किसी भी देश के विकास में वहां के सड़क और पुल (ओवरब्रिज)का विशेष महत्व होता है । ये पुल दूरियों को कम करते हैं, साथ ही हमारी अवागमन की सुविधायों को भी बेहद आसान करते हैं।
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आगामी 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े का पुल का उद्धघाटन करेंगे,जोकि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर चीन की सीमा के नजदीक बना हुआ है। यह ब्रिज करीबन 9.15 किलोमीटर लंबा है और देखने में बेहद ही आकर्षक भी है।
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हमारे भारत देश में कई ऐसी सुंदर ओवर ब्रिज मौजूद है, जिनके ऊपर आप चलने से पहले उनकी खूबसूरती को निहारना पसंद करेंगे । तो आइये स्लाइड्स में जानते हैं भारत के खूबसूरत और लम्बे पुल(ओवरब्रिज) के बारे में......
असम
असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर चीन की सीमा के नजदीक बना हुआ पुल करीबन 9.15 किलोमीटर लंबा है और देखने में बेहद ही आकर्षक है। इस पुल का डिजाइन इस तरह बनाया गया है कि पुल सैन्य टैंकों का भार सहन कर सके। इस पुल का उद्दघाटन आगामी 26 मई 2017 को नरेंद्र मोदी जी करेंगे।
महात्मा गॉधी सेतू (छपरा पटना हाइवे-बिहार)
महात्मा गॉधी सेतू गंगा नदी के उपर बना भारत का दूसरा सबसे लम्बा पुल है। इस पुल को गॉधी सेतू या गंगा सेतू के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा गॉधी सेतू की कुल लम्बाई 5.75 किलोमीटर व चौडाई 25 मीटर है।PC:Aksveer
वांद्रे-वर्ली समुद्र महामार्ग, (मुंबई)
बांद्रा-वर्ली समुद्र महामार्ग को राजिव गॉधी सागर सेतू के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल जो मुम्बई के दो क्षेत्रो बांद्रा और वर्ली को आपस मे जोडता है। इस पुल की लम्बाई 5.6 किलोमीटर व चौडाई 66 फीट है जिनमे 8 लेन बनाई गई है।PC:yatriksheth
विक्रमशिला सेतू, (बिहार )
विक्रमशिला सेतू पानी के उपर गंगा नदी मे बना हुआहै। विक्रमशिला सेतू की लम्बाई 4.7 किलोमीटर है, जिसकी शुरुआत सन 2001 मे की गई थी। महात्मा गॉधी सेतू के बाद विक्रमशिला बिहार का दूसरा लम्बा पुल है।
PC: Aquib Haque
बेम्बानाद रेल ब्रिज
बेम्बानाद रेल पुल भारत कापांचवा व केरल का पहला सबसे लम्बा पुल है, जो बेंबानाद तालाब के उपर बना हुआ है। इसके अलावा इस पुल को भारत का सबसे लम्बा रेल्वे पुल माना जाता है। ये पुल केरल के दो क्षेत्रो एड्पल्ली और वल्लारपदम को जोडता है। बेम्बानाद रेल पुल की लम्बाई 4.62 किलोमीटर व चौडाई 5 मीटर है। पुल बनाने का काम जून 2007 मे किया गया था जो 31 मार्च 2010 मे पूरा हुआ। पूल बनाने का श्रेय जाता है। पुल तैयार होने के बाद 11 फरवरी 2011 को इसकी शुरुआत की गई।PC: Bexel O J
दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क सेतु
बिहार मे बना हुआ ये पुल पटना के दीघा घाट और सोनपुर को जोडती है। यह पुल राजेन्द्र सेतु के बाद दूसरा ऐसा रेल्वे पुल है, जो दक्षिण बिहार को उत्तर बिहार से जोडता है। इस पुल को गंगा सह सडक सेतु के नाम से भी जाना जाता है और यह रेल व सड़क दोनो की सुविधा उपलब्ध कराती है। इस पुल की लम्बाई लगभग 4.5 किलोमीटर व चौडाई 33 फीट है।PC:Abhaya.srivastava
गोदावरी सेतु
गोदावरी सेतु को एशिया का तीसरा चौथा पुल है पानी के उपर बना हुआ है यह पुल रोड कम रेल ब्रिज है। इसकी लम्बाई 4.1 किलोमीटर व चौडाई 300फीट है।
मुंगेर गंगा सेतु
मुंगेर गंगा सेतु गंगा नदी के उपर बना हुआ चौथा पुल है। पुल की लम्बाई 3.6 किलोमीटर व चौडाई 12 मीटर है। पुल दो शहरो मुंगेर व जमालपुर को आपस मे जोडती है। पुल के निर्माण कार्य का उदघाटन उस समय के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाचपेयी ने सन 2002 मे किया था। पुल बनने के बाद 12 मार्च 2016 को पुल पर रेल मालगाडी की शुरुआत वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की और आम जनता के लिये 11 अप्रैल 2016 को इसकी शुरुआत बेगुसराय जमालपुर डेमो ट्रोम चलाकर की गई।PC:Avijeetsanusingh
जवाहर सेतु
जवाहर सेतु सोन नदी पर बना हुआ है, इसकी लम्बाई 3 किलोमीटर है। जवाहर सेतु बिहार के दो क्षेत्रो डेहरी व सोन नगर को जोडने का काम करती है। जवाहर सेतु ग्रांड ट्रंक रोड का हिस्सा माना जाता है, जो दक्षिण एशिया का सबसे पुराना व लम्बा रोड है। ये बांग्लादेश और पाकिस्तान को जोडती है।PC:Wikietarnal
नेहरु सेतु
नेहरू सेतु सोन नदी पर जवाहर सेतु के पास बना हुआ रेल पुल है। नेहरू सेतु को जवाहर सेतू के समानांतर बनाया गया है। इसे वर्तमान मे अपर सन ब्रिज के नाम से जाना जाता है। जवाहर सेतु की तरह ये भी डेहरी व सोन नगर को जोडने का काम करती है।
कोलिया भोमोरा सेतू
कोलिया भोमोरा सेतू ब्रम्हपुत्र नदी के उपर बना हुआ रोड पुल है। पुल की लम्बाई 3 किलोमीटर है। पुल का निर्माण कार्य 1981 मे हुआ था जो सात साल तक चला और 1987 मे बनकर तैयार हो गया।कोलिया भोमोरा सेतू उत्तरी तट के सोनितपुर को और नागौन जिले के दक्षिण तट को आपस मे जोडने का काम करती है।PC: Tezpur4u
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