अमृतसर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। खासतौर पर स्वर्ण मंदिर के लिए जाना जाने वाला यह शहर सिक्ख धर्म के लोगों के लिए सबसे मुख्य तीर्थस्थल है। पर स्वर्ण मंदिर के अलावा भी यहाँ कई सारी और कई ऐसी जगह हैं जो इस स्थल को और भी खूबसूरत और आकर्षक बनाती हैं। इन्हीं आकर्षणों और तीर्थस्थलों में से एक है, लोहगढ़ गेट के पास स्थित माता दुर्गा का दुर्गियाना मंदिर। माता दुर्गा को समर्पित दुर्गीयाना मंदिर को आप अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का हिन्दू संस्करण भी कह सकते हैं, जो सिक्ख धर्म का धार्मिक स्थल है।
[अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें!]
मंदिर को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है; लक्ष्मी नारायण मंदिर, दुर्गा तीर्थ और शीतला मंदिर। वास्तव में सबसे पहले मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी में ही हो गया था जिसे फिर से सन् 1921 में हरसाई मल कपूर द्वारा स्वर्ण मंदिर की वास्तुशैली की तर्ज़ पर निर्मित किया गया, और इसका उद्घाटन देश के भूतपूर्व महान समाज सुधारक व राजनेता पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा किया गया।
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तो चलिए आज हम आपको लिए चलते हैं अमृतसर के इस पवित्र स्थली की यात्रा पर इसकी कुछ मन लुभाने वाली तस्वीरों के साथ।
[पंजाब का ऐतिहासिक नगर अमृतसर!]
माँ दुर्गियाना मंदिर
संगमरमर से बने इस मंदिर तक पहुँचने के लिए एक पुल बनाया गया है। मंदिर में काँगड़ा शैली की चित्रकला और शीशे का अद्भुत कार्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।
Image Courtesy:Jaiprakashsingh
माँ दुर्गियाना मंदिर
यहाँ माँ दुर्गा के अलावा कई अन्य देवी देवताओं को भी पूजा जाता है, जिनमें प्रमुख देवी देवता हैं; लक्ष्मी माता, भगवान श्रीकृष्णा और भगवान विष्णु।
Image Courtesy:Sasmalcalcutta
माँ दुर्गियाना मंदिर
यह मंदिर एक पवित्र झील के मध्य में बना हुआ है और मंदिर की वास्तुशैली हूबहू स्वर्ण मंदिर से मिलती जुलती है।
Image Courtesy:Guilhem Vellut
माँ दुर्गियाना मंदिर
दिलचस्प बात यह है कि मंदिर परिसर के बाहर 200 मीटर तक पड़ने वाले क्षेत्र में भी किसी तरह के नशे के सामान, तम्बाकू, सिगरेट, शराब और मांस का बेचना या सेवन करना सख्त मना है।
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माँ दुर्गियाना मंदिर
मंदिर को बनाने में संगमरमर पत्थर का बहुतायत में उपयोग किया गया है। मंदिर के गुम्बद और छतरियां पूरी तरह से स्वर्ण मंदिर की याद दिलाते हैं।
Image Courtesy:Diego Delso
माँ दुर्गियाना मंदिर
मंदिर की सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि मंदिर के खूबसूरत चाँदी के दरवाज़ों जिनमें खोद कर नक्काशी की गई है, के कारण इसे रजत मंदिर(सिल्वर टेम्पल) के नाम से भी पुकारा जाता है।
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माँ दुर्गियाना मंदिर
आप जैसे ही मंदिर के मुख्य भाग के अंदर जायेंगे आपको कई हिन्दू शास्त्र के लेख खुदे हुए देखने को मिलेंगे।
Image Courtesy:Diego Delso
माँ दुर्गियाना मंदिर
मंदिर परिसर के अंदर कई अन्य मंदिर भी स्थापित हैं, जैसे सीता माता मंदिर और बड़ा हनुमान मंदिर। कई हिन्दू त्योहारों जैसे दशहरा, जन्माष्टमी, दिवाली और रामनवमी का जश्न यहाँ धूमधाम से मनाया जाता है।
Image Courtesy:Guilhem Vellut
माँ दुर्गियाना मंदिर
हर रोज़ सुबह मंदिर खुलने और शाम को मंदिर बंद होने से पहले भक्तों द्वारा भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह अमृतसर के सबसे पवित्र व धार्मिक स्थलों में से एक है।
दुर्गियाना मंदिर पहुँचें कैसे?
अमृतसर शहर में पहुँचने के बाद आपको दुर्गियाना मंदिर ढूंढने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं होगी। दुर्गियाना मंदिर अमृतसर रेलवे स्टेशन से कुछ ही गज की दूरी पर है और अमृतसर बस स्टैंड से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर।
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अमृतसर के अन्य आकर्षक केंद्र
अमृतसर में आप जैसे यात्रियों के घूमने और देखने लायक बहुत सारे आकर्षक स्थल हैं। इन आकर्षणों में सम्मिलित हैं, कैसर बाग़, वाघा बॉर्डर(जहाँ हर शाम 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह का आयोजन होता है), बठिंडा किला आदि।
Image Courtesy:Gargisharma13
अमृतसर के अन्य आकर्षक केंद्र
अमृतसर को एक पवित्र शहर के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम जी ने इस भूमि का दौरा किया था। अगर आप पंजाब की यात्रा में हैं तो इस शहर को अपनी यात्रा में प्रमुख तौर पर जोड़ें।
Image Courtesy:Pranita Desai
अमृतसर के अन्य आकर्षक केंद्र
तो इस मौसम अमृतसर की पवित्र भूमि की यात्रा पर जाएँ और कई धर्मों के सद्भाव जो सह अस्तित्व के साथ यहाँ स्थित हैं, के पावन अनुभव खुद से करें।
Image Courtesy:Diego Delso