का खूबसूरत राज्य कर्नाटक" loading="lazy" width="100" height="56" />दक्षिण भारत का खूबसूरत राज्य कर्नाटक
इस मंदिर में प्रसाद में मिलता है ब्राउनी और बर्गर
के इतिहास में बगलकोट जिले की महत्वपूर्ण भूमिका है। कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में राजसी चालुक्य राजवंश का शासन हुआ करता था इसलिए आपको इन जगहों पर शासकों द्वारा बनाए गए कई अवशेष मिलेंगें। कभी चालुक्य राजवंश की राजधानी हुआ करती थी बादामी गुफा " loading="lazy" width="100" height="56" />कर्नाटक के इतिहास में बगलकोट जिले की महत्वपूर्ण भूमिका है। कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में राजसी चालुक्य राजवंश का शासन हुआ करता था इसलिए आपको इन जगहों पर शासकों द्वारा बनाए गए कई अवशेष मिलेंगें। कभी चालुक्य राजवंश की राजधानी हुआ करती थी बादामी गुफा
पट्टदाकल
पहले पट्टदाकल को पट्टदा किसुवोलाल के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है सिटी ऑफ क्राउन रूबीज़। बगलकोट का ये सुंदर शहर अपनी शाही इमारतों और स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हें आठवीं शताब्दी में चालुक्य राजवंश द्वारा बनवाया गया था।
मालाप्रभा नदी के तट पर बसे पट्टादाकल में भगवान शिव को समर्पित दस मंदिर हैं। इन मंदिरों में आपको चालुक्य राजवंश की स्थापत्य कला और वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी। यहां पर विरुपक्षा मंदिर, संगामेश्वरा मंदिर और मल्लिकार्जुन मंदिर देखना ना भूलें।
PC: Mukul Mhaskey
कुडाला संगमा
मालाप्रभा और कृष्ण नदी का संगम स्थल है कुडाला संगमा। यह स्थान हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल भी है क्योंकि यहां पर भगवान शिव के अनके मंदिर स्थापित हैं। इसके अलावा कर्नाटक के प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक और कवि बसावन्ना का जन्मस्थान है। यहां का मुख्य तीर्थस्थल है श्री संगामेश्वरा मंदिर जिसे 12वीं सदी में चालुक्य द्वारा बनवाया गया था। ये मंदिर प्रसिद्ध कवि बसावन्ना को समर्पित है एवं यह लिंग्यात्स का पवित्र तीर्थस्थान है।PC:Mankalmadhu
बादामी
प्रकृति और इतिहास दोनों का संगम है बादामी गुफा। बगलकोट में बादामी गुफा को देखने विशेष रूप से पर्यटक आते हैं। बादामी में कई गुफा मंदिर हैं जिन्हें चालुक्य राजवंश द्वारा बनवाया गया था। चूंकि बादामी चालुक्य राजवंश की राजधानी हुआ करती थी इसलिए यहां पर आप विशेष रूपे से चालुक्य स्थापत्य कला को नमूना देख सकते हैं।चट्टानों को काटकर चार मंदिर बनाए गए हैं जिनमें से तीन हिंदू मंदिर और एक जैन मंदिर है। इन मंदिरों के अलावा बादामी संग्रहालय, अगस्थय तीथ और भूतनाथ मंदिर देख सकते हैं।PC: Ashwin Kumar
एहोल
एहोल में आपको कई शानदार मंदिरों का समूह देखने को मिलेगा। इसी कारण से इस स्थान को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल करवाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस में 125 मंदिरों में 20 मंदिर ऐतिहासिक महत्व रखते हैं और इन सभी का निर्माण चालुक्य राजवंश द्वारा करवाया गया था। यहां पर हिंदू और जैन धर्म के मंदिर स्थापित हैं। इकसे अलावा बौद्ध गुफाएं भी शामिल हैं। यहां पर आप दुर्गा मंदिर, लद खान मंदिर, मेगुती मंदिर आदि भी देख सकते हैं। इन सभी मंदिरों को पांचवी सदी में बनवाया गया था।
PC: Deepak Bhaskari
महाकूटा
बगलकोट के गांव महाकूटा में आपको भगवान शिव को समर्पित अनके सुंदर मंदिर देखने को मिलेंगें। इन मंदिरों को 6 से 8 ईस्वीं में बनवाया गया था। ये सभी मंदिर बादामी से महज़ कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
मंदिरों के खंभों पर चालुक्य सेना की उपलब्धियों और शिलालेखों को दर्शाया गया है। इन मंदिरों में आपको द्रवडियन और नागर शैली का बेजोड़ मेल देखने को मिलेगा एवं यहीं चालुक्य वास्तुकला है।
PC: Dineshkannambadi