हर बार छुट्टियों में हम हिल स्टेशन, हिस्टोरिकल प्लेसेस या फिर समुद्रतट की ओर का रुख करते हैं। लेकिन दोस्तों इस बार मैं आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन लाई हूँ, जिसे अपनाकर आप हिल स्टेशन और प्लेसेस का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
जी हाँ इस समर वेकेशन को ख़ास बनाने के लिए रुख कीजिये भारत भर में जून के महीने में होने वाले फेस्टिवल का। जहाँ आप अनेकों संस्कृतियों, सभ्यताओं और परम्पराओं का आंनद ले सकेंगे। तो देर किस बात की दोस्तों यह हैं जून के महीने में होने वाले विश्व प्रसिद्ध फेस्टिवल्स जिनकी अपनी एक अलग पहचान है, जो अपनी खूबसूरती से पूरी दुनिया का ध्यान खींच लेते हैं।
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केरल का विश्व प्रसिद्ध उत्सव है कोट्टियूर उत्सव
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1) कोट्टियूर उत्सवम, केरल
केरल के कुन्नूर जिले में होने वाला कोट्टियूर उत्सवम न सिर्फ केरल का बल्कि पूरी दुनिया का विश्व प्रसिद्ध फेस्टिवल है। यह फेस्टिवल का नाम दो मंदिरों के नाम से मिलकर बना है जो केरल के बेमिसाल हैं। कोट्टियूर शिव मंदिर यहाँ के जो दो जुड़वां मशहूर मंदिर हैं, पहला अक्कारे कोट्टियूर और दूसरा इक्कारे कोट्टियूर। इस मंदिर का प्रमुख उत्सव वैसाख फेस्टिवल है जो हर साल मई जून के महीने में मनाया जाता है।
यह फेस्टिवल 28 दिनों तक चलता है। आप बिना वक़्त गवाए इस साल के इस आलीशान फेस्टिवल का हिस्सा बन सकते हैं। जी हाँ दोस्तों यह फेस्टिवल 31 मई से शुरू होने वाला है जो कि 27 जून तक केरल के कुन्नूर जिले में चलेगा।
शिमला का मशहूर फेस्टिवल समर फेस्टिवल
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2) समर फेस्टिवल, शिमला
हर साल होने वाला यह फेस्टिवल हिमाचल प्रदेश के बेहद आकर्षक हिल स्टेशन शिमला में मई जून के महीनों में होता है। तो दोस्तों इस बार आप शिमला की हसीन वादियों का लुफ्त उठाने के साथ साथ समर फेस्टिवल का भी हिस्सा बन सकते हैं।
यह मिश्रित रंगों का फेस्टिवल सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। इस फेस्टिवल में आप बहुत सांस्कृतिक लोकनृत्य और यहाँ की संस्कृति हेतु खरीदारी भी कर सकते हैं, जो हिमाचल प्रदेश की पहचान हैं उन हस्तलिप शैली का लुफ्त उठा सकते हैं।
यह फेस्टिवल हिमाचल प्रदेश के शिमला में 1-9 जून से शुरू होने वाला है, तो दोस्तों इतना सोचने की ज़रुरत नहीं बस तैयारी कीजिये और निकल पढ़िए इस फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए।
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लद्दाख का सिंधु दर्शन महोत्सव
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3) सिंधु दर्शन महोत्सव, लेह लद्दाख
18 साल पहले देश में सिंधियों को एकत्र करने के लिए जो अभियान छेड़ा गया था आज वह इतने सालों में बहुत सी चीज़ों में परिवर्तित हो चला है। आज इस अभियान को सिंधु दर्शन महोत्सव के नाम से जाना जाता है।
प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा मौका है कि वह लेह लद्दाख की सरज़मीं को करीब से महसूस करने के साथ साथ इस फेस्टिवल का भी लुफ्त उठा सकते हैं। 12-14 जून को शुरू होने वाला यह फेस्टिवल प्रमुख फेस्टिवल्स में से एक है। जो टूरिस्ट को बहुत से ऑप्शन प्रदान करता है।
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लखनऊ का बड़े पैमाने पर होता है आम महोत्सव
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4) आम महोत्सव और किसान बाजार, लखनऊ
लखनऊ हमेशा से ही अपनी शान-ओ-शौक़त के लिए मशहूर रहा है। इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं यहाँ के होने वाले महोत्सव। वो चाहे लखनऊ महोत्सव हो या फिर आम महोत्सव। इस फेस्टिवल में आप हर तरह के आम को देखने व् चखने का मौका पा सकते हैं, साथ ही लखनऊ की संस्कृति से भी रूबरू होने का मौका आपको मिल सकता है।
इस महोत्सव में दशहरी आम का मेला देखने लायक होता है। मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन इसकी देख रेख करता है। यहाँ किसानों के लिए तो चांदी ही चांदी रहती है जिसमे किसानों को बहुत मुनाफ़ा होता है।
तो दोस्तों आप भी इस फेस्टिवल का हिस्सा बन सकते हैं बस कुछ ही समय में क्यों की यह आम महोत्सव और किसान बाज़ार लखनऊ शहर के पर्यटन भवन गोमती नगर में 14 जून को शुरू होने वाला है जो कि 21,22 जून तक चलेगा।
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विश्व प्रसिद्ध मंदिर कामाख्या का अम्बुबाची मेला
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5) अम्बुबाची मेला, गुवाहाटी असम
पूरब का महाकुम्भ के नाम से जाना जाने वाला यह चार दिवसीय मेला हर साल श्रद्धाओं को अपनी और खींचे लिए आता है। यह फेस्टिवल असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर के नाम पर होता है। देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि माता दुर्गा के माहवारी (मासिक चक्र) का यह समय होता है जब इस उत्सव का आयोजन किया जाता है।
यह मेला बहुत बड़ा होता है जहाँ हज़ारों लाखों की संख्या में लोग आते हैं अगर आप भी इस मेले का हिस्सा बनना चाहते हैं या देवी के मासिक धर्म के बारे में और जानना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य जाएँ। यह उत्सव असम के गुवाहाटी के विश्व प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में के 22 जून से 26 जून तक चलेगा।
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बुराई पर अच्छी की जीत लद्दाख का हेमिस फेस्टिवल
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6) हेमिस फेस्टिवल, लेह लद्दाख
इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश होता है बुराई पर अच्छाई की जीत, जी हाँ दोस्तों लद्दाख की सबसे खूबसूरत हेमिस मोनेस्ट्री आपका दिल चुराने के लिए फिर तैयार हो चुकी है। हेमिस फेस्टिवल बौद्ध धर्म के दुसरे बड़े गुरु पद्म संभव के जन्मदिन पर मनाया जाता है जो महात्मा बुद्ध के बाद के गुरु थे।
यहाँ आप धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाओं का लुफ्त उठाने के साथ साथ नाच गानों का भी आंनद ले सकते हैं जो यहाँ की सभ्यता के अनुसार किया जाता है। यह फेस्टिवल लेह लद्दाख में 26-27 जून को होने वाला है। तो दोस्तों आप यहाँ सिंधु दर्शन महोत्सव के साथ साथ हेमिस फेस्टिवल का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
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जून में होने वाले हैं यह मशहूर फेस्टिवल्स
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