से 1 घंटा 15 मिनट में 46.2 किलोमीटर की दूरी तह करने के बाद आप मैसूर आ जाएंगे। आपको बताते चलें कि मैसूर कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ-साथ राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी है। दक्षिण भारत का यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अपने वैभव और शाही परिवेश के लिए जाना जाता है। मैसूर शहर की पुरानी चमक-दमक, खूबसूरत गार्डन, हवेलियां और छायादार जगह यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। यदि आप मैसूर में हैं और समय है आपके पास तो आप यहां के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों जैसे मैसूर महल,चामुंडी हिल्स, जगनमोहन महल, जयलक्ष्मी विलास हवेली,करणजी झील, ललिता महल, मैसूर जू, सेंट फिलोमेना चर्च देखना न भूलें।

मैसूर से बांदीपुर

दूरी - 77 किलोमीटर
समय - 1 घंटा 45 मिनट

मैसूर घूमने के बाद आप शाम में बांदीपुर के लिए निकल सकते हैं और रात में वहीं जंगल लॉज में ठहर सकते हैं। यहां आने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि शाम 6 बजे से पहले पहुंच जाएं क्योंकि आम पर्यटकों के लिए बांदीपुर टाइगर रिज़र्व को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रखा जाता है। गौरतलब है कि बांदीपुर वन संरक्षित क्षेत्र भारत में प्रमुख रूप से बाघ संरक्षित (टाइगर रिजर्व) क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ बाघों की आबादी लगभग 70 है। लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट टाइगर संरक्षित क्षेत्र कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है।

बांदीपुर का संरक्षित क्षेत्र तमिलनाडु और केरल के आसपास के राज्यों क्रमशः मुदुमलाई और वायनाड में फैला हुआ है। ये संयुक्त रूप से दक्षिण भारत का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र बनाते हैं। यह संरक्षित नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का भी एक हिस्सा है जहाँ विश्व प्रसिद्द साइलेंट वेली स्थित है। कबिनी नदी के किनारे स्थित बांदीपुर वन क्षेत्र विभिन्न जंगली प्राणियों जैसे तेंदुआ, जंगली भैस, हिरण की कई प्रजातियों, जंगली हाथियों, जंगली सूअर, सियार आदि को आश्रय भी प्रदान करता है।

बांदीपुर में सफारी

आप सुबह जल्दी या फिर शाम के समय जंगल में सफारी पर जा सकते हैं, जब कई जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी के छिद्रों के पास बाहर आते हैं। सफारी के लिए जीप उपलब्ध होती है या आप वन विभाग के कार्यालय द्वारा चलाई जाने वाली टूर बस का भी उपयोग भी कर सकते हैं। संरक्षित क्षेत्र में निजी वाहन का उपयोग प्रतिबंधित है।आपको बताते चलें कि यहां एलीफैंट सफ़ारी के लिए आपको 50 रुपए, बस सफारी के लिए 75 रुपए और जीप सफारी के लिए 1750 प्रति व्यक्ति की दर से देने होते हैं।

बांदीपुर से बैंगलोर

दूरी - 224 किलोमीटर
समय - 4 घंटा 30 मिनट

जैसा की ऊपर हम आपको बता चुके हैं आप अपने रहने के लिए बांदीपुर जंगल लॉज का चुनाव कर सकते हैं। लेकिन अगर आप यहां रुकने की सोच रहे हैं तो हम आपसे यही कहेंगे कि ये अत्याधिक महंगे हैं और एक रात में ही यहां आपका काफी पैसा खर्च हो जाएगा। तो अब हमारा सुझाव यही है कि आप रविवार रात में ही बांदीपुर छोड़ दें। यदि आप जंगल छोड़ने वाले हैं तो ख्याल रहे की आप 6 बजे से पहले ही यहां से निकल गए हों। आपको बता दें की अगर आप 6 बजे तक बांदीपुर छोड़ देते हैं तो आप 10.30 तक बैंगलोर आ जाएंगे।

रोड द्वारा कैसे जाएं बैंगलोर से बांदीपुर
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