भारत ही पूरी दुनिया में एक ऐसा देश है जहाँ आपको सारे धर्म एक ही साथ मिल जाएँगे। इन्हीं धर्मों में से एक है जैन धर्म। जैन धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जैन उन्हें कहते हैं जो 'जिन' के अनुयायी होते हैं, 'जिन' मतलब जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया, वे हैं 'जिन'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान् का धर्म। जैन धर्म में अहिंसा को परम धर्म माना जाता है।
जैन ईश्वर को मानते हैं, लेकिन ईश्वर को सत्ता सम्पन्न नही मानते। उनके अनुसार, ईश्वर सर्व शक्तिशाली त्रिलोक का ज्ञाता द्रष्टा है पर त्रिलोक का कर्ता नहीं। जैन लोग सृष्टिकर्ता ईश्वर को नहीं मानते, वे सिर्फ़ जिन या अरिहन्त को ही ईश्वर मानते हैं, उन्हीं की प्रार्थना करते हैं और उन्हीं के निमित्त मंदिर आदि बनवाते हैं। भारत के लगभग हर राज्यों में इनके अनुयायी और प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनकी अद्भुत रचना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है
दिलवाड़ा जैन मंदिर
Image Courtesy: Malaiya
आइए चलते हैं, जैन मंदिरों के सबसे प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थलों में उनकी भव्यता का अवलोकन करने!
दिलवाड़ा जैन मंदिर, राजस्थान
दिलवाड़ा मंदिर, पाँच मंदिरों का एक समूह है जो संगमरमर के बने हैं। ये राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित हैं। इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथंकरों को समर्पित हैं। मंदिरों के लगभग 48 स्तम्भों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां, मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण हैं।
रणकपुरा मंदिर
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रणकपुरा मंदिर, राजस्थान
पाली जिले में सादड़ी गाँव से 8 किमी दूरी पर स्थित रणकपुर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान चित्ताकर्षक रूपसे तराशे गए प्राचीन जैन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इनका निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। ये जैन मंदिर भारतीय स्थापत्य कला एवं वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इस मंदिर को "त्रेलोक्य दीपक" भी कहा जाता है।
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर
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श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर, दिल्ली
दिल्ली का सबसे प्राचीन जैन मंदिर चाँदनी चौक के सामने ही स्थापित है। लाल पत्थरों से बने इस मंदिर का निर्माण सन् 1526 में हुआ था। यहाँ कई मंदिर बने हुए हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध महावीर का मंदिर है जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकार थे। यहाँ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकार 'आदीनाथ( ऋषभदेव)' की प्रतिमा भी स्थापित है। इस मंदिर परिसर में ही पक्षियों का धर्मार्थ चिकित्सालय भी है जहाँ पक्षियों का पूर्णइलाज किया जाता है। यहाँ का शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
पालिताना जैन मंदिर
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पालिताना जैन मंदिर, गुजरात
पालिताना मंदिर जैन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थ स्थान है। ये शत्रुंजय पहाड़ियों की चोटी पर स्थित 3000 से अधिक मंदिरों का एक समूह है, जो संगमरमर के बने हुए हैं। पहाड़ी की छोटी पर स्थित यह जैन मंदिर, जैन धर्म के सबसे पहले तीर्थंकार ऋषभदेव(आदीनाथ) को समर्पित है।
सोनगिरी जैन मंदिर
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सोनगिरी जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में दतिया जिले से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर सोनगिरी गाँव की पहाड़ियों पर स्थित है, सोनगिरी जैन मंदिर। सोनगिरी की पहाड़ी पर 77 मंदिर और पास के गांव में 26 जैन मंदिर हैं, जिनमें से पहाड़ी पर बना 57 नंबर का मंदिर यहां का मुख्य मंदिर है। इस मंदिर में भगवान चन्द्रप्रभु की 11 फीट ऊंची आकर्षक प्रतिमा स्थापित है। यहां भगवान शीलतनाथ और पार्श्वनाथ की भी सुंदर प्रतिमाएं स्थापित हैं।
खजुराहो जैन मंदिर
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खजुराहो जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
खजुराहो में हिंदू धर्म के अन्य मंदिरों के साथ जैन धर्म का पार्श्वनाथ मंदिर, खजुराहो के सुंदरतम मंदिरों में से एक है। यह मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थंकार आदीनाथ को समर्पित है। मंदिर को दिगंबर संप्रदाय ने बनवाया था। मंदिर के चारों ओर अनगिनत प्रतिमाएँ हैं, जो तीन पालियों में हैं।
ये मंदिर जैन समुदाय द्वारा निर्मित मंदिर है। जैन धर्म में मंदिर निर्माण और ग्रंथों का दान पवित्र कार्य माने जाते हैं। जैनों के अधिकतर गांवों या नगरों में कम से कम एक जैन मंदिर होता है। ये उन्हीं मंदिरों में से कुछ खास तीर्थस्थल हैं, जहाँ की पवित्र यात्रा जैन धर्म के अपने पूरे जीवन काल में एक बार ज़रूरी होती है।
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