पौराणिक कथाएं अक्सर हमें पुराने दौर में ले जाती हैं जब भारत अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित हुआ था और जो अब अलग देशों से ताल्लुक रखते हैं। फिर भी ये चीज़ हमें हमारे धार्मिक ग्रंथों में दिए गए संदेशों का पालन करने से नहीं रोक पायीं जिनमें कई पवित्र स्थानों की सूचि भी दी हुई हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार मंदिरों के साथ साथ कई झील और नदियां भी तीर्थस्थलों में शामिल हैं। कई जलाशयों को दिव्य स्थान भी दिया गया है जिसकी वजह से इनकी तीर्थयात्रा की काफी महत्ता है। चलिए आज हम ऐसी ही कुछ प्रमुख पवित्र झीलों की सैर पर चलते हैं, जहाँ के दर्शन कर हम अपने सारे पापों से दोषमुक्त हो सकते हैं।
मानसरोवर झील
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नैनीताल झील
जैसा कि मानसरोवर झील को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, यह अब तिब्बत जो कि एक स्वायत्त प्रदेश है में स्थित है। हर साल मानसरोवर ट्रिप के लिए कई तीर्थ यात्रा पैकेजेस की व्यवस्था की जाती है। हालाँकि हर कोई यहाँ की यात्रा नहीं कर सकते क्योंकि इस तीर्थस्थल की यात्रा करने के लिए वीज़ा और पासपोर्ट ज़रूरी होते हैं। इसलिए तीर्थयात्री नैनीताल झील की यात्रा करते हैं क्योंकि यह हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत के प्रमुख पवित्र झीलों में से एक है।
हम जैसे ही नैनीताल झील के बारे में सोचते हैं, हमारे दिमाग में एक पेअर शेप के झील का विचार आता है। स्थानीय कथाओं के अनुसार इस जगह पर ही देवी सती की आँखें गिरी थीं इसलिए इसे धार्मिक स्थल माना जाता है। नैनीताल झील उत्तराखंड के नैनीताल का सिर्फ एक पवित्र स्थल ही नहीं, नैनीताल का प्रमुख पर्यटक स्थल भी है।
नैनीताल झील
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पुराणी कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, एक बार संतों ने देखा कि नैनी झील पूरी तरह से सुख गयी है, तो उन्होंने मानसरोवर का जल यहाँ लाकर भर दिया। नैनी झील मानसरोवर झील के जल से पूरा भर गया और तब से ही यह मानसरोवर के प्रतिरूप में जाना जाने लगा। तीर्थयात्री जो मानसरोवर झील की यात्रा पर नहीं जा सकते वे नैनीताल आते हैं, नैना देवी के आशीर्वाद लेने।
पुष्कर झील
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पुष्कर झील
कहा जाता है कि अजमेर में पुष्कर के पुष्कर झील के निर्माणकर्ता थे ब्रह्मा जी थे। यह इस शहर का प्रमुख पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ यहाँ का पवित्र स्थल भी है। इस जगह का नाम तीर्थराज है, जो इसके राजस्थान में सबसे पवित्र स्थल होने की ओर इंगित करता है।
नारायण सरोवर
नारायण सरोवर कोटेशवर महादेव मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ की मान्यता अनुसार यह सरोवर सरस्वती नदी के पानी से भरा हुआ है इसलिए यह गुजरात के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।
नारायण सरोवर
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बिंदु सरोवर
गुजरात के सिंधपुर में बिंदु सरोवर दो छोटे तालाबों के मिलने से बना है। कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान विष्णु जी के जब आँसू इन जगहों पर गिरे तब इन झीलों का गठन हुआ।
अन्य पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान परशुराम जी ने इसी झील के तट पर अपनी माँ के अंतिम संस्कार की सारी विधियाँ की थीं। इसलिए यहाँ मातृ श्राध रिवाज़ को निभाना एक प्रसिद्ध रस्म है।
पंपा सरोवर
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पंपा सरोवर
पंपा सरोवर कर्नाटक के कोप्पल में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। कथानुसार इसी जगह पर देवी पम्पाला, माँ पार्वती के अन्य रूप ने भगवान शिव जी की तपस्या की थी। और यह वही जगह भी है जहाँ शबरी ने भगवान राम जी के आने का इंतज़ार किया था। इसलिए हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पंपा सरोवर को भारत के पवित्र झीलों में से एक माना जाता है।
ये झील पवित्र स्थल होने के साथ-साथ प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी हैं, तो आप इनकी यात्रा कर इनके खूबसूरत नज़ारों के मज़े लेना ना भूलें।
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