क्या आपको ट्रेकिंग करना पसंद है? क्या ऊँचे-ऊँचे विशाल पर्वत और राजसी पहाड़ियों के दृश्य आपके अंदर एक अलग उत्साह पैदा करते हैं, जिसके लिए आपका मन हमेशा मचलता रहता है? अगर ऐसा है तो, आपको ज़रूर ही हिमालय की गोद में बसे इस राजसी परिदृश्य की सैर पर जाना चाहिए। हरमुख चोटी का यह खूबसूरत परिदृश्य जम्मू कश्मीर राज्य के गांदरबल जिले में स्थित है। यह हिमालय पर्वत श्रेणी का उत्कृष्ट भाग है जो खास तौर पर अपने अद्भुत और प्राकृतिक दृश्य के लिए जाना जाता है।
[कश्मीर का मनमोहक, मानसबल झील!]
लगभग 5142 मीटर ऊँचा यह पहाड़, श्रीनगर के सबसे अच्छे ट्रेकिंग वाले जगहों में से एक है। हरमुख चोटी की एक खास विशेषता यह भी है कि यह गंगाबल झील से उभरता हुआ प्रकट होता है। यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती अपने आपको सर्वोच्च शिखर के रूप में प्रकट करती है। नीले और शांत गंगाबल झील से झांकते इस राजसी शिखर का नज़ारा लोगों को हर बार अपनी ओर आकर्षित करता है।
चलिए आज हम इसी खूबसूरती के दर्शन करने के लिए चलते हैं हरमुख की ट्रेकिंग पर उसकी कुछ मनोरम तस्वीरों के साथ!
हरमुख का मतलब
यह हिंदुओं का पवित्र स्थल भी माना जाता है। हरमुख नाम का मतलब है, 'शिव जी का मुख', जिसके अनुसार यह पर्वत शिवजी का ठिकाना माना जाता है। इसे पहले 'कश्मीरी कैलाश' कहा जाता था।
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शिखर की पौराणिक कथा
कश्मीरी धार्मिक कथा 'हरमुखुक गोसोनी' के अनुसार एक सन्यासी की कथा यहाँ बहुत प्रचलित है। कथानुसार, एक सन्यासी हरमुख शिखर के ऊपर पहुँच कर शिव जी के मुख के दर्शन करना चाहता था जिसके लिए उसने 12 सालों तक ऊपर पहुँचने की कोशिश की पर वह पहुँच नहीं पाया।
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शिखर की पौराणिक कथा
अपनी इसी कोशिश के दौरान एक गुज्जर को उसने उस शिखर से उतरते देखा और उससे पूछा की उस गुज्जर ने ऊपर क्या देखा? जिसके उत्तर में गुज्जर ने उसे बताया कि वह ऊपर अपनी खोई हुई बकरी को ढूंढने गया था, जहाँ उसने एक दम्पति(पति-पत्नी) को एक गाय से मनुष्य के कोपले में दूध दोहते हुए देखा।
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शिखर की पौराणिक कथा
उस दम्पति ने उसे कुछ दूध पीने को दिया पर गुज्जर ने मना कर दिया और जब वह आने लगा तो दम्पति ने उसके माथे पर दूध मल दिया। यह सुनते ही सन्यासी ख़ुशी से झूम उठा और आगे बढ़कर गुज्जर के माथे से कुछ दूध चाट लिया। दूध चाटते ही सन्यासी को मुक्ति मिल गई और वो देखते ही देखते गुज्जर की आँखों के सामने से गायब हो गया।
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ट्रेकिंग यात्रा
हरमुख ट्रेक, निस्संदेह ही कश्मीर घाटी के सबसे ऊंचाई पर स्थित मंत्रमुग्ध कर देने वाले ट्रेकों में से एक है। यह शिखर इस तरह से व्यवस्थित है, जो कश्मीर घाटी के निचले हिस्से से भी एक प्रभावशाली परिदृश्य का निर्माण करता है। घाटी का यह अद्भुत नज़ारा आपको इस दुनिया से अलग किसी और ही दुनिया का अनुभव कराता है।
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ट्रेकिंग यात्रा
इस अद्भुत खूबसूरती को सराहने के लिए, इस शानदार और शांत माहौल का अनुभव करने के लिए इस राजसी शिखर की यात्रा पर ज़रूर ही आएं। नीले शांत गंगाबल झील के परिदृश्य में भूरे-सफ़ेद रंग का शिखर दृढ़ता से खड़ा लोगों को हर बार अपनी और आकर्षित करता है।
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ट्रेकिंग यात्रा
हरमुख शिखर के पास ही नीले चमचमाते झील, अल्पाइन जंगल, हरे घास के विशाल मैदान और खूबसूरत घाटी का भंडार है। गंगाबल झील और नंदकोल झील के खूबसूरत शांत अर निर्मल परिदृदय हरमुख शिखर के दृश्य में जादू कर देते हैं।
हरमुख शिखर आपको शाही हिमालय पर्वत के विशाल घाटियों जो आकर्षक सुन्दर फूलों से भरे हुए हैं और नीले हरे पानी वाले शांत झीलों के मनोरम दृश्य में ले जाता है।
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हरमुख शिखर पहुँचें कैसे?
हरमुख शिखर का आसान ट्रेक बांडीपूर ज़िले के आरीन क्षेत्र से जाता है। श्रीनगर से आरीन क्षेत्र तक का 47 किलोमीटर का सफर है, फिर वहां से अल्पाइन जंगलों का 18 किलोमीटर ऊँचा सफ़र हरमुख शिखर के आधार में ले जाता है।
एक दूसरा मार्ग हरमुख शिखर के आधार तक नारानाग से भी है पर यह थोड़ा मुश्किल है क्योंकि कहीं-कहीं पर इसकी चढ़ाई बिलकुल खड़ी चढ़ाई है।
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