जब हम बारहवीं या दसवीं के परीक्षा खत्म होने के बाद घरवालों से वेकेशन के लिए कहते हैं..तो उनका एक ही जवाब होता है...पहले रिजल्ट आने दो फिर कहीं चलेंगे। और अगर परिणाम खराब आया तो ट्रिप कैंसल और अच्छा आया फिर तो बल्ले बल्ले है जी।
जैसे की,सभी बोर्ड्स के परिणाम आ चुके हैं..यकीनन आपका रिजल्ट भी बेहद अच्छा रहा होगा..तो फिर आपने सोचा की आगे क्या करना है।अब आप सोच रहें होंगे कि, लो भाई अब ट्रेवल की साईट वाले भी करियर को लेकर ज्ञान देने लगे हैं..तो जनाब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
भारत का अंतिम गांव माणा...यहीं से पांडव गये थे स्वर्ग
अच्छा परिणाम आने के बाद यकीनन आप अपनी हाइयर स्टडीज को लेकर कशमकश में होंगे कि, आखिर आगे क्या किया जाये। तो हमारा सुझाव होगा होगा कि, पहले दोस्तों या परिवार के साथ छोटी सी ट्रिप एन्जॉय करिये..यकीनन आपका दिमाग भी फ्रेश होगा और आप अपने बेहतर भविष्य के लिए कुछ सोच पायेंगे।
मुंबई की भीड़भाड़ से दूर-इस वीकेंड आयें पंचगनी
वैसे भी जून और मानसून दोनों का ही का आगमन होने वाला है..और ये महिना और मानसून में घूमने का मजा ही कुछ और हैं। इस महीने जहां भीषण गर्मी का प्रकोप होता है तो वहीं मानसून की फुहार उस गर्मी को ठंडक देकर मौसम को खुशनुमा बना देती है।
जैसलमेर का वह भारत-पाक बोर्डर...जहां पाकिस्तान की हुई थी बुरी तरह हार
वैसे भी आने वाली कॉलेज लाइफ आपकी जिन्दगी में एक अहम हिस्सा होने वाला है..तो क्यों ना थोड़ा बड़ा होने से पहले एक बार फिर दोस्तों या फैमिली के साथ बच्चे बनकर एक खुशनुमा ट्रिप एन्जॉय की जाये..यकीन मानिए ते ट्रिप्स बेहद यादगार होती है। तो आइये नजर डालते हैं स्लाइड में कि, इस जून कहां कहां की जाये सैर
लेह लद्दाख
कश्मीर का गहना लेह लद्दाख एक बेहद ही खूबसूरत जगह हैं..लद्दाख में प्राकृतिक सौंदर्य चप्पे-चप्पे में बिखरा हुआ है। इसके समान दुनिया भर में कोई जगह नहीं है..इस जगह घाटियों की खूबसूरती से लेकर बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक स्थलों तक को देखने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं। अगर आप लेह लद्दाख अच्छे से देखना चाहते हैं तो कम से कम 6 दिन का समय जरूर रखें। अगर इस इलाके को अच्छी तरह देखना चाहें, तो 1 से 2 हफ्ते का समय पर्याप्त है। आप चाहें, तो अपना टूर इस तरह से बना सकते हैं। पहले दिन (मनाली वाले रास्ते पर) लेह से शे, थिक्से और हेमिस मोनेस्ट्री के अलावा स्तोक पैलेस और सिंधु नदी के तट पर जा सकते हैं।PC: KennyOMG
कैसे पहुंचे
दिल्ली, मनाली और श्रीनगर से लेह के लिए सीधी बस चलती हैं। इसके अलावा दिल्ली, जम्मू और श्रीनगर से लेह के लिए सीधी उड़ान भी उपलब्ध हैं। PC:Shraddhanjalichowdhury
गुलमर्ग
उत्तर भारत के स्वर्ग कश्मीर से 56 किमी की दूरी पर स्थित गुलमर्ग पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय स्थानों में से एक है।गुलमर्ग जम्मू-कश्मीर राज्य की खूबसूरती में जादू बिखेरने वाला स्थल है। गुल मतलब 'फूल' है। गुलमर्ग को फूलों का मैदान कहते हैं। यहां आप रंग-बिरंगे विविध फूल जैसे ब्लूबेल्स, डेजी, फारगेट-मी-नॉट और बटरकप देख सकते हैं। यहां की चोटियां बर्फ से ढंकी होने के कारण खूबसूरती का अद्भुत दृश्य पेश करती हैं।गुलमर्ग में आप खेल-कूद का मजा ले सकते हैं जैसे ट्रैकिंग, मांउटेंन क्लाइबिंग, गोल्फ, गोंडला राइड। गुलमर्ग का ग्रीन गोल्फ कोर्स और गोंडला लिफ्ड राइड पर्यटकों के खास आर्कषण का केंद्र होता है।
PC: Viwa2612
कैसे पहुंचे गुलमर्ग
वायु मार्ग
नज़दीकी हवाई अड्डा श्रीनगर (56 किलोमीटर) देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से यहाँ के लिए नियमित उड़ानें हैं।
रेल मार्ग
गुलमर्ग से निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू है जहाँ देश के विभिन्न भागों से ट्रेनें चलती हैं। अब निकटतम रेलवे स्टेशन श्रीनगर है, जहां से पर्यटक देश के किसी भी हिस्से की ट्रेन को ले सकते हैं।
सड़क मार्ग
गुलमर्ग श्रीनगर से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। देश के अन्य भागों से श्रीनगर के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं।
गंगटोक
सिक्किम की राजधानी गंगटोक भारत में पूर्व के प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थलों में एक है। यह एक ऐसा शहर है जहां सैलानी पहाड़ों की सदाएं सुन सकते हैं, जहां वे प्रकृति का हिस्सा बन सकते हैं। यहां कंचनजंघा शिखर की संपूर्ण शृंखला की सुंदर दृश्यावली दिखाई देती है। गंगटोक के प्राचीन मंदिर, महल और मठ आपको सपनों की दुनिया की सैर कराएंगे। अपने स्वाद की कलियों को यहां मोमोज़ खिलाना मत भूलें, क्योंकि यह यहां सबसे लोकप्रिय भोजन है।PC:Lakun.patra
कैसे पहुंचे गंगटोक
हवाई मार्ग द्वारा
गंगटोक का नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है..जोकि सिलीगुड़ी में स्थित है। इस एयरपोर्ट की सिलीगुड़ी से दूरी महज 16 किमी है...पर्यटक यहां से बस द्वारा गंगटोक पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
गंगटोक का इकतम स्टेशन सिलीगुडी का नया जलपाईगुड़ी है जो गंगटोक से 124 किमी की दूरी पर स्थित है...पर्यटक यहां से बस द्वारा गंगटोक पहुंच सकते हैं।
सड़क द्वारा
गंगटोक भारत के सभी क्षेत्रों के राजमार्गों से जुड़ा हुआ है...नेशनल हाइवे 31 A जो सिलीगुड़ी से जुड़ा हुआ है..जो पश्चिम बंगाल से 114 किमी की दूरी पर है..इस हाइवे द्वारा सैलानी आसपास के हिलस्टेशन के नजारों को भी निहार सकते हैं।PC:Sujay25
कन्याकुमारी
दक्षिण भारत के तमिल नाडू राज्य में स्थित कन्याकुमारी रामेश्वरम के पास स्थित है। कन्याकुमारी ऐसी जगह हैं जहाँ अरब सागर, हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी का सुंदर संगम होता है। यहाँ हर तरफ उठ रही खूबसूरत समुद्री लहरें आपके मन को हिलोरें लेने पर मजबूर कर देगी। सूरज के उदय और अस्त के समय समुद्र के पानी पर तिरछी पड़ रहीं सूरज की चमकीली रक्ताभ किरणों की अठखेलियाँ देखने के बाद आपका यहाँ से जाने का मन ही नहीं करेगा।PC:Mdasiquek
कैसे पहुंचे कन्याकुमारी
वायु मार्ग
कन्याकुमारी का निकटतम हवाई अड्डा तिरुअनंतपुरम में है। वहां के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई से सीधी उड़ाने हैं।
रेल मार्ग
कन्याकुमारी रेल मार्ग द्वारा जम्मू, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, मदुरै, तिरुअनंतपुरम, एरनाकुलम से जुड़ा है। दिल्ली से यह यात्रा 60 घंटे, जम्मूतवी से 74 घंटे, मुंबई से 48 घंटे एवं तिरुअनंतपुरम से ढाई घंटे की है।
बस मार्ग
तिरुअनंतपुरम, चेन्नई, मदुरै, रामेश्वरम आदि शहरों से कन्याकुमारी के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। कन्याकुमारी की प्रमुख स्थानों से दूरी
दिल्ली से 2850 किमी
मुंबई से 2155 किमी
चेन्नई से 703 किमी
तिरुअनंतपुरम से 87 किमी
जम्मू से 3734 किमी
मदुरै से 260 किमीPC: wikimedia.org
कूर्ग
कुर्ग या कोडागु, कर्नाटक के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कूर्ग, कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है जो समुद्र स्तर से लगभग 900 मीटर से 1715 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।कूर्ग को भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है और इसे कर्नाटक का कश्मीर भी कहा जाता है।PC:ShveataMishra
कैसे पहुंचे
कुर्ग का नजदीकी हवाईअड्डा मैंगलोर है। यहां से मदिकेरी का रास्ता लगभग एक घंटे का है। बैंगलोर, मैसूर व कालीकट से भी मदिकेरी के लिए बसें व टैक्सियां हैं।PC:Bharat Galagali
मिरिक
दार्जलिंग से कुछ दूरी पर स्थित मिरिक एक एक बेहद ही ही खूबसूरत हिल स्टेशन है।रंग-बिरंगे फूल, विशाल वृक्ष, उन वृक्षों की ठंडी ठंडी पावन हवा, कल-कल बहती नदियां, झरनों का संगीतमय शोर, हसीन वादियां और इन हसीन वादियों में महकती खुशबु यह सब है मिरिक की निशानियाँ। मिरिक खुशनुमा वादियों से घिरा दार्जिलिंग का एक जिला है जो अपने मनमोहक दृश्यों से पर्यटकों को अपनी और लुभाता है। PC:Sujay25
कैसे जाएँ
वायु यान द्वारा
दार्जिलिंग पहुंचने के लिए सिलीगुड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा। यह एयरपोर्ट देश के कुछ शहरों के अलावा विदेशों से भी जुड़ा हुआ है।
सड़क द्वारा
मिरिक खर्सियांग, सिलीगुड़ी, व न्यू जलपाईगुड़ी से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ से मिरिक के लिए अच्छी परिवहन सेवा उपलब्ध है। दार्जिलिंग से आसानी से आप मिरिक पहुँच सकते हैं। नेशनल हाइवे 31 और नेशनल हाइवे 55 के जरिए दार्जिलिंग आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह सिलीगुड़ी और कलिम्पोंग से काफी नजदीक है।
ट्रेन द्वारा
दार्जिलिंग में रेलवे स्टेशन भी है। हालांकि बड़ा रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी के पास जलपाईगुड़ी में है, जो इसे राज्य और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।PC:Sujay25
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
अगर आपको वन्य जीवों से प्यार है तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं है। पहले यह पार्क (उद्यान) रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था। रामगंगा नदी के किनारे स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान विशाल हिमालय की तलहटी में स्थित है और अपने हरे भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। भारत जंगली बाघों की सबसे अधिक आबादी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है और जिम कॉर्बेट पार्क लगभग 160 बाघों का आवास है।PC: Saransh5701
कैसे जायें
कॉर्बेट पार्क रामनगर में हैं। रामनगर दिल्ली से 240 किलोमीटर और बरेली से 160 किलोमीटर दूर है। रोजाना ट्रेनों के अलावा नियमित बस सेवाएं यहां के लिए उपलब्ध हैं।PC:netlancer2006
कोलुकुमलाई
यूं तो भारत में कई चाय बगान है..शायद आपने उनकी सैर भी की होगी..लेकिन इन छुट्टियों सैर करें भारत के सबसे उंचे चाय बगान कोलुकुमलाई की।इस चाय बगान में आप इस निर्मल हरियाली का मज़ा उठा सकते हैं जो उनको अपनी भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी से एक काफी आवश्यक ब्रेक दिलाता है। आप इस चाय बगान से असली चाय की पत्तियां भी ला सकते हैं।PC:Kishrk91
कैसे जायें
हवाई जहाज द्वारा
कोलुकुमलाई का निकटतम हवाई अड्डा कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो यहां से 105 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे पर पूरे देश के सभी बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद आदि और कुछ विदेशों में भी नियमित उड़ानें हैं।सैलानी यहां से बस या टैक्सी द्वारा कोलुकुमलाई आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन अलवेई जंक्शन है जो कोलुकुमलाई से 120 किमी दूर है। यह स्टेशन देश के सभी प्रमुख शहरों और शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सैलानी यहां से बस या टैक्सी द्वारा कोलुकुमलाई आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग से कोलुककुलाई तक पहुंचने का सबसे बेहतरीन तरीका सड़क मार्ग है, इस जगह से नियमित रूप से पूरे राज्य से और पड़ोसी राज्यों की भी बसें मिल जाती हैं।PC:L ALEX
बल्परई
बल्परई तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है। इसे 'सांतवा स्वर्ग' भी कहा जाता हैं। अन्नामलाई पहाड़ी क्षेत्र स्थित यह शहर हरे-भरे पहाड़ों और जंगलों से समृद्ध है। यदि आप स्वर्ग का अहसास करना चाहते हैं, तो कम से कम एक बार आपको बल्परई की सैर जरुर करनी चाहिए।
PC:K.Mohan Raj
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
बल्परई जाने के लिए हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है। नजदीकी हवाई अड्डा कोयम्बटूर है।
रेलवे द्वारा
इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन कोयम्बटूर में हैं..जहां से पर्यटक आसानी से यहां की सैर पर आ सकते है।
सड़क द्वारा
बल्परई राजमार्गो से अच्छे से जुड़ा है, यहां आप आसानी से बस या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते है।PC: Jaseem Hamza
स्पीती घाटी
हिमाचल के जिला लाहौल स्पीति में स्थित स्पीती घाटी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। भीड़ भाड़ से दूर यहां सैलानी शांत वातावरण में अपनी छुट्टियों को यादगार बना सकते हैं।स्पीति घाटी मठों के लिए प्रसिद्ध है, परन्तु उनमें धनकर मठ अपनी ख़ास पहचान रखता है। यहां आप तिब्बती धर्म को अच्छे से जान और समझ सकते हैं...PC:Nickowner
कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा
लाहौल का निकटतम हवाई अड्डा भुंटार है, जो शिमला और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा है। हवाई अड्डे के बाहर से टैक्सियों और कैब को किराए पर ले सकते और लाहौल तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा
लाहौल का निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है जो छोटी लाइन रेलवे स्टेशन है। यहां से चंडीगढ़ के लिए ट्रेन मिल जाती हैं। यात्री, रेलवे स्टेशन के बाहर से टैक्सी किराए पर लेकर गंतव्य स्थल तक आ सकते हैं।
सड़क द्वारा
यह पर्यटन स्थल मनाली से सड़कमार्ग से जुड़ा हुआ है।
PC: Nitinram Velraj
अलेप्पी
अलेप्पी दक्षिण भारत का सुंदर शहर है. शांति और फुर्सत के पल बिताने की जगह के रूप में प्रसिद्ध अलेप्पी को ‘‘पूरब का वेनिस' भी कहा जाता है।यहां की नहरों और पाम के पेड़ों के बीच सुंदर जलभराव और हरियाली आपको रोमांचित कर कल्पनाओं के नये आयाम में पहुंचा देते हैं।अलेप्पी के ये हाउसबोट यहाँ आने वाले हर सैलानी की सूची का हिस्सा होते है।PC:Mpmanoj
कैसे जाएं
अलेप्पी का नजदीकी हवाई अड्डा कोच्ची है...यहां से पर्यटक टैक्सी या बस द्वारा अलेप्पी पहुंच सकते हैं।
सड़क द्वारा
राष्ट्रीय राजमार्ग 47 शहर के बीच से गुजरता है जिसकी वजह से यह जगह राज्य के कुछ शहरों से जुड़ा हुई है।PC: Ashish Sharma
माउंट आबू
माउंट आबू राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है। यहां की हसीन वादियां, हज़ारों फिट की ऊंचाई, झरने, उड़ते बादल, हरीभरी हरियाली, घाटियां, मंदिर और झील राजस्थान के आकर्षक में चार चाँद लगा देती हैं।माउंट आबू की बड़ी बड़ी चट्टानें, तेज़ हवा जब पर्यटकों को छोकर गुज़रती है तो वह सबसे अनमोल अनुभव होता है।PC: Asdelhi95
कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा
हवाई मार्ग द्वारा माउंट आबू पहुँचने के लिए आप उदयपुर की उड़ान ले सकते हैं जो माउंट आबू का निकटतम हवाई अड्डा है। उदयपुर हवाई अड्डा इस शहर से 185 किमी. की दूरी पर स्थित है। एक अन्य उपलब्ध विकल्प यह है कि आप गुजरात के अहमदाबाद की उड़ान ले सकते हैं। गुजरात की इस राजधानी से सभी प्रमुख भारतीय शहरों के लिए उड़ाने उपलब्ध हैं। गुजरात का हवाई अड्डा माउंट आबू से 221 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहाँ से हिल स्टेशन के लिए परिवहन सुविधा आसानी से उपलब्ध है।
रेल यात्रा
माउंट आबू तक रेल द्वारा पहुँचा जा सकता है जहाँ निकटतम रेलवे स्टेशन अबू रोड़ शहर है जो 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। अबू रोड़ स्टेशन दो बड़े महानगरों मुंबई और नई दिल्ली को जोड़ने वाले मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है। यहाँ से कई मुख्य शहरों जैसे बेंगलुरू, हैदराबाद, नई दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, मुंबई, जयपुर, देहरादून और त्रिवेंद्रम के लिए रेल सेवा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग द्वारा
नियमित बस और टैक्सी सेवा द्वारा इस शहर तक रास्ते द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। कई प्रमुख भारतीय शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, जयपुर, उदयपुर और अहमदाबाद से माउंट आबू के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। यात्रियों की भीड़ के अनुसार बसों की आवृत्ति दैनिक से साप्ताहिक होती है। बस का किराया बस की सुविधाओं और आराम पर निर्भर करता है।PC: Camaal Mustafa Sikander
महिष्मति
बीते अप्रैल में रिलीज हुई फिल्म बाहुबली में महिष्मति को दिखाया गया जोकि मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है....जिसे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा "पवित्र नगरी" घोषित किया गया है, यह शहर अपने आप में कला, धार्मिक, संस्कृतिक, व एतिहासिक महत्व को समेटे हुए है।यह जगह माहेश्वरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है।
- एक भारतीय होकर वाघा बोर्डर नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा आपने बॉस
- एक बार आकर तो देखिये..आपको भी प्यार हो जायेगा 'पहाड़ों की रानी' रानीखेत से
- दोस्तों के संग करना है कुछ एडवेंचरस तो हो जाए इस बार बंजीजम्पिंग
- ये है जयपुर की अनसुनी जगह..यहां जाना ना भूले