सिक्किम ने हमेशा से ही अपने खूबसूरत मठों अनूठी सभ्यता और संस्कृति के चलते प्रकृति के प्रेमियों और हार्डकोर एडवेंचर के शौकीनों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। इस खूबसूरत राज्य में ऐसा बहुत कुछ है जिस कारण आज ये टूरिज्म हब के रूप में जाना जाता है। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं सिक्किम के एक ऐसे डेस्टिनेशन से जिसकी यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए है जिसे प्रकृति और उसके तोहफों से प्रेम है।
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जी हैं हम बात कर रहे हैं सिक्किम में स्थित लेपचाओं की भूमि जोंगू की। जोंगू उत्तरी सिक्किम में सिक्किम के मूल निवासी लेपचाओं की भूमि है। यह गंगटोक से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और अभी तक प्रसिद्ध नहीं है।यह स्थान उत्कृष्ट वनस्पतियों एवं वन्यजीवों से समृद्ध है तथा पर्यटकों को सिक्किम पर्यटन का दिलचस्प अनुभव प्रदान करता है।
तो आइये नीचे दी गयी स्लाइड्स के जरिये जानें कि जोंगू में क्या क्या आपको अवश्य देखना चाहिए।
कैसे जाएं जोंगू
फ्लाइट द्वारा - बागडोगरा, पश्चिम बंगाल में इसका निकटतम जोंगू हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से जोंगू पहुंचने के लिए लगभग पांच घंटे का समय लगता है। बागडोगरा हवाई अड्डे के लिए गो एयर, इंडियन एयरलाइंस और जेट की उड़ानें उपलब्ध हैं।
ट्रेन द्वारा - जोंगू के लिए, निकटतम रेलवे स्टेशन, न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है। पर्यटकों टैक्सी द्वारा यहाँ से आसानी से जोंगू पहुँच सकते हैं। गंगटोक होते हुए भी जोंगू पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग द्वारा - गंगटोक से 70 किलोमीटर दूर जोंगू तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। गंगटोक से जोंगू के बीच कई अच्छी बसें मौजूद हैं । यहँ आने वाले पर्यटक निजी टैक्सी के माध्यम से भी यहाँ पहुंच सकते हैं।
क्यूशांग
जोंगू में क्योंशांग शायद पूरे क्षेत्र में सबसे सुंदर जगह है।पास ही स्थित यह एक अत्यंत सुंदर जगह है। यह जगह सुंदर खूबसूरत पहाड़ियों से घिरी हुई है तथा यहां एक स्वच्छ और आकर्षक झील भी है।सही मौसम में घाटी की यात्रा करने पर घाटी सुंदर फूलों से लकदक मिलती है।
फोटो कर्टसी - Jacob Paudi Paul
थोलुंग मठ
थोलुंग मठ जोंगू के निकट थोड़ी ही दूर पर मौजूद है और पूजा का एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। हर तीन साल में एक, थोलुंग गोम्पा का थोलुंग मठ एक कमसेल नामक कार्यक्रम आयोजित करता है जिसमें गोम्पा के संग्रह का प्रदर्शन किया जाता है।
हीग्याथंग
हीग्याथंग जोंगू के निचले हिस्से में मौजूद एक गांव है।यह उत्तरी सिक्किम जिले में मांगन उपखंड का एक हिस्सा है।वर्तमान में यहां एक छोटी सी झील है जो पवित्र मानी जाती है तथा लेपचा समुदाय के लोगों इसकी पूजा करते हैं।
लिंग्थेम
जोंगू की यात्रा के दौरान लिंगथेम की यात्रा की जा सकती है। यह एक ऐसा स्थान है जहां आप पासिंगडैंग गांव से पैदल पहुंच सकते हैं, रास्ता छोटा ही है, लेकिन यह एक अद्भुत अनुभव होगा।
पेंटोंग
पेंटोंग जोंगू के करीब एक गांव है और उत्तरी सिक्किम के मांगन उपखंड में मौजूद है। यहां की यात्रा पर आने वाले यात्री शानदार बर्फ से ढके पहाड़ों को निकट से देखने का आनंद ले सकते हैं। यहां ट्रैकिंग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
पारंपरिक लेप्चा हाउस संग्रहालय
पारंपरिक लेप्चा हाउस संग्रहालय लेप्चाओं की अपनी परंपरागत शैली में निर्मित घर का एक मॉडल है। इमारत के भीतर एक संग्रहालय है जोकि तीस्ता नदी व रोंगयुंग चू के संगम पर स्थित है।इसके अलावा, संग्रहालय के आसपास का वातावरण जीवंत तितलियों को देखने के लिए एक आदर्श स्थल है।