काली नदी के तट पर स्थित उत्तरा कन्नड़ का तटीय शहर है करवर। समुद्रतटों और रोमांचित खेलों, खाने और प्रकृति के मामले में इस खूबसूरत जगह को गोवा का पड़ोसी कहा जाता है। उत्तरा कन्नड़ का प्रशासनिक मुख्यालय करवर में ही स्थित है। पश्चिमी तट पर बसा ये काफी खूबसूरत शहर है।
करवर का नाम करवाड़ पर रखा गया है। 1862 में ब्रिटिशों ने समुद्र व्यापार के लिए करवर को अपना मुख्यालय बनाया था। करवीर पोर्ट पर पांच आईलैंउ अंजनीदीव, कुदुमगढ़, देवगढ़, मोगरल और शामशिगुड्डा है। ये आईलैंड इस पोर्ट को खतरनाक तूफानों से बचाते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान करवर में भारतीय जल सेना को प्रशिक्षण दिया जाता था।
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करवर का प्राकृतिक सौंदर्य आपको मंत्रमुग्ध कर सकता है। यहा खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्र पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। अरब सागर से सटे इसे पोर्ट की सुंदरता देखकर आप हैरान रह जाएंगें।
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करवर का मुख्य उद्योग कृषि है। इस जगह पर कई खूबसूरत तट हैं। करवर अपने सीफूड के लिए भी पूरे देश में मशहूर है। यहां कि फिश करी देखकर तो आपके मुंह में पानी आ जाएगा। इस फिश करी में नारियल, अदरक और हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
आइए आज हम आपको करवर के खूबसूरत तटों और उनकी खासियत के बारे में बताते हैं।
रबींद्रनाथ टैगोर तट
ये नाम आपको इस जगह के बिलकुल विपरीत लग सकता है। हालांकि, 22 साल की उम्र में टैगोर इस शहर करवर में अपनी मां के साथ रहने आए थे। उस समय वह इस शहर के जिला न्यायधीश थे।
इस तट को करवर तट के नाम से भी जाना जाता है। करवर का ये सबसे मशहूर तट है। श्हां आपको प्ले पार्क, टवॉय ट्रेन और एक्वारियम से लेकर म्यूजिक फाउंटेन का मज़ा उठाने को मिलेगा। इस तट का पानी बहुत गहरा नहीं है इसलिए तैराकी के लिए ये बहुत मशहूर है। रबींद्रनाथ टैगोर तट पर हर साल दिसंबर और जनवरी के बीच 4 दिन के लिए कैराली उत्सव का आयोजन किया जाता है।
देवबाग तट
करवर के दक्षिण में ये तट स्थित है। यहां की सुनहरी रेत और ठंडे मौसम के साथ-साथ वॉटर स्पोर्ट्स आपको इस जगह से प्यार करने के लिए मजबूर कर देंगें। फिशिंग, डॉल्फिन स्पॉटिंग और नौकायन का मज़ा आप यहां उठा सकते हैं।
देवबाग तट में आपको पश्चिमी घाट के ऊंचे-ऊंचे पर्वत दिखाई देंगें तो वहीं इसके दूसरी ओर अरब सागर है। ये नज़ारा आपको पूरी जिंदगी याद रहेगा।
मजाली तट
देवबाग के पास ही स्थित है मजाली तट जोकि बेहद खूबसूरत है। यहां आप नौकायन, मछली पकड़ना, डॉल्फिन स्पॉटिंग, रॉक क्लाइंबिंग और पक्षियों को देख सकते हैं। मजाली तट से तिलमाती तट तक की क्रूज़ भी यहां बहुत प्रसिद्ध है। तिमाती तट पर काले रंग की रेत बिखरी हुई है। इस तट पर स्वादिष्ट फ्राइड फिश राइस मिलते हैं।
बिनागा तट
करवर से 5 किमी की दूरी पर कर्नाटक और गोवा की सीमा पर स्थित है बिनागा तट। यहां पर पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया सैंट एनी चर्च गिरजाघर भी है। यहां पर भारतीय सेना द्वारा नौसैनिक बेस का प्रोजेक्ट चलाया जाता है।
यहां पर आप रॉक क्लाइंबिंग से लेकर क्रूज़, डॉल्फिन वॉचिंग और एक खराब शिप देख सकते हैं। इस तट पर घूमने का सबसे सही समय जुलाई का हे साथ ही आप करवर भी जुलाई में घूम सकते हैं।
कूडी बाग तट
कूडी बाग तट के दोनों तरफ ताड़ के पेड़ हैं। यहां एक बिंदु पर आप काली नदी को अरब सागर में मिलते हुए देख सकते हैं। कूडी बाग तट पर आप कैनोइंग, कयाकिंग और बनाना बोटिंग जैसी कई चीज़ों का लुत्फ उठा सकते हैं। पूरे राज्य में इस तट की सबसे सुंदर तटीय रेखा है। कूडी बाग को सदियों से सूर्यास्त के मनोरम नज़ारे के लिए भी जाना जाता है।