Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »अपने में कई आश्चर्यों को समेटे है दंता की भूमि, जानें वहां क्या कर सकते हैं पर्यटक

अपने में कई आश्चर्यों को समेटे है दंता की भूमि, जानें वहां क्या कर सकते हैं पर्यटक

By Super

भारत रहस्यों और आश्चर्यों का देश है, यहां कई ऐसे डेस्टिनेशन मौजूद हैं जो अपने में अनूठे और बेमिसाल हैं साथ ही ये अपने में कई रहस्य भी समेटे हुए हैं। तो इसी के मद्देनज़र आज अपने इस लेख में हम आपको भारत के गुजरात राज्य में मौजूद एक ऐसे ही डेस्टिनेशन से अवगत कराने जा रहे हैं जिसे स्थानीय लोगों के बीच आश्चर्यों से मिश्रित एक पोटली का नाम दिया गया है। हम बात कर रहे हैं गुजरात स्थित दंता की। एक समय में दंता परमार वंश की एक रियासत था, जो अग्निवंशी राजपूत के वंश के थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, दंता भारत के राज्य के साथ विलीन कर दिया गया।

Read in English: Travel to the City of Ruins, Danta in Gujarat

दंता, राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बने बनासकांठा जिले का एक शहर है। इस शहर से अहमदाबाद की दूरी दक्षिण में 161 कि.मी की है। राजपरिवार के सदस्य अभी भी इस स्थान पर रहते हैं और हर साल नवरात्रि की पूजा दंता के महाराणा द्वारा की जाती है। आपको बताते चलें कि राजस्थान में माउंट आबू के निकट, दंता का राजपरिवार "भवानी विला विरासत होमस्टे" नामक एक होमस्टे चलाते हैं।

अब यदि बात दंता के पर्यटन बिन्दुओं पर हो तो बहुत संक्षिप्त में आपको बता दें कि दंता और उसके आस पास अंबाजी मंदिर, पाटन में रानी की वाव, खंड़ित जैन मंदिर, वड़नगर की स्मारकें, कोटेश्वर मंदिर, मोदेरा सूर्य मंदिर, तरंगा और कुंभारिया जैन मंदिरों और धारोय बांध जैसे कई दिलकश स्थान हैं। आइये इस लेख के जरिये जाना जाये कि यदि आप अपनी दंता यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको वहां ऐसा क्या - क्या है जो आपको अवश्य देखना चाहिए। होटल और फ्लाइट्स की बुकिं पर पाएं 50 % की छूट - जल्दी करें

मेहसाणा

मेहसाणा एक छोटा सा शहर है जो मेहसाणा जिले में पाया जा सकता है। तेल, प्राकृतिक गैस और डेयरी जैसे विभिन्न उद्योग मेहसाणा में और उसके आसपास स्थित हैं। यह उत्तरी गुजरात के सबसे बड़े शहरों में से एक है। इसके अलावा, यहां यूरेशिया का सर्वप्रथम पानी का पार्क और भारत का सबसे बड़ा स्टील और लोहे का बाजार भी मौजूद हैं। यहां आने वाले पर्यटक 161 फुट लंबा मुल्नायक मंदिर, मोदेरा सूर्य मंदिर, हिंगलाज माता मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर अवश्य देखें । थोल वन्यजीव अभयारण्य जो राजहंस, ग्रे पेलिकन, आर्द्रभूमि पक्षियों और ब्लैक आइबिस विविध प्रकार के पक्षियों का निवास स्थान है।

Photo Courtesy: Anirudh Bhati

मोढेरा सूर्य मंदिर

ये एक बहुत सुन्दर मंदिर है जो भारतीय वास्तुकला को दर्शाता है। यहां का सूर्य मंदिर कोई 900 साल पुराना मंदिर है जो उस समय का इतिहास बताता है। ये मंदिर मेहसाणा से 25 - 30 किलोमीटर दूर है। यदि आपको इतिहास जानने की इच्छा हो और वास्तु में आपकी दिलचस्पी हो तो ये वो स्थान है जिसे आपको मिस नहीं करना चाहिए। साथ ही यदि आप फोटोग्राफी के शौक़ीन हैं तो हमारा दावा है कि आपको कई यादगार शॉट्स यहां मिलेंगे।

Photo Courtesy: Sudhamshu Hebbar

वड़नगर

मेहसाणा का वड़नगर एक अन्य रोचक स्थान है जिसे गुजरात की सैर करने आए सैलानी देख सकते हैं। यहां एक बौद्ध मठ मौजूद है और 2 से 7 वीं ई की प्राचीन बौद्ध वस्तुएं भी हैं, जिन्हें हाल ही में हुए वड़नगर क्षेत्र की खुदाई से खोजा गया है। इस खोजे गए मठ में दो प्राचीन स्तूप और एक खुला आंगन है जिसके चारों ओर नौ कक्ष हैं। इन कक्षों की व्यवस्था कुछ इस तरह है कि वे एक स्वस्तिक स्वरुप बनाते हैं। वर्तमान में वड़नगर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जो कृत्रिम रूप से प्राचीन काल के दौरान निर्माण और नष्ट हुई इमारतों की परतों के एक सरणी के गठन से बनी है। हमारा सुझाव है कि यहां आने वाले पर्यटक हत्केश्वर महादेव मंदिर, शर्मिष्ठा झील, जैन मंदिर, ताना रीरी उपवन और धीरी, गौरी कुंड, खोखा गणपति, नागधारो और नाग मंदिर और नरसी मेहता की यात्रा अवश्य करें।

Photo Courtesy: Gujarat Tourism

तरंगा और कुंभारिया जैन मंदिर

12 वीं सदी में विमल शाह द्वारा निर्मित कुंभारिया जैन मंदिर, जैन तीर्थंकरों को समर्पित पांच विभिन्न मंदिर हैं - महावीर, नेमिनाथ, संभावनाथ, शांतिनाथ और पार्श्वनाथ। कलात्मक ढंग से सफेद पत्थर पर बनाए गए, ये पांच मंदिर 360 जैन मंदिरों में से बचे हुएं हैं जिन्हें विमल शाह द्वारा बनवाया गया था, भीमदेव प्रथम के मंत्री - जो एक चालुक्य राजा थे। ये मंदिर तरंगा पहाड़ियों से 40 किमी की दूरी पर स्थित हैं और देवी, देवताओं, कोण, घुड़सवारों और संगीतकारों के व्यापक कलात्मक नक्काशियों को दर्शाता है। आपको बताते चलें कि ये मंदिर हर रोज सुबह 6.30 बजे से लेकर रात के 7.30 बजे तक खुले रहते हैं। तरंगा पहाड़ियां और जैन मंदिर: वडनगर से लगभग 20 किमी दूर शांत वातावरण में तीन नुकीली वाली तरंगा पहाड़ियां अपने पर्यटकों को एक अलग दुनिया में ले जाती हैं।

Photo Courtesy: Gujarat Tourism

धारोय बांध

वर्ष 1978 में बनी धारोय बांध, मेहसाणा जिले के धारोय गांव की साबरमती नदी पर बनी एक प्रमुख बांध है। यह बांध ऊपरी उप-बेसिन और साबरमती नदी के जिस जलग्रहण क्षेत्र को आवरण करता है उसे धारोय उप बेसिन कहा जाता है।

कैसे जाएं दंता

फ्लाइट द्वारा - अहमदाबाद हवाई अड्ड़ा दंता का सबसे निकटतम हवाई अड्ड़ा है जो केवल 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल द्वारा - पालनपुर रेलवे स्टेशन दंता को जोड़ने वाला सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के विभिन्न शहरों तथा गुजरात के अन्य शहरों से पालनपुर के लिए ट्रेनें चलती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा - अहमदाबाद से कई बसें दंता के लिए चलती हैं। शहर के लिए निजी और सरकारी दोनों बसों की सेवा उपलब्ध है।

लोलोलो - ऐसा न दीजिये ये दुनिया बहुत कामिनी है लेने के बाद फिर कुछ दोबारा के लिए बचेग ही नहीं न मेरे पास न किसी और के पास

Photo Courtesy: Meena Kadri

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X