आज अपने इस देख में हम आपको एक ऐसे डेस्टिनेशन से अवगत करा रहे हैं जिसे एक ऐतिहासिक शहर भी कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं हरियाणा के फरीदाबाद की। हरियाणा के दूसरे सबसे बड़े शहर फरीदाबाद का नाम इसके संस्थापक बाबा फरीद के नाम पर रखा गया है। उन्होंने एक किले, मस्जिद और टंकी की निर्माण कराया था जिनके खण्डहर अभी भी देखे जा सकते हैं।
दिल्ली, गुड़गाँव, और उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों से घिरे होने के कारण फरीदाबाद की भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह यमुना नदी के मैदानी इलाकों में स्थित है। यह दिल्ली से 25 किमी की दूरी पर स्थित है। फरीदाबाद एक औद्योगिक केन्द्र है और कई औद्योगिक उत्पादों का उत्पादन करता है।
यदि बात इस शहर में पर्यटन की हो तो यहां ऐसा बहुत कुछ है जिस कारण अक्सर ही यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है। आइये इस जाना जाये कि अपनी फरीदाबाद यात्रा पर ऐसा क्या है जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए।
राजा नाहरसिंह पैलेस
अपने वास्तुकला के लिये प्रसिद्ध राजा नाहरसिंह पैलेस 18वीं सदी का प्राचीन महल है। इसे जाट नाहरसिंह के उत्तराधिकारियों द्वारा स्थापित किया गया था। इस सुन्दर महल का निर्माण कार्य 1850 में पूरा हुआ था। इसे बल्लभगढ़ किला महल के नाम से भी जाना जाता है और दक्षिण दिल्ली से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। राजा नाहरसिंह ने स्वतन्त्रता संग्राम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महल के मण्डप और आँगन सुन्दर हैं। झुकी हुई मेहराबें और सुन्दर रूप से सजे कमरे इतिहास के पन्ने में वापस ले जाते हैं। अब यह एक विरासत सम्पत्ति है। इस महल के चारों ओर कई शहरी केन्द्र हैं। यह राजसी महल भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।
सूरजकुण्ड
सूरजकुण्ड फरीदाबाद का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थान है। इस झील का प्रतीकात्मक महत्व है और उगते सूरज का प्रतीक माना जाता है। यह एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है और चट्टानों से काटी गई सीढियों से घिरा है। यह दक्षिण दिल्ली से 8 किमी की दूरी पर है। यहाँ पर एक सिद्ध कुण्ड है जिसके पानी में रोगों से मुक्त करने की शक्ति मानी जाती है। सूरजकुण्ड परिसर में सुन्दर राजहंस और बगीचा भी है।
सूरजकुण्ड महोत्सव
हर साल यहाँ प्रसिद्ध सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन 1 से 15 फरवरी के बीच आयोजित किया जाता है। पर्यटक यहाँ कलाकारों और शिल्पकारों द्वारा मेले में प्रदर्शित विभिन्न कलाकृतियों में ग्रामीण भारत के रंगो का अहसास कर सकते हैं। महोत्सव को दौरान लोकनृत्य, संगीत, हवाई करतब और जादू के शो का आयोजन किया जाता है। दुनिया भर से पर्यटक बड़ी संख्या में इस मेले में आते हैं। भारतीय पकवान मेले के महत्वपूर्ण अंग हैं।
फरीद खान का मकबरा
शेख फरीद या बाबा फरीद के मकबरे के संगमरमर से बने दो विशाल द्वार हैं। पूर्वी वाले दरवाजे को नूरी दरवाजा या प्रकाश का द्वार और उत्तरी दरवाजे बहिश्ती दरवाजा या स्वर्ग का द्वार कहा जाता है। मकबरे के अन्दर कपड़े या चद्दर से ढकी दो संगमरमर की गुफायें हैं। ये बाबा फरीद और उनके बड़े बेटे की कब्रें हैं। लोग यहाँ आते हैं और फूल चढ़ाते हैं। हलाँकि महिलाओं को अन्दर जाने की मनाही है।
धौज झील
धौज झील फरीदाबाद से 20 किमी की दूरी पर है। झील बहुत ही सुन्दर है और हरे-भरे पेड़ों से घिरी है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। लोग यहाँ कैम्प के लिये भी आते हैं।
कैसे जाएं फरीदाबाद
फ्लाइट द्वारा : दिल्ली का इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा निकटतम हवाईअड्डा है।
रेल द्वारा : यहाँ पर फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और न्यू फरीदाबाद नाम के तीन रेलवे स्टेशन हैं। दिल्ली और फरीदाबाद के बीच स्थानीय गाड़ियाँ भी उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा : यह सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग 2 क्षेत्र के बीच से गुजरता है।