Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »भारत का दिल-मध्यप्रदेश...यहां नहीं घूमा तो आपने कुछ नहीं घूमा

भारत का दिल-मध्यप्रदेश...यहां नहीं घूमा तो आपने कुछ नहीं घूमा

भारत का दिल कहा जाने वाला मध्यप्रदेश पर्यटकों के बीच खूबसूरत पर्यटन स्थलों के चलते खासा लोकप्रिय है।तो आप भी जाने क्या है भारत के दिल में घूमने की जगहें

By Goldi

भारत का दिल कहा जाने वाला मध्यप्रदेश पर्यटकों के बीच खूबसूरत पर्यटन स्थलों के चलते खासा लोकप्रिय है। यहां का खूबसूरत इतिहास , वातावरण, प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति और आलीशान ऐतिहासिक विरासतें मध्यप्रदेश को पर्यटकों
के लिए स्वर्ग बनाती हैं। इसीलिए यहां पूरे साल देशी विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।

छत्तीसगढ़- जहां गिरते झरने में उबल जाते हैं अंडे..वहीं पत्थर से निकलती धुनेंछत्तीसगढ़- जहां गिरते झरने में उबल जाते हैं अंडे..वहीं पत्थर से निकलती धुनें

मध्यप्रदेश</a></strong> की राजधानी <strong><a href=भोपाल है.जिसे तालों का ताल भोपाल के नाम से भी जाता है।मध्यप्रदेश में पर्यटकों को लिए बहुतकुछ ख़ास है जिनमे से कुछ यूँ हैं जो दर्शनीय हैं। कान्हा किसली, खजुराहो" title="मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल है.जिसे तालों का ताल भोपाल के नाम से भी जाता है।मध्यप्रदेश में पर्यटकों को लिए बहुतकुछ ख़ास है जिनमे से कुछ यूँ हैं जो दर्शनीय हैं। कान्हा किसली, खजुराहो" loading="lazy" width="100" height="56" />मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल है.जिसे तालों का ताल भोपाल के नाम से भी जाता है।मध्यप्रदेश में पर्यटकों को लिए बहुतकुछ ख़ास है जिनमे से कुछ यूँ हैं जो दर्शनीय हैं। कान्हा किसली, खजुराहो

तो बिना देर किये स्लाइड्स पर डालिए एक नजर

खजुराहो

खजुराहो

हमारे देश में खजुराहो ही ऐसी जगह जहां काम को दर्शाते मंदिर हैं.इन मंदिरों के बाहरी दीवारों में लगे अनेक मनोरम और मोहक मूर्तिशिल्प कामक्रिया के विभिन्न आसनों को दर्शाते हैं।
PC:Deepa Chandran2014

भोपाल

भोपाल

झीलों की नगरी भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बडे ताल हैं।PC:Vermars777

ग्वालियर का क़िला

ग्वालियर का क़िला

ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था। तीन वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले इस किले की ऊंचाई 35 फीट है। यह किला मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूनों में से एक है। यह ग्वालियर शहर का प्रमुख स्मारक है जो गोपांचल नामक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। लाल बलुए पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किले में से एक है और इसका भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है।
PC: Abhishek Dwivedi

ओरछा, किलों का हसीन शहर

ओरछा, किलों का हसीन शहर

ओरछा का शाब्दिक अर्थ है गुप्त स्थान। झाँसी से 16 किमी की दूरी पर मध्यप्रदेश में स्थित है ओरछा। पहाड़ों की गोद में स्थित ओरछा एक समय बुंदेलखण्ड की राजधानी हुआ करता था। ओरछा में पर्यटक महलों के साथ-साथ हवेलियाँ देख सकते हैं। PC:ProbuddhoG.

साँची का स्तूप

साँची का स्तूप

सांची के स्तूप दूर से देखने में भले मामूली अर्ध गोलाकार संरचनाएं लगें लेकिन इसकी भव्यता, विशिष्टता व बारीकियों का पता सांची आकर देखने पर ही लगता है। यह भोपाल शहर से लगभग 46 किमी दूर मध्यप्रदेश के साँची गाँव में स्थित है।PC: wikimedia.org

माण्डू

माण्डू

माण्डू का प्राचीन नाम मण्डप दुर्ग या माण्डवगढ़ है। इसकी हरी-भरी वादियां, नर्मदा का सुरम्य तट ये सब मिलकर माण्डू को मालवा का स्वर्ग बनाते हैं।मांडू प्राचीन शहर है और इसका जिक्र 555 ईसवीं के संस्कृत अभिलेखों में भी है। इन अभिलेखों से पता चलता है कि मांडू छठी शताब्दी का खूबसूरत शहर हुआ करता था।
PC:Indrajit Das

उज्जैन

उज्जैन

उज्जैन एक एतिहासिक शहर है , इसे उज्जयिनी के रूप में भी जाना जाता है। उज्जैन धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है और उज्जैन पर्यटन मुख्य रूप से अपने प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों के लिए देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह शहर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है और शिवरात्रि, कुंभ और अर्ध कुंभ मेलों के लिए प्रसिद्ध है।उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है।PC:Gyanendra_Singh

अमरकंटक

अमरकंटक

भारत का पवित्र एवं प्रसिद्ध तीर्थस्थल अमरकंटक अमरकंटक में नर्मदा के उदगम स्थान के पर्वत को सोम भी कहा गया है। अमरकंटक ऋक्षपर्वत का एक भाग है, जो पुराणों में वर्णित सप्तकुलपर्वतों में से एक है।
PC:Aniket Chakrabarti

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। बाघों का गढ़ बांधवगढ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस अभ्यारण्य में घूमने पर आप बाघ, एशियाई सियार, धारीदार लकड़बग्घा, बंगाली लोमड़ी, राटेल, भालू, जंगली बिल्ली, भूरा नेवला और तेंदुआ सहित कई तरह के जानवर देख सकते हैं। इसके अलावा कुछ स्तनपाई जैसे गिलहरी, धोले, छोटा चूहा और छोटा भारतीय कस्तूरी भी यहां कभी-कभार देखने मिल जाएंगे।
PC:Prithwiraj Dhang

जबलपुर

जबलपुर

संगमरमरी जबलपुर पथरीली, बंजर जमीन और पहाड़ों से आच्छादित है। जबलपुर में आपको बेशुमार संगमरमर की चट्टानें देखने को मिलेंगी। जबलपुर भोपाल से 330 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
PC:Guptaumesh100

खंडवा

खंडवा

मध्य प्रदेश के पूर्वी निमाड जिले में स्थित खंडवा, एक खूबसूरत शहर है। इस प्राचीन शहर में मंदिरों और तीर्थस्थानों के अतिरिक्त कई प्राचीन कुंड भी हैं। खंडवा में, कई जैन और हिंदू देवताओं के मंदिर हैं। 12 वीं सदी में जैन श्रद्धालुओं की संख्या बढी और खंडवा जैन धर्म का केंद्र बन गया।

महेश्वर

महेश्वर

महेश्वर में देखें प्रकृति के नजारे महेश्वर का धार्मिक महत्व तो जगजाहिर है ही, लेकिन पर्यटन के लिहाज से यहां का किला और ऐतिहासिक घाट भी खासा महत्व रखते हैं।PC:Kirandeep Atwal

शिवपुरी

शिवपुरी

भारतीय वन्‍यजीव का गढ़ शिवपुरी में घने जंगल है जहां एक समय पर मुगल शासक शिकार खेलने आते थे। शिवपुरी में आने वाले पर्यटक यहां प्रकृति और शांति के अद्भुत सह - अस्तित्‍व को देख सकते है।
PC:Teacher1943

इंदौर

इंदौर

इंदौर मध्य प्रदेश प्रान्त का एक प्रमुख शहर है आर्थिक दृष्टि से यह मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है। इस शहर में अनेक महल और दो बड़े विश्वविद्यालय हैं।PC:Nikhilnitk09

चंदेरी

चंदेरी

मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर है बेतवा नदी के पास बसा चंदेरी पहाड़ी, झीलों और वनों से घिरा एक शांत नगर है, जहां सुकून से कुछ समय गुजारने के लिए लोग आते हैं।PC: LRBurdak

असीरगढ़

असीरगढ़

असीरगढ़ का किला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित है। असीरगढ का ऐतिहासिक क़िला बहुत प्रसिद्ध है।PC: Yashasvi nagda

धार

धार

धार जिला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है।PC: McKay Savage

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो मध्य प्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के बीच हमेशा से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम पर ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा है। यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जन्तुओं का यह पार्क 1945 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जंगल बुक की प्रेरणा इसी स्थान से ली गयी थी। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एक टाइगर रिज़र्व होने के लिए भी पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X