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पुणे से महाबलेश्वर तक की वन-डे रोड ट्रिप जो बनाए आपके वीकेंड को यादगार

By Staff

प्रायः ये देखा गया है कि कहीं न कहीं हम सभी ट्रैवलिंग पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यात्रा कोई भी हो उससे व्यक्ति बहुत कुछ सीखता है। अपने ट्रैवल के जरिये आप जहां एक तरफ अपने टेंशन को छू मंतर कर सकते हैं तो वहीँ ये बोरियत भगाने का भी एक सरल माध्यम है। तो इसी क्रम में आज हम अपने इस आर्टिकल के जरिये आपको अवगत करा रहे हैं पुणे से महाबलेश्वर तक की वन-डे रोड ट्रिप से जिसमें आप सुबह निकल कर रात तक अपने घर लौट आएँगे। महाराष्ट्र का दूसरा बड़ा शहर और राज्य की सांस्कृतिक राजधानी के नाम से मशहूर पुणे से महाबलेश्वर 122 किलोमीटर दूर है।

ज्ञात हो कि यदि आप बिना रुके पुणे से महाबलेश्वर गए तो आप 2 घंटे के अन्दर यहां पहुंच जाएंगे मगर इसके विपरीत यदि आप रास्ते में पड़ने वाली जगहों पर रुकते हुए गए तो आप थोडा अधिक समय लगेगा। यदि आप इस रूट पर अपनी कार द्वारा जा रहे हैं तो हमारा सुझाव है कि आप सुबह निकलें, सुबह ट्राफिक कम रहेगा और आप कम समय में महाबलेश्वर पहुंच जाएंगे।

आइये जाना जाए कि कैसे शुरू होगी आपकी पुणे से महाबलेश्वर की ट्रिप

आपको महाबलेश्वर तक जाने के लिए एशियन हाईवे 47 और राष्ट्रीय राजमार्ग 4 जो रामनगर, किक्वी और वाई से होकर गुज़रता है लेना होगा।पुणे में आप अपनी यात्रा की शुरुआत शिवाजी रोड से करेंगे जो लाल बहादुर शास्त्री रोड तक कनेक्ट होती है इस रोड पर चलते हुए जैसे ही आप ढंकवाड़ी पार करेंगे ये रोड मुंबई पुणे बायपास रोड में मिल जाएगी। हमारा सुझाव है कि इसके बाद आप वाई पंचगनी रोड को लें ऐसा इसलिए क्योंकि इस रूट में सड़कें चौड़ी हैं और आप आप सुगमता से इसपर ड्राइव कर सकते हैं।

आपको बताते चलें कि जैसे ही आप वाई पहुंचेंगे ये रोड आपको सातारा ले जाएगी जहां रूककर आप चाय नाश्ता कर सकते हैं। सातारा के बाद आप इसे रोड से सीधे चलें अब ये रोड आपको मस्जिद रोड से कनेक्ट करेगी और इस रुट पर चलते हुए आप महाबलेश्वर में प्रवेश कर लेंगे।

वर्तमान में एक प्रमुख टूरिस्ट हब होने के कारण आज महाबलेश्वर में कई एक से बढ़कर एक होटल हैं। महाबलेश्वर के बेहतरीन होटलों के लिए यहां क्लिक करें।

आइये जानें की पुणे से महाबलेश्वर के बीच क्या क्या देख सकते हैं आप

किक्वी

महाराष्ट्र के भोर ताल्लुख में स्थित किक्वी एक छोटा सा गांव है जो अपनी मंत्र मुग्ध कर देने वाली सुन्दरता के लिए जाना जाता है। आपको बताते चलें की मराठी के अलावा हिंदी, मारवाड़ी, और कन्नड़ यहां की प्रमुख भाषाएँ हैं।

खंडाला

खंडाला, भारत के राज्य महाराष्ट्र में, पश्चिमी घाट में स्थित एक पर्वतीय स्थल है। यह लोनावला से तीन किलोमीटर और कर्जत से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खंडाला, भोर घाट के एक छोर (ऊपर) पर स्थित है, जो कि दक्कन के पठार और कोंकण के मैदान के बीच के सड़क संपर्क पर स्थित एक प्रमुख घाट है। इस घाट से भारी सड़क और रेल यातायात गुजरता है। मुंबई और पुणे के बीच की मुख्य कड़ी मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, खंडाला से ही होकर गुजरता है। यदि आप खंडाला में हों तो यहां के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों को निहारना न भूलें। खंडाला के पर्यटक आकर्षण

वाई

महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित वाई का भी शुमार पूरे राज्य के सबसे आकर्षक डेस्टिनेशंस में होता है। कम भीड़ भाड़ वाला वाई उन पर्यटकों को आकर्षित करता है जो नेचर को उसके सर्वोत्तम रूप में निहारने के इच्छुक हैं और जिन्हें एडवेंचर पसंद है। पश्चिम घाट पर मौजूद इस स्थान की दिलचस्प बात ये है कि इसे स्थानीय लोगों द्वारा दक्षिण काशी भी कहा जाता है। यदि आप वाई में हैं तो हमारा सुझाव है कि आप यहां गणपति घाट पर मौजूद डोल्या गणपति मंदिर देखना हरगिज़ न भूलें।

जानें पुणे से महाबलेश्वर तक की रोड ट्रिप

सतारा

सतारा, महाराष्ट्र राज्य का एक ज़िला है। यह कुल 10 ,500 वर्ग कि.मी क्षेत्र में फैला है। इसके उत्तर में पुणे, दक्षिण में सांगली, पूरब में सोलापुर, और पश्चिम में रत्नागिरी जिले हैं। इसके इर्द - गिर्द सात पहाड़ियाँ हैं, इसलिए इसे सतारा कहा जाता है। आपको बताते चलें कि सतारा अपने समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है । इसके किले, मंदिर, वन्य अभ्यारण्य और प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को अपनी ओर अकार्षित करते हैं। सतारा जो कभी मराठो की राजधानी थी आज एक पर्यटक स्थल है। इस एतिहासिक और प्राकृतिक सुन्दरता से बरी जगह को देखने का मौका कभी न गवाएं। सातारा के मुख्य आकर्षण

महाबलेश्‍वर

महाराष्‍ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर एक प्रसिद्ध हिल स्‍टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्‍टेशनों में शामिल है। महाबलेश्वर में पर्यटक गर्मी के मौसम में आना पसंद करते है। महाबलेश्‍वर का शाब्दिक अर्थ होता है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्‍णा नामक पांच नदियां बहती है। 4,450 फीट की ऊंचाई पर बसा यह शहर 150 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। महाबलेश्वर, मुम्‍बई से 220 किमी. और पुणे से 180 किमी. दूर स्थित है। महाबलेश्वर के प्रमुख आकर्षण

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