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ये है भारत का नियाग्रा फाल..खूबसूरती देख रह जायेंगे चकित

क्या आपको नहीं पता कि,भारत मे भी एक नियाग्रा फॉल मौजूद है...इसके बारे में पढ़कर आप इसकी सुंदरता और रोमांच को जानने के बाद आप इस जगह जाने को बेताब हो उठेंगे।

By Goldi

हम सबने बचपन में नियागरा फॉल के बारे में काफी पढ़ा सुना है, लेकिन क्या आप भारत के नियाग्रा फॉल के बारे में जानते हैं? क्या आपको नहीं पता कि,भारत मे भी एक नियाग्रा फॉल मौजूद है...इसके बारे में पढ़कर आप इसकी सुंदरता और रोमांच को जानने के बाद आप इस जगह जाने को बेताब हो उठेंगे।

अकेले यात्रा करना है पसंद...तो एकबार इन जगहों पर जरुर जाएँअकेले यात्रा करना है पसंद...तो एकबार इन जगहों पर जरुर जाएँ

भारत का नियाग्रा फॉल छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में स्थित है..जिसे हम सभी चित्रकोट फॉल्स के नाम से भी जानते हैं। यह झरना बस्तर ज़िले के जगदलपुर में इंद्रावती नदी पहाड़ों से गिरती है।ये 95 फ़ीट ऊंचा झरना आपकी नज़रें रोक कर रूह तक उतर जाने के लिए काफ़ी है।

घूमना है कुछ नया तो...घूमने चले आयें सापूताराघूमना है कुछ नया तो...घूमने चले आयें सापूतारा

अमूमन बरसात में ही यहां पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं इस फॉल को पूरे शबाब में देखने के लिए। अपने घोड़े की नाल समान मुख के कारण इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। हम आज छत्तीसगढ़ के ऐसे ही प्रमुख जलप्रपातों के बारे में आपको बता रहे हैं।

 नियाग्रा फॉल छत्तीसगढ़

नियाग्रा फॉल छत्तीसगढ़

पूरे साल भरापूरा रहनेवाला यह वॉटरफाल पौन किलोमीटर चौड़ा और 90 फीट ऊंचा है। इसकी खासियत का प्रमुख कारण यह है कि बारिश के दिनों में यह रक्तिमा ललिमा लिए हुए होता है। तो गर्मियों की चांदनी रात में यह सफेद दूधिया नजर आता है। कई मौकों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन व अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं।PC: Ksh85

बदलता है रंग

बदलता है रंग

इस प्रपात का रंग पहर के हिसाब से बदलता रहता है। नीचे गिरते ही नदी का प्रवाह शांत हो जाता है। प्रपात के समीप आप नौकायन का आनंद ले सकते हैं। कई पर्यटक नौका से उस स्थल के करीब तक जाते हैं जहां प्रपात का प्रवाह गिरता है। यह अपने आप में न भूलने वाला क्षण होता है जब डर और विस्मय से आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।

बोटिंग का ले मजा

बोटिंग का ले मजा

प्रपात के समीप आप नौकायन का आनंद ले सकते हैं। कई पर्यटक नौका से उस स्थल के करीब तक जाते हैं जहां प्रपात का प्रवाह गिरता है। यह अपने आप में न भूलने वाला क्षण होता है जब विस्मय से आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।

तीरथगढ़ फॉल्स

तीरथगढ़ फॉल्स

तीरथगढ जलप्रपात भी बस्तर की खूबसूरत वादियों में स्थित है। जिला मुख्यालय जगदलपुर से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात मुंगाबहार नदी से बनता है। इस स्थान की भौगोलिक संरचना ऐसी है जहां से नदी का पानी जब नीचे गिरती है तो गिरती जलराशि एक स्थान की बजाय विशाल चट्टान के ऊपर बिखर जाती है। विशाल जलराशि के साथ इतनी ऊंचाई से भीषण गर्जना के साथ गिरती सफेद जलधारा यहां आए पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है।
PC: Aashishsainik

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

200 वर्ग किमी में फैला कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान सुकमा-कोंटा मार्ग पर जगदलपुर से 45 किमी दूर है। यह उद्यान प्रकृति के कई रूपों से परिपूर्ण है। यहां न केवल वन्य जंतुओं को देखा जा सकता है बल्कि इसके अंदर एक मनोरम जलप्रपात तीरथगढ़ व प्राचीन गुफाएं है। वन्य जंतुओं में रुचि लेने वाले चाहे तो इस उद्यान में कई प्रकार के जानवरों को देख सकते हैं। पहाड़ी मैना भी इनमें एक है। इस उद्यान में सागौन के घने जंगल अपने अनछुए रूप में देखे जा सकते हैं। जैव-विविधता से परिपूर्ण यह उद्यान एक नायाब स्थान है। वृक्षों का घनापन इतना कि सूर्य की रश्मियों को भी नीचे पहुंचने के लिए संघर्ष करना होता है।
PC: Theasg sap

कोटुम्बसर गुफा

कोटुम्बसर गुफा

कोटुमसर (कोटुम्बसर) गुफा भी भूमिगत गुफा है। इस गुफा का प्रवेश मार्ग बेहद संकरा है। लगभग 320 मीटर लंबी व 20 से 60 मीटर की गहराई पर बनी इस गुफा की गिनती विश्व की प्राकृतिक रूप से बनी विशालतम भूमिगत गुफाओं में होती है।PC:Biospeleologist

ठहरने का प्रबंध

ठहरने का प्रबंध

चित्रकोट के सौंदर्य को यदि आप अपनी आँखों से देखना चाहते है तो जरुर जाए इसे देखने के लिए एक दिन कम से कम आपको चाहिए। तब आप इस जल प्रपात के हर रूप को आराम से देख सकते हैं। रुकने के लिए सबसे अच्छा है वहा का विश्रामगृह वहा से आपको इसकी सुन्दरता आराम से दिख सकती है अगर विश्राम गृह में रूम न मिल पाए तो बहुत से होटल की भी सुविधा प्राप्त हो जाएगी आपको ।
PC: Moulina kumar

कैसे आयें

कैसे आयें

बस्तर आने के लिए पहले जगदलपुर आना होता है जो कि बस्तर का प्रमुख नगर है। उत्तर से यदि आप आ रहे हैं तो राजधानी रायपुर तक रेल से व उसके बाद सड़क मार्ग से जगदलपुर की दूरी 300 किमी. और यदि आप दक्षिण से आ रहे हों तो बरास्ता विशाखापट्टनम से रेल से जगदलपुर 320 किमी. दूर है। हालांकि इस सफर में लगते हैं पूरे 10 घंटे, किंतु इस मार्ग से यदि आप गुजरते हैं तो आपको आन्ध्र व उड़ीसा की पहाडि़यों के सौंदर्य को देखने का एक अद्भुत अनुभव होता है तो इस अनूठे रेल मार्ग की विविधता एक रोमांच पैदा करती है।

हवाई जहाज द्वारा
यहां के लिए सबसे करीबी हवाई अड्डा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में है।ये यहां से 284 किलोमीटर दूर है और टैक्सी से 5 घंटे में पहुंचा जा सकता है।

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