हम सभी को हमेशा से ही एक लॉन्ग वीकेंड की तलाश रहती है..जुलाई में तो कोई छुट्टी नहीं थी, लेकिन अगस्त में बल्ले बले होने वाली है। आप सोच रहे होंगे कैसे तो बता दें,अगस्त में लगातर 4 दिन की छुट्टी है, जिन्हें आप जी भरकर एन्जॉय कर सकते हैं।
आप सोच रहे होंगे कैसे, तो आज हम आपको अपने लेख से बतायेंगे की अपनी चार दिन की छुट्टी को कैसे एन्जॉय किया और यादगार बनाया जाये। छुट्टियाँ कुछ इस प्रकार है 12 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक...और 15 अगस्त को अगर वाघा बोर्डर पर एन्जॉय किया जाए तो क्या कहने..यकीन मानिए वाघा बॉर्डर का समां देखने वाला होता है..जो आपको एक भारतीय होने का गर्व महसूस कराता है।
आपके वीकेंड यात्रा को सफल बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण ट्रैवल टिप्स!
हम अपनी छुट्टी के पहले दिन शुरुआत करते हैं चंडीगढ़ से जोकि अपनी अद्भुत वास्तुकला और परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। चंडीगढ़ की यात्रा बहुत ही ताज़ा और समृद्ध छुट्टी बिताने के लिए एक खूबसूरत स्थल है। चंडीगढ़ आजादी के बाद भारत का पहला नियोजित शहर है जिसका गठन आजादी के बाद किया गया था। यह शहर फ्रांसीसी वास्तुकारों द्वारा डिजाइन किया गया था। देश के विभिन्न भागों से प्रकृति प्रेमि शहर के सुंदर स्थानों को देखने के लिए यहाँ आते हैं।
ये हैं सबसे खतरनाक धार्मिक यात्राएँ..रहता है जान जाने का खतरा..फिर भी जाते हैं भक्त
इसी क्रम में मै आपको अपने आर्टिकल से चार दिन की छुट्टियों में लखनऊ-चंडीगढ़-अमृतसर-लखनऊ के बारे में बताने जा रहीं हूं-
लखनऊ से चंडीगढ़
अगर आप लखनऊ से चंडीगढ़ कार से जा रहे हैं...तो आपको लखनऊ से चंडीगढ़ की यात्रा पूरी करने में करीबन 10 घंटे का समय लगेगा। अगर आप यह यात्रा ट्रेन से कर रहे हैं..तो इस चंडीगढ़ तक पहुँचने में आपको करीब 12 से 13 घंटे का समय लगेगा।PC: Mohit
पहला दिन
शुक्रवार रात या फिर शनिवार की सुबह को आप अपनी कार से चंडीगढ़ की ओर रवाना हो सकते हैं। लखनऊ-कानपुर-भिंड-आगरा-मथुरा-नई दिल्ली-पानीपत-करनाल-कुरुक्षेत्र-चंडीगढ़।PC:Raakesh Blokhra
सुखना झील
सुबह आप चंडीगढ़ में सुखना झील के किनारे कर सकते हैं...सुखना झील सबसे सुंदर झीलों में से एक है और शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। यह झील मानव द्वारा निर्मित किया गया है जो 3 किलोमीटर लंबी है और 1958 में बनाया गया था।PC: Nitin Badhwar
रॉक गार्डन
रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर 1 में सुखना झील और कैपिटल काम्प्लेक्स के बीच स्थित है। रॉक गार्डन का नेक चंद रॉक गार्डन के नाम से प्रसिद्ध है। जी हाँ यह उद्यान एक ही व्यक्ति नेकचंद सैनी का अद्भुत प्रयास है, जिसे सन् 1957 में तैयार किया गया था। नेकचंद सैनी दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी चूड़ियों, प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। इस पार्क में पर्यटक यहां झरना, खुला थियेटर तथा एक छोटा सा तालाब भी देख सकते है।PC:Giridhar Appaji Nag Y
तोता अभयारण्य
इस अभयारण्य में आप हजारों तोतों को एकसाथ देख सकते हैं..यहां से आप प्रकृति को भी करीब से निहार सकते हैं।
PC: Harvinder Chandigarh
अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय
इस प्रसिद्ध संग्रहालय की स्थापना1985 में हुई थी और दुनिया भर से सुंदर गुड़ियों को एकत्र किया गया है। इस संग्रहालय में जर्मनी, रूस, कोरिया, स्पेन, डेनमार्क, नीदरलैंड से अलग अलग प्रकार के गुड़ियों को शामिल किया गया है।PC:Shamikhfaraz
चंडीगढ़ से अमृतसर
चंडीगढ़ से अमृतसर की दूरी करीबन 240 किमी है...जिसे कार द्वारा 4 से 5 घंटे में पूरा किया जा सकता हैं।अगर आप चाहे तो एक रात चंडीगढ़ में रुककर अगली सुबह अमृतसर के लिए रवाना हो सकते हैं। अमृतसर पहुँचने के बाद आप सुबह सुबह दरबार साहिब जा सकते हैं....दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद आप ऐतिहासिक जलियांवाला बाग़ की भी सैर कर सकते हैं...जो स्वर्ण मंदिर से कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित है। और शाम के समय आप वाघा बॉर्डर भी जा सकते हैं...
PC: Diego Delso
गोल्डन टेम्पल
स्वर्ण मंदिर स्वर्ण मंदिर को 'गोल्ड टेम्पल' के नाम से भी जाना जाता है और इसे 'दरबार साहिब' भी कहा जाता है।यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है जहाँ हर साल हज़ारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर तथा कलशों पर शुध्द सोना मढ़ा हुआ है। जिसमे 400 किलो सोना लगा है। आप चाहे तो दरबार साहिब का लंगर भी चख सकते हैं।PC:Antara Sarkar
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग स्वतंत्रता संग्राम का जीता जागता उदाहरण है जो तक़रीबन 2000 सिख व हिन्दुओं की शहादत का गवाह है। इस बाग़ की दीवारों पर आज भी गोलियों के निशाँ बाकी है। यहीं शहीदों की याद में एक स्मारक बनवाया गया है, जहाँ हरदम एक ज्योति प्रज्वलित रहती है।PC:Suchikha
बाघा बोर्डर
बाघा बोर्डर पाकिस्तान और हिन्दुस्तान का बॉर्डर है जहाँ हर शाम भारत और पाकिस्तान की सैनिक टुकड़ियां इकट्ठी होती हैं। 14 अगस्त की रात जब दोनों देशों में जब आज़ादी का जश्न मनाया जाता है तो यहाँ उस रात जागरण होता है और अमन शांति की दुआएं की जाती हैं। उसी रात बॉर्डर के आरपार वालों को मिलने की अनुमति होती है।
PC: Rickard Törnblad
सिख संग्राहलय
सिख संग्राहलय स्वर्ण मंदिर के पास ही बना हुआ है। इस संग्राहलय में अनेकों पेंटिंग्स हैं जिसमे सिख इतिहास से सम्बंधित युद्धों को चित्रों में दर्शाया गया है।
खाना
अमृतसर में खाने की कई सारी जगह है..जिसमे सबसे पहले नाम आता है..दरबार साहिब के लंगर का...यहां आप मुफ्त में कभी भी खाना खा सकते हैं। इसके अलावा आप गोल्डन टेम्पल के आसपास स्थित कई सारे ढाबो पर पंजाबी खाने का स्वाद ले सकते हैं।PC: Ravneetn13
शॉपिंग
अमृतसर गये और पंजाबी जूतियों और पंजाबी सूट की शॉपिंग नहीं की तो क्या किया...अमृतसर में शॉपिंग करने के लिए आपको ज्यादा भटकने की जरूरत नहीं..क्योंकि स्वर्ण मंदिर के आसपास ही आप काफी अच्छी और सस्ती शॉपिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा
अमृतसर में शहर से 11 किमी दूर श्री गुरू रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जिसके जरिए यहां हवाई मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद और सिंगापुर जैसे शहरों को अमृतसर से जोड़ता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें इसे विश्व के कई स्थानों से जोड़ती हैं।
PC: Abhidny
रेल मार्ग द्वारा
अमृतसर रेल मार्ग से भारत के ज्यादातर हिस्सों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जम्मू से अमृतसर के लिए प्रतिदिन ट्रेनें मिलती हैं। समझौता एक्सप्रेस नाम से विशेष ट्रेन वाघा-अत्तारी बॉडर के जरिए अमृतसर को लाहौर से जोड़ती है।PC: wikimedia.org
सड़क मार्ग द्वारा
ग्रेंड ट्रंक रोड (एनएच-1) पर स्थित होने के कारण भारत के प्रमुख शहरों से यहां सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू से अमृतसर के लिए बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती है। इसके अलावा जीटी रोड अमृतसर को पाकिस्तान के लाहौर से भी जोड़ता है।PC: wikimedia.org
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