हम आपको अपने पिछले कई लेखों के जरिये गुजरात की सुंदरता और वहां की संस्कृति से अवगत करा चुके हैं। साथ ही हमने अपने पिछले कई लेखों में आपको ये भी बताया है कि आज भारत के गुजरात राज्य का शुमार उन राज्यों में है जहां साल दर साल लाखों विदेशी पर्यटक आ रहे हैं जिसके चलते आज ये राज्य ट्रैवल के क्षेत्र एक नए टूरिज्म हब के तौर पर स्थापित हो चुका है। तो इसी क्रम में आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं गुजरात के एक ऐसे डेस्टिनेशन से जिसे राजहंसों के विश्राम गृह का दर्जा दिया गया है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं भुज की। भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाला एक प्रमुख शहर है जो कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। आपको बता दें कि इस शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे विशाल नाग भुजंग की जगह माना जाता है। उसे समर्पित एक मंदिर इस पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
कहा जा सकता है कि अपने शुरूआती दौर से ही भुज ने इतिहासकारों और वास्तु के जानकारों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। अब यदि बात इस शहर में पर्यटन के आयामों के इर्द-गिर्द हो तो इस शहर में ऐसा बहुत कुछ है जिसे देखने दूर दूर से पर्यटक आते हैं। तो आइये अब देर किस बात की इस लेख के जरिये जाना जाये कि ऐसा पर्यटक को अपनी भुज यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।
शरद बाग पैलेस
शरद बाग कच्छ के अंतिम राजा मदन सिंह का शाही निवास स्थान हुआ करता था, वर्ष 1991 में उनका निधन हो गया। आपको बता दें कि अब इस महल को एक संग्रहालय में बदल दिया गया है।
फोटो कर्टसी - Gujarat Tourism
रामकुंड बावड़ी
यदि आप कच्छ संग्रहालय या भुज के राम धुन मंदिर के पास हैं, तो कुछ कदम आगे बढ़ कर इस बावड़ी तक आ सकते हैं। यहां बावड़ी में आपको कई प्रमुख हिन्दू देवी देवताओं के सुंदर चित्र देखने को मिलेंगे।
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प्राग महल
प्राग महल,19वीं सदी की एक सुंदर इटेलियन-गोथिक शैली की इमारत है जो हर साल लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है। यदि आप भारत के प्राचीन वास्तु को समझना चाहते हैं तो आप यहां अवश्य आएं।
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आइना महल
भुज में हमीरसार झील के उत्तर पूर्वी कोने में स्थित 'दर्पण के हॉल' आइना महल एक अद्भुत इमारत है। 18 वीं शताब्दी के दौरान इसे बनाया गया था और आकर्षक रूप से भारत और यूरोपीय शैली का एक मिश्रित रूप है।
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भारतीय संस्कृति दर्शन
कच्छ लोक कला और शिल्प की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रदर्शन के लिये एक केंद्र, भारतीय संस्कृति दर्शन कॉलेज रोड पर स्थित है। सोमवार को छोड़कर सभी दिन जनता के लिए खुला रहने वाले संग्रहालय में गुजरात में दूरदराज के क्षेत्रों से कला की कुछ दुर्लभ अंश है।
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भुजोड़ी
कला प्रेमियों को इस जगह से प्यार हो जायेगा। भुज से 8 किमी आगे एक छोटा सा कस्बा भुजोड़ी एक अनोखा कस्बा है, जहां के ज्यादातर स्थानीय लोग कारीगर हैं। यह कच्छ का टेक्सटाइल हब है, जहां आने वाले लोगों को कई प्रकार के कारीगर, बुनकर और ब्लॉक प्रिंटर्स देखने को मिलते हैं।
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ब्लैक हिल्स (कालो डुंगर)
एक शांत और रहस्यमय जगह, काली पहाड़ियां खावड़ा के उत्तर में 25 किमी दूर स्थित हैं। यह कच्छा का सबसे ऊंचा स्थान भी है, जहां से आप रण के एक सुंदर विहंगम दृश्य देख सकते हैं।
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धमड़का
भुज में कई रोचक एवं प्रसिद्ध कस्बे हैं, जो हस्तशिल्प और वस्त्रों के गढ़ माने जाते हैं। धमड़का भी उन्हीं में से एक है। यह भुज के पूर्व की ओर लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित एक शहर है, यह आकर्षक अजरख ब्लॉक मुद्रण तकनीक में निपुण कारीगरों का एक केंद्र है।
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केरा
भुज से दक्षिण की ओर 22 किलोमीटर दूर केरा है, जहां 'सोलंकी शासकों के युग' का भगवान शिव का एक मंदिर है। आपको बताते चलें कि मंदिर का एक प्रमुख हिस्सा 1819 में आए भूकंप के दौरान नष्ट हो गया था।
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कच्छ संग्रहालय
किसी संग्रहालय में आप जो देखना चाहते हैं, वो सब कुछ इस संग्रहालय में मिलेगा। चित्रों से लेकर सिक्कों तक, संगीत वाद्ययंत्र से लेकर कलात्मक नक्काशी मूर्तियों तक और प्राचीन लिपि एवं कलाकृतियां यहां देख सकते हैं।
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स्वामीनारायण मंदिर
भुज में रामकुंड बावड़ी के पास स्थित, स्वामीनारायण मंदिर में एक सुंदर वातावरण है। देश में अन्य स्वामी नारायण मंदिरों की तरह यहां भी पूजा के स्थान के चारों ओर भगवान कृष्ण और राधा की विभिन्न रंगीन लकड़ी की मूर्तियां स्थापित हैं।
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सुनसान सीढ़ियाँ
खूबसूरत प्राग महल के बाहर लगी सुनसान सीढ़ियाँ की वो तस्वीर जिनकी सुंदरता किसी को भी मन्त्र मुग्ध कर दे।
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रॉयल मकबरे
आप जब भी भुज जाएं वहां इन खूबसूरत मकबरों की सैर करना न भूलें। आज भी ये मकबरे आपको गुज़रे हुए इतिहास की दास्तान सुनाते हैं।
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