भारत की इन 8 जगहों पर मिलता है बेस्ट म्यूजिक फेस्टिवल का तड़का
मुम्बई शहर आज भी लोगों को अपने सपने पूरे करने के लिए कई अवसर देता है। यह शहर भावनाओं, जुनुन, प्रेम और यहां तक कि बुरी चीज़ों के लिए भी मशहूर है। लेकिन मुम्बई के दिल में अभी भी एक रहस्य छुपा हुआ है, जिसके बारे में अधिकतर लोगों को मालूम तक नहीं है। यह ढांचा चुपचाप शहर के करोडों लोगों पर नज़र जमाए बैठा है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं...मुंबई के पश्चिम अंधेरी में स्थित गिल्बर्ट हिल के बारे में..जोकि पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षणों में से एक है। इस हिल के पीछे की एक कहानी है जिसे बेहद कम लोग जानते हैं...कहा जाता है कि, बेसाल्ट पत्थर का यह ढांचा दुनिया की सबसे पुरानी संरचनाओं में आता है जो समय के साथ आज तक खड़ा है।
गिल्बर्ट हिल
दरअसल, हम बात कर रहे हैं...मुंबई के पश्चिम अंधेरी में स्थित गिल्बर्ट हिल के बारे में..जोकि पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षणों में से एक है। इस हिल के पीछे की एक कहानी है जिसे बेहद कम लोग जानते हैं...कहा जाता है कि, बेसाल्ट पत्थर का यह ढांचा दुनिया की सबसे पुरानी संरचनाओं में आता है जो समय के साथ आज तक खड़ा है।
ज्वालामुखी विस्फोट
महाराष्ट्र डेक्कन के पहाड़ी मैदान पर स्थित गिल्बर्ट हिल है जोकि ज्वालामुखी और बेहद बंजर मिट्टी से बना है।यकीनन इतिहास में जरूर देश के इस हिस्से में कोई ना कोई ज्वालामुखी विस्फोट हुआ होगा जिसके कारण यहां काली मिट्टी की वृध्दि हुई और इसी वजह से यहां की जमीन बेहद अनुपजाऊ भी है।
PC:Nicholas
गिल्बर्ट हिल
गिल्बर्ट हिल पश्चिम अंधेरी में स्थित है और यही एक विषेश वजह है जोकि ऊपर दिये गए तथ्य को साबित करती है, जिसके अनुसार यह ढांचा संपूर्ण मानव जाति की यादों से भी पुराना है। यह पहाड़ी यहां के किसी भी पेड़ की तुलना से ज्यादा पुरानी है और किसी भी पर्वत श्रृंखला से भी, जिन्हें आप वर्तमान में देख सकते हैं।PC:Oknitop
गिल्बर्ट हिल
पृथ्वी पर आखिरी विलुप्त जाति डायनासोर्स की थी जोकि किसी टूटते तारे के टकराने के कारण हुई थी और उसी समय पृथ्वी पर मौजूद सभी ज्वालामुखी विस्फ़ोट हुए और आज हम जो भूमि देख रहे हैं वह उसी का ग़ठन है।
क्या हुआ था 6 करोड़ साल पहले?
ऐसा कहा जाता है कि लावा का एक विशाल गोला विश्र्व भर में अलग-अलग जगहों पर मध्य हवा में फैला और तीन विशान चट्टानों का निर्माण किया, जो पृथ्वी पर सबसे पहले जीवन की साक्ष्य के तौर पर खडा था। गिल्बर्ट हिल काले बेसाल्ट रॉक का एक मोनोलिथ कॉलम है और वास्तव में 6 करोड़ साल पहले के मेसोजोइक युग में बना था।
गिल्बर्ट हिल
गिल्बर्ट हिल की खास बात यह है कि अन्य संरचनाओं के विपरीत इसे कोई भी व्यक्ति छू सकता है और महसूस कर सकता है, जोकि आपके लिए एक खूबसूरत अनुभव जैसा प्रतीत होगा, ये अनुभव आपके मन में जीवनभर के लिए बस जाएगा। ढांचे के ऊपर गांवदेवी और दुर्गामाता को समर्पित दो हिंदू मंदिर भी हैं, ये मंदिर एक छोटे से बगीचे में स्थापित हैं।कोई भी व्यक्ति चट्टान पर चढ़ाई कर के उस स्थान तक पहुंच सकते हैं।
गिल्बर्ट हिल
इस पहाड़ी का नाम भूवैज्ञानिक ग्रोव कार्ल गिल्बर्ट के नाम पर रखा गया है। इसकी तुलना अकसर पूर्वी कैलिफोर्निया में डेविल्स पोस्टपैल नेशनल स्मारक और वायोमिंग में स्थित शैतान टॉवर से की जाती है। इस स्थान को 1952 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
वर्तमान में क्या है स्थिति
पर्यावरणविदों और भूवैज्ञानिकों के प्रयासों के बाद पहाड़ी को द्वितीय विरासत संरचना का दर्जा मिला है। ढलानों की बर्बादी को रोकने और संरचना का ख्याल रखने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया गया है। यह इलाका कई वर्षों में झोपड़पट्टी से घिरा हुआ क्षेत्र बन चुका है।