यूं तो भारत में घूमने के लिए कई सारे बीच और आईलैंड है, लेकिन कुछ आईलैंड को घूमने के लिए पर्यटकों को सरकार की इजाजत लेनी होती है। एक ऐसा ही द्वीप है लक्षद्वीप, जोकि भारत की टेरिटरी है, जोकि भारत से लगभग 400 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। बता दें,यह पूरा आइलैंड करीबन 32 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र किलोमीटर मै फैला हुआ है। आइलैंड का प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसका पारदर्शी तल पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। समुद्री जल में तैरती असंख्य प्रजातियों की रंगबिरंगी मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को चार चाँद लगा देती हैं। हर द्वीप पर नारियल व पाम के झूमते हरे-भरे वृक्ष हैं, नीला पानी आपको अनोखी पवित्रता का अहसास कराता है।
कैसे पहुंचे लक्षद्वीप
लक्षद्वीप घूमने के लिए भारतीयों और विदेशी पर्यटकों को कोच्ची में परमिशन लेनी होती है।बता दें,लक्षद्वीप में विदेशी सैलानियों को सिर्फ तीन आइलैंड ही घूमने की परमिशन मिलती है और इंडियन टूरिस्ट आसानी से सारे द्वीपों की सैर कर सकते हैं।
आइलैंड घूमने का उचित समय
लक्षद्वीप में यूं तो घूमने का उचित समय मई से लेकर सितम्बर है, इस दौरान यहां का मौसम बेहद सुहावना होता है और पर्यटक अच्छे से वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेते हैं। इतना ही नहीं नहीं पर्यटकों का जमावड़ा दिसम्बर से फ़रवरी के बीच देखा जा सकता है।
लक्षद्वीप का इतिहास
कहा जाता है कि,इस आइलैंड का निपटारा चेरमन पेरूमल के दौरान हुआ था।इस आइलैंड पर सबसे पुराने बसे हुए द्वीपों अमीनी, कलपेनी, एंड्रोट, कावारत्ती और अगाती हैं। इतना ही नहीं बताया जाता है यहाँ के लोग हिंदू धर्म के अनुयायी हैं, जो बाद में 14 वीं सदी में इस्लाम में परिवर्तित किया गया।
लक्षद्वीप भारत के एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल हैं। एटोल मूँगे के द्वारा बनाया गई ऐसी रचना है जो समुद्र की सतह पर पानी और हवा मिलने पर बनती है। सिर्फ इन्हीं परिस्थतियों सिर्फ इन्हीं परिस्थतियों में मूँगा जीवित रह सकता है। यहाँ के निवासी केरल के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है। अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेजी से विकास कर रही है। '
इस द्वीप पर आने वाले सैलानी यहां वाटर स्पोर्ट्स यानी स्कूबा डाइविंग,कायाकिंग, नौकायन, ग्लास बोट, वाटर स्कीइंग अदि का जमकर लुत्फ उठा सकते हैं। यहां के लोकल लोग यहां आने वाले पर्यटकों का दिल खोलकर स्वागत करते हैं।यहां की प्रमुख भाषाओं मलयालम, जेसेरी और Mahl हैं।
लक्षद्वीप में घूमने की जगह
अगाती आइलैंड
अगाती आइलैंड यहाँ आने वालों सैलनियों के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय स्थल है, ये द्वीप इतना खूबसूरत है की अगर आप लक्षद्वीप आएं और यहाँ न घूमें तो आपकी यात्रा आधूरी होगी । यहाँ आने के लिए आपको लक्षद्वीप के किसी भी हिस्से से बोट हमेशा तैयार मिलेंगी मुख्यतः नौकाएँ ही यहाँ यातायात का मुख्य माध्यम है।
कावारत्ती आइलैंड
कवरत्ती यहाँ की प्रशासनिक राजधानी है। यह सबसे अधिक विकसित भी है साथ ही सैलनियों के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय स्थल है। यह आइलैंड पोरी तरह हरियाली नीले पानी और बालू से घिरा हुआ है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।पूरे द्वीप में 52 मस्जिद हैं, सबसे खूबसूरत मस्जिद है उज्र मस्जिद। इस द्वीप में एक्वेरियम भी है जिसमें सुंदर मछलियों की प्रजातियाँ हैं। यहाँ काँच की तली वाली नौका में बैठकर आप समुद्री दुनिया का नजारा ले सकते हैं।
मिनिकॉय आइलैंड
यह आइलैंड कवरत्ती से 200 किमी दूर दक्षिण में है। मालदीव के करीब होने के कारण यहाँ भिन्न संस्कृति के दर्शन होते हैं। मिनिकॉय नृत्य परंपरा के मामले में बेहद समृद्ध है। विशेष अवसर पर यहाँ लावा नृत्य किया जाता है। यहाँ खासकर तूना मछली का शिकार और नौका की सैर आनंददायी है। अँग्रेजों के द्वारा 1885 में बनवाया गया प्रकाश स्तंभ देखने लायक है, पर्यटक यहाँ ऊपर तक जा सकते हैं।
बंगारम आइलैंड
यह आइलैंड बेहद ही शांत है यहां की अपार शांति पर्यटकों को खासा पसंद आती है साथ ही यहां नारियल के वृक्ष सघन मात्रा में हैं जो दिन की तीखी गर्मी में भी ठंडक देते हैं। पर्यटक यहां डॉलफिन, कछुए ,मेढ़क मछली आदि देख सकते हैं।
कालपेनी आइलैंड
यहाँ तीन द्वीप हैं जिनमें आबादी नहीं है। इनके चारों ओर लैगून की सुंदरता देखने लायक है। कूमेल एक खाड़ी है जहाँ पर्यटन की पूरी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ से पित्ती और थिलक्कम नाम के दो द्वीपों को देखा जा सकता है। इस द्वीप का पानी इतना साफ है कि, आप इस पानी में अंदर तैरने वाले जीवों को आसानी से देख सकते हैं। साथ ही यहाँ आप तैर सकते हैं, रीफ पर चल सकते हैं, नौका में बैठकर घूम सकते हैं और कई वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं।
कदमठ आइलैंड
एक जैसी गहराई और दूर अनंत तक जाते किनारे कदमठ को स्वर्ग बनाते हैं। यही एकमात्र द्वीप है जिसके पूर्वी और पश्चिमी दोनों ओर लैगून हैं। यहाँ वाटर स्पोर्ट्स की बेहतरीन सुविधाएँ हैं।
कहां ठहरे
लक्षद्वीप के सभी आइलैंड पर रिसोर्ट और कोटेज की अच्छी व्यवस्था है, साथ ही यहां सरकार द्वारा भी कुछ रिजोर्ट है, जिनके दाम भी काफी वाजिब है। साथ ही आप यहां लोकल फ़ूड के साथ साउथ और नार्थ इंडियन खाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं।