Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »पहुंच जायें दिल्ली से औली-क्योंकि मन को तरोताज़ा कर देते हैं औली के खूबसूरत दृश्य

पहुंच जायें दिल्ली से औली-क्योंकि मन को तरोताज़ा कर देते हैं औली के खूबसूरत दृश्य

औली को देखकर ऐसा लगता है जैसे कुदरत ने अपनी मद-मस्त छटा बिखेर दी हो। यहाँ के सुंदर दृश्य किसी भी पर्यटक को सम्मोहित कर सकते हैं। यहाँ आकर आप यहाँ के खुशनुमा नज़ारों में जीवन की सारी थकान ही भूल जायेंगे

By Goldi

ऊँचे ऊँचे आसमान छूते सफ़ेद चमकीले पहाड़ मीलों दूर तक फैली सफ़ेद बर्फ की चादर दूर दूर तक दिखते बर्फीली चोटियों के दिलकश नज़ारे ! नहीं भई इसके लिए स्विट्जर्लेंड जाने की जरुरत नही ऐसी जगह तो हमारे पास भी मौजूद है हम बात कर रहे हैं औली की जो की उत्तराखंड में है। औली उत्तराखंड का एक छोटा सा कस्बा है जोकि हरिद्वार से लगभग 275 किलोमीटर दूर है जोशीमठ ,जोशीमठ से 16 किलोमीटर दूर है। वैसे तो यहाँ हर समय तापमान 0 डिग्री से नीचे रहता है मगर फ़िर भी यहाँ आने के लिए दिसम्बर से मार्च तक का समय ठीक रहता है। इसीलिए मैंने औली घूमने का निश्चय किया क्योंकि मुझे बचपन से बर्फीली चोटियों को देखने का शौक था। इसलिए मैंने अपने अकेले ही औली जाने का फैसल किया।

औली की प्लानिंग करते हुए घरवालों ने निर्देश दिया कि, वहां ठंड अधिक होगी तो बेहतर है ज्यादा ज्यादा ऊनी कपड़े लेकर जाना। मै पैकिंग के मामले में थोड़ी कच्ची हूं तो मेरी सारी पैकिंग मेरी मम्मा ने कर दी। दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने घरवालो के साथ अच्छा सा नाशता किया । बता दूं यह ट्रिप मैने अकेले की । इसलिए घरवाले थोड़ा डरे हुए थे, लेकिन मैंने कहा डर के आगे जीत है और बस निकल पड़ी अपनी औली ट्रिप पर ।

दिल्ली से औली जाने के लिए तीन रूट है

पहला रूट
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत-करनाल-सहारनपुर-रूडकी-हरिद्वार-ऋषिकेश-चमोली-औली।यह रूट आपको दिल्ली से औली 14 घंटे में 545 किलोमीटर दूर औली पहुंचाएगा।

दूसरा रूट
दिल्ली-नॉएडा-हापुड़-अमरोहा-पौड़ी गडवाल-चमोली-औली।यह रूट आपको दिल्ली से औली 14 घंटे 10 मिनट में 543 किलोमीटर दूर औली पहुंचाएगा।

तीसरा रूट
दिल्ली-नॉएडा-मेरठ-मुजफ्फरनगर-रूड़की-हरिद्वार-ऋषिकेश-चमोली-औली।यह रूट आपको दिल्ली से औली 13 घंटे 46 में 506 किलोमीटर दूर औली पहुंचाएगा।

पहला दिन
औली जाने के लिए मै अपने घर से सुबह 6 निकली क्योंकि सफर बहुत लंबा था। दिल्ली से नॉएडा बेधड़क होते हुए मै अपनी गड्डी दौड़ाते हुए चली जा रही थी। मैंने अपना पहला चाय का ब्रेक मेरठ में लिया उसके बाद फिर निकल पड़ी।

delhi to Auli travel guide

हरिद्वार पहुंचते ही मुझे जोरो की भूख लग चुकी थी। फिर मैंने हरिद्वार पहुंचकर हवेली हरी गंगा में एक अच्छा सा लंच किया। यहां का स्टाफ बेहद ही शालीन है। कुछ देर यहां रुकने के बाद मै फिर अपनी मंजिल की और चल पड़ी। जोशी मठ पहुँचने तक एक बार फिर से मेरे पेट मै चूहे कब्बड्डी खेलने लगे थे।

इसलिए मैंने जोशीमठ पर अपनी गाड़ी रोककर चाय और हल्का सा नाश्ता किया। क्योंकि यहां से मेरी मंजिल कुछ ही दूर थी और अँधेरा होने को था। तो यहां ज्यादा समय ना गंवाते हुए मै निकल पड़ी औली। करीबन रात 8 बजे मैं अपनी मंजिल यानि औली पहुंच ही गयी।मै पूरी थकी हुई थी लेकिन रात के अँधेरे में भी औली बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था। अगर आप औली में ओने कमरे से औली के खूबसूरत नजारों का अवलोकन करना चाहते हैं। तो आप क्ल्फि टॉप रिसोर्ट में ठहर सकते हैं।

delhi to Auli travel guide

यहां से नंदा देवी, त्रिशूल, कमेत, माना पर्वत, दूनागिरी, बैठातोली और नीलकंठ का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। इसमें 46 कमरें हैं। इसके अलावा औली में ठहरने के लिए फाइबर हट्स हैं, जहाँ रहने के अलावा खाने पीने की भी उत्तम व्यवस्था है।औली पहुँचने के बाद मेने तुरंत ही एक होटल बुक किया और डिनर करके सो गयी।

दूसरे दिन
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठ गयी सुबह उठने के बाद मैंने अच्छा सा नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद मै निकल पड़ी औली की सैर पर। होटल से निकल कर मै एक मैदान में पहुंची जिसे यहां की भाषा में बुग्याल कहा जाता है वाकई मै
यहां की खूबसूरती देखते ही बन रही थी । इतना ही नहीं आप यहां से हिमालय का नजारा भी देख सकते है।

delhi to Auli travel guide

बुग्याल घूमने के बाद मै थोड़ा आगे ही बढ़ी थी कि, वहां मुझे कुछ स्कीइंग स्कीइंग सेंटर नजर आया।उसे देख मुझे भी इच्छा हुई क्यों ना स्कीइंग में ट्राय किया जाये। बस फिर क्या था मैंने उस सेंटर की देख रेख में स्कीइंग का मजा लिया।
आप यहां स्कीइंग के अलावा रॉक क्लाइम्बिंग, फॉरस्ट कैम्पिंग और घोडे की सवारी आदि का भी मजा ले सकते हैं।

मैंने भी स्कीइंग के बाद यहां घुड़सवारी का मजा लिया। दोपहर होते होते फिर भूख लगने लगी। तो मै पहुंच गयी अपने होटल क्लिफ टॉप रिसोर्ट। यहां का खाना सस्ता और काफी अच्छा है। खाना खाने के बाद मैंने थोड़ा आराम करना सही समझा।

delhi to Auli travel guide

औली नंदा देवी के बहुत पास है। यहां पर अस्थायी ढाबों और कूडा़ बिखेरने पर प्रतिबंध है। यहां पर मांसाहारी खाना केवल एक ही होटल मे मिलता है और वह होटल ऊंची चोटी पर हैं। यहां पर कोई शराब खाना भी नहीं है।

औली का छत्रा कुंड यह दर्शनीय स्थल पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में सदा कामयाब रहा है। यहाँ से प्रकृति के खूबसूरत नज़ारे देखने योग्य होते हैं। यह स्थल घने जंगल के बीच स्थित है। इस छत्र कुंद के देखने के बाद मैं वहां पहुंची जिसे देखने के लिए मै काफी उत्साहित थी।

delhi to Auli travel guide

यह जगह है सोलधार तपोवन इस तपोवन में गर्म पानी के फव्वारे और सोते देखने लायक हैं। यह दर्शनीय स्थल बेहद सावधानी वाला स्थल है। यहाँ आने वाले पर्यटक मानसिक और शारीरिक रूप से मज़बूत होने चाहिए तभी वो इस जगह की सैर कर सकते हैं। इस तपोवन के बारे में मैंने अपने पापा से सुना था जिसके बाद इसे देखने के लिए मै व्याकुल थी। तपोवन देखने के बाद मै वापस होटल आ गयी क्योंकि अँधेरा होने लगा था, मैंने होटल वापस जाना निश्चित किया।
होटल आकर खाना खाने के बाद मै सो गयी।

तीसरे दिन
तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियों के बीच होते हुए सूर्योदय को देखा। इसके बाद नाश्ता कर मैं निकल पड़ी देखने चिनाब झील।चिनाब झील बेहद ऊँची चढ़ाई के बाद नज़र आती है यहाँ तक पहुँचने केलिए काफी चढ़ना पड़ता है। अगर आप चढ़ाई चढ़ सकते हैं तो यहाँ अवश्य जाएँ क्यूंकि यहाँ का मनोरम दृश्य बार बार देखने को नहीं मिलता है।

औली से अपनी ट्रिप खत्म करने के बाद मैंने जोशीमठ पहुंची। जोशी मठ के बारे में कहा जाता है कि यह बद्रीनाथ और फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार है। यहाँ बहुत से मठ , मंदिर और स्मारक दर्शनीय हैं। यहाँ प पर्वतों की सैर करने का अपना अलग ही मज़ा है।

delhi to Auli travel guide

जोशीमठ की सैर करने के बाद मैंने अपना सामान पैक किया और निकल पड़ी दिल्ली। औली से मै शाम को निकली थी इसलिए मैने रात में रूद्रप्रयाग रात बिताने का फैसला किया । औली से रुद्रप्रयाग की दूरी चार घंटे की है। रूद्रप्रयाग में
रात को ठहरने की अच्छी व्यवस्‍था है। जोशीनाथ रोड से केवल 3 किमी. दूर मोनल रिसोर्ट है। यह औली का सबसे अच्छा होटल है। इसमें बच्चों के खेलने के लिए मैदान और मचान बनें हुए हैं। इसके अलावा इसमें खाने के लिए एक रेस्तरां भी है।

इसके अलावा जी.एम.वी.एन. रूद्र कॉम्पलैक्स में भी रूका जा सकता है। यहां ठहरने और खाने की अच्छी व्यवस्था है। इसके अलावा यहां पर तीन कमरों में सोने की सामूहिक व्यवस्था भी है। यहां पर 20 बेड हैं और खाने के लिए रेस्तरां है।

रुद्रप्रयाग में रात गुजारने के बाद सुबह उठकर वहां नाश्ता कर मै निकल गयी अपने घर..यकीन मानिये मुझे अकेले यह यात्रा करने में बेहद मजा आया।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X