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दिल्‍ली से जयपुर का सफर: जानिये पिंक सिटी में क्‍या है देखने लायक

दिल्ली से जयपुर की दूरी 273 किमी दूर पर स्थित है,जयपुर घूमने का बेस्ट टाइम अक्टूबर से मार्च तक का है। जयपुर को रजवाड़ो की राजधानी भी कहा जाता है।

By Goldi

मुझे अकेले घूमना बेहद पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है मै खुद ही अच्छी और घूमने वाली जगहों पर निकल पड़ती हूं। मेरी ऐसी ही एक यात्रा रही है दिल्ली से जयपुर की। जयपुर घूमने की मेरी इच्छा बचपन से ही थी,क्यों कि
मैंने बचपन से ही जयपुर के बारे में काफी कुछ सुना था। तो बस एक दिन यूं ही मै निकल पड़ी दिल्ली से जयपुर। दिल्ली से जयपुर की दूरी महज 273 किलोमीटर है।

यात्रा-दिल्ली से जयपुर
यात्रा के लिए उचित समय-अक्टूबर से मार्च
साधन-कार-बस
पहुँचने का समय-लगभग साढ़े पांच घंटा
कितने दिन-तीन दिन

रूट्स
पहला रूट
दिल्ली-गुडगांव-रेवाड़ी-नीमराना नेशनल हाइवे 48 -कोटपुतली-चंदवाजी-जयपुर। अगर आप यह रूट लेते है तो आप दिल्ली से जयपुर महज 5 घंटे और 13 मिनट(280 किमी) में जयपुर पहुंच जायेंगे।

Delhi to Jaipur Land of Forts & Palaces

दूसरा रूट
दिल्ली-गुडगांव-भिवाड़ी-अलवर-बमनपुरा-जयपुर।अगर आप यह रूट लेते है तो आप दिल्ली से जयपुर महज 5 घंटे और45 मिनट(290 किमी) में जयपुर पहुंच जायेंगे।

जयपुर जाने के लिए मैंने रूट नम्बर 1 का चुनाव किया। मै पहली बार जयपुर घूमने केलिए काफी उत्साहित थी। दूसरे दिन मै पांच बजे सुबह उठ गयी। फ्रेश होने के बाद मेने दिल्ली से अपनी जयपुर की यात्रा सुबह 6 बजे शुरू की।

पहला दिन

पहला दिन

घर से दिल्ली के लिए मै सुबह 6 बजे निकली। मै बेधडक अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी। जैसे ही मैंने गुडगांव क्रॉस किया। मुझे हल्दीराम की एक बड़ी सी बिल्डिंग नजर आई।हम सभी जानते है हल्दीराम नमकीनऔर मिठाइयों के एक बड़े निर्माता है।हल्दीराम की नमकीन कितनी चटपटी होती है इससे तो सभी वाकिफ है। मौने बिना देरी किये हल्दीराम में हल्का फुल्का नाशता किया और फिर चल पड़ी अपनी मंजिल की ओर।

मैकडोनाल्ड

मैकडोनाल्ड

दिल्ली से जयपुर जाते वक्त अगर आपने अपना खाना पैक नहीं किया है तो कोई टेंशन वाली बात नहीं है। क्योंकि यहां आपको हाइवे पर हल्दीराम से लेकर मैकडोनाल्ड राव ढाबा,हाइवे किंग पर अपनी पेट पूजा अच्छे से कर सकते हैं। यकीन मानिये खाते पीते रास्ता कब कट गया पता ही नहीं लगा और पूरे पांच घंटे 13 मिनट की यात्रा के बाद मै पहुंच गयी जयपुर।

जयपुर

जयपुर

जयपुर पहुंचने के बाद मैने सिंधी बस स्टैंड के पास ही एक होटल बुक किया।अगर आप जयपुर में नये है तो आपको होटल ढूंढने में कुछ खास दिक्कत नही होगी।क्यों कि यहां आपको महज 800 से लेकर 1000 रुपये में ठहरने के लिए अच्छा कमरा मिल जायेगा।जयपुर पहुंचने के बाद मेने कुछ देर होटल में आराम करने के बाद नाश्ता किया और फिर निकल पड़ी जयपुर को घूमने।

हवा महल

हवा महल

जयपुर में घूमने के लिए काफी कुछ--तो आइये आगे जानते है जयपुर में घूमने के स्थलों को

हवा महल
जयपुर में घूमने के लिए यूं तो काफी कुछ है लेकिन मेने शुरुआत की हवा महल से। हवा महल का निर्माण वर्ष 1799 में हुआ था। यह बीचों बीच बाजार में है तो हवा महल घूमते समय आप जयपुर के बाजर भी आसानी से घूम सकते हैं।

सिटी पैलेस

सिटी पैलेस

हवा महल के बाद मैने अपना रुख सिटी पैलेस की ओर किया जोकि हवा महल से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

अल्बर्ट म्यूजियम

अल्बर्ट म्यूजियम

अल्बर्ट म्यूजियम हवा महल और सिटी पैलेस से कुछ ही दूरी पर स्थित है।इस म्यूजियम को रात में देखना काफी दिलचस्प है।

दूसरा दिन

दूसरा दिन

पहले दिन हवा महल सिटी पैलेस घूमने के बाद दूसरे दिन मैने जयपुर के आसपास की जगह घूमने का प्लान बनाया। सुबह जल्दी उठकर मैंने नाश्ता किया और निकल पड़ी नाहरगढ़ किले की ओर। नाहरगढ़ किला अरावली की पहाडियों पर स्थित है। आप यहां से पूरे जयपुर को देख सकते हैं।

आमेर का किला

आमेर का किला

नाहरगढ़ देखने के बाद मै पहुंची आमेर। आमेर का किला जहां से शुरू हुई जोधा अकबर की नफरत भरी प्रेमकहानी। आमेर का किला बेहद ही खूबसूरत है आज भी उसकी वास्तुकला टूरिस्ट्स को हैरान कर देती है।दोनों ही जगह घूमने के बाद अब बारी आती है खाने की।

चोखी धानी

चोखी धानी

नाहरगढ़ और आमेर घूमने के बाद मै पहुंची जयपुर के प्रसिद्ध चोखी धानी रेस्तरां। जयपुर जितना खूबसूरत है उतने ही वहां के लोग शालीन है। यहां पहुंचकर मैंने मिर्ची बड़े, बाटी चूरमा का लुत्फ उठाया।

जल महल

जल महल

खाना खाने के बाद शाम को मै पहुंच गयी जल महल।बता दें, जल महल की लाइट्स रात 9 बजे के बाद बंद हो जाती है।

बिरला मंदिर

बिरला मंदिर

बिरला मंदिर को लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर संगमरमर के पत्‍थर से बनी हुई है। बिरला मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक है और शाम को 3 बजे से लेकर 9 बजे तक।

तीसरा दिन जन्तर मन्त्र

तीसरा दिन जन्तर मन्त्र

जन्तर मन्त्र भारत की पांच खगोलीय वेधशालाओं में से सबसे बड़ा है जिसकी स्‍थापना राजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा की गई थी। यहां एक ऐसा यंत्र यानी घड़ी मौजूद है जो सूर्य के चक्र के मुताबिक चलती है और हमेशा सही समय बताती है।

शॉपिंग

शॉपिंग

हम्म दो सिन सब घूमने के बाद बारी आती है शॉपिंग की। अगर आप भी शॉपिंग के दीवाने है तो राजस्थानी शॉपिंग के लिए बापू बाजार और इंद्रा बाजार एकदम परफेक्ट है। लेकिन आपको मोलभाव करना आना चाहिए वरना आपको यहां के दुकानदार अच्छी खासी चपत लगा सकते हैं।
बापू बाजार घूमने के बाद जयपुर का वर्ल्ड ट्रेड पार्क जाना बिल्कुल भी ना भूले। इसी के साथ मेरी जयपुर की तीन दिन की यात्रा का समापन हुआ।

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