कर्नाटक, भारत का दक्षिण पश्चिम पर्यटन हब है जो दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कर्नाटक की राजधानी, बंगलौर भी देश में आईहब के नाम से जानी जाती है। कर्नाटक राज्य में पर्यटन बढ़ने के कारण, वर्तमान में यहां भारी संख्या में रिसॉर्ट, टूरिस्ट प्लेस आदि बन गए है जिनसे पर्यटकों को यहां आकर आनंद आता है। आज इसी क्रम में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं कर्नाटक के एक ऐसे डेस्टिनेशन से जो अपने मंदिरों और पर्वतीय शांति के लिए जाना जाता है।
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जी हां हम बात कर रहे हैं बीआर हिल्स की बीआर हिल्स या बिलगिरी रंगना हिल्स पश्चिमी घाट की पूर्वी सीमा पर स्थित एक पर्वतीय श्रंखला है। पूर्वी और पश्चिमी घाट के मिलन बिन्दु पर स्थित यह श्रंखला एक विस्तृत पारिस्थितिकी तंत्र को जन्म देती है। बिलगिरी रंगना हिल्स का नामकरण एक श्वेत पर्वत की चोटी पर स्थित रंगास्वामी मंदिर के नाम पर पड़ा है।
ये पहाड़ियां चामराजनगर जिले में तमिलनाडु से छूती कर्नाटक की दक्षिण पूर्वी सीमा पर स्थित हैं। ज्ञात हो कि बीआर हिल्स एक तीर्थ स्थान है, जो भगवान रंगनाथ को समर्पित है; यहाँ उनको एक अनोखी मुद्रा में खड़े हुए दिखाया गया है तथा साथ में उनकी सहचरी भी हैं। गौरतलब है कि यहां अप्रैल माह के दौरान मंदिर में होने वाला उत्सव लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। तो आइये जानें कि बीआर हिल्स की यात्रा पर वहां क्या क्या कर सकते हैं आप।
बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर
बीआर हिल्स की यात्रा में यात्रियों को पर्वतीय श्रंखला पर स्थित बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर अवश्य देखना चाहिए। बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर भगवान वेंकटेश को समर्पित है। पूरे भारत में भगवान रंगनाथ को समर्पित मंदिरों में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां आराध्य की मूर्ति खड़ी अवस्था में है। मुख्य देवता की मूर्ति के अलावा, मंदिर में देवता की अर्धांगिनी, रंगनायकी की भी मूर्ति है। प्रत्येक शुक्रवार को यहां एक खास पूजा का आयोजन किया जाता है।
श्रीवैष्णव मत के अनुयायियों के लिए बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर का बड़ा महत्व है, क्योंकि इस क्षेत्र की स्थानीय जनजातियां दो वर्ष में एक बार भगवान रंगनाथ को एक फुट 9 इंच लम्बी खाल की चप्पलें भेंट करते हैं।
बीआरटी वन्यजीव अभ्यारण्य
बी.आर.टी वन्यजीव अभ्यारण्य बी आर हिल्स का मुख्य आकर्षण हैं तथा कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र में तुंगभद्रा और कावेरी नदी के मध्य स्थित हैं। अन्य नाम बिलगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में जानी जाने वाली ये पहाड़ियां समुद्र तल से 5091 फिट की ऊंचाई पर स्थित हैं तथा इनका विस्तार 540 स्कावयर किमी क्षेत्र में है। यह अभ्यारण्य वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित है।
इस अभ्यारण्य की योजना बनाने वाले पर्यटकों को यहां विभिन्न प्रकार की वन्यजीव व वनस्पतियां देखने को मिलेंगी। बी.आर.टी वन्य जीव अभ्यारण्य में हाथी, सांभर, लुप्तप्राय बाघ तथा गौर और ऐसे कई अन्य वन्य जीव देखने को मिल जायेंगे। अभ्यारण्य में तितलियों की लगभग 116 प्रजातियां एव सरीसृपों की 22 प्रजातियां पायी जाती हैं।
इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 225 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ अर्थात् सीटी मारने वाली चिड़िया, पीले गले वाली बुलबुल, रैकेट पूंछ वाला ड्रोंगो,क्रेस्टेड हाक ईगल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, पहाड़ी मैना समेत कई अन्य शामिल हैं।
डोडा शम्पीज मारा
यदि समय मिले तो पर्यटक बीआर हिल्स की यात्रा के दौरान डोडा शम्पीज भी देख सकते हैं। अंग्रेजी में इसको 'बिग चम्पक ट्री' कहते हैं। यह पेड़ लगभग 34 मीटर ऊंचा तथा 20 मीटर चौड़ा है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह पेड़ लगभग 2000 साल से ज्यादा पुराना है। डोडा शम्पीज मारा बीआर हिल्स से लगभग 4 किमी दूर मंदिर के भीतर स्थित है।
यहां पहुंचने पर, पर्यटकों को आस पास के क्षेत्र में कई लिंगम देखने को मिलेंगे। डोडा शम्पीज मारा सोलिगा जनजाती और अन्य मूल निवासी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अप्रैल के महीने में इस पेड़ पर लाल और पीले रंग के फूल खिलते हैं।
कैसे जाएं बीआर हिल्स
फ्लाइट द्वारा
मैसूर हवाई अड्डा सबसे नजदीकी घरेलू हवाई अड्डा है जो बीआर हिल्स को भारत के प्रमुख शहरों जैसे मुम्बई तथा चेन्नई आदि से जोड़ता है। बीआर हिल्स से इसकी दूरी लगभग 80 किमी है। लगभग 217 किमी की दूरी पर स्थित बंगलौर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हिल्स की सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यूरोप,एशिया,अमेरिका तथा मध्य पूर्व से आने वाले पर्यटकों के लिए बंगलौर हवाई अड्डा बिल्कुल आदर्श है।
ट्रेन द्वारा
बीआर हिल्स के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 82 किमी की दूरी पर स्थित मैसूर रेलवे स्टेशन है। यहां पहुंचकर बी आर हिल्स तक के लिए पर्यटक टैक्सी, कैब या बसें ले सकते हैं।
सड़क द्वारा
मैसूर से यहां आने के लिए बसों कि व्यवस्था है इसके अलावा यदि आप चाहें तो टैक्सी और कैब भी लेकर इस स्थान तक पहुँच सकते हैं।