हिन्दू धर्म भारत के प्रमुख धर्मों में से एक है। देश के लगभग हर गाँव हर नगर में थोड़ी-थोड़ी दूर पर ही कई हिन्दू मंदिर बने हुए हैं, जहाँ कई देवी देवताओं की अलग-अलग रूपों और अवतारों में पूजा की जाती है।
इन हिन्दू मंदिरों के कुछ आम तथ्य मौजूद हैं, जो इन्हें बाकि धार्मिक केंद्रों से अलग बनाते हैं। चलिए आज हम उन्हीं दिलचस्प तथ्यों के बारे में जानते हैं।
प्रेम मंदिर में स्थापित कृष्ण राधा की मूर्ति
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मूर्ति की स्थापना
हर हिन्दू मंदिर की एक आम बात यह यह है कि, हर मंदिर में एक खास इष्टदेव या देवी की पूजा मंदिर के मुख्य परिसर में की जाती है। हालाँकि कई अन्य मूर्तियां भी मंदिर में विराजमान होती हैं पर मुख्य मूर्ति मंदिर के केंद्र में ही स्थापित होती है। हिन्दू मंदिरों के इन मुख्य केंद्र को 'गर्भगृह' या 'मूलस्थानम' कहते हैं।
मंदिर की घंटी
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चप्पल या जूते वर्जित क्षेत्र
किसी भी हिन्दू मंदिर के अंदर पैरों में चप्पल या जूते पहनने की अनुमति नहीं है। हर मंदिर के बाहर एक खास जगह या काउंटर बनाया जाता है, जहाँ भक्त अपने चप्पल या जूते सुरक्षित रख मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं।
मंदिर की घंटी
ऐसा माना जाता है कि, मंदिरों के दर्शन आपको पूर्णतः सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्रदान करते हैं। ये आपकी सारी इन्द्रियों को और सक्रीय कर देते हैं। मंदिर की घंटी को बजाने से आपके सुनने की इंद्रिय सक्रीय होती है।
मंदिर में जलते दिये
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मंदिर में जलते दिये
मंदिर हमेशा तेल से जलने वाले दीयों से सजाये जाते हैं। यह खूबसूरत दृश्य सुनिश्चित करता है कि आपकी देखने की इंद्रिय सक्रीय है।
मंदिर में प्रार्थना करने की मुद्रा
अपने हाथों को एक साथ जोड़ कर मंदिर में प्रार्थना करना आपके स्पर्श करने की इंद्रिय को सक्रीय करता है।
प्रार्थना करने की मुद्रा
Image Courtesy: Jorge Royan
तीर्थम की महत्ता
तीर्थम हर हिन्दू मंदिर में मिलने वाला पीने का पानी है, जिसे तांबे के बर्तन में घंटों तक सहेज कर रखा जाता है। यह खासकर की औषधीय गुणों के लिए ऐसा किया जाता है, जिसे पीने के बाद आपकी स्वाद इंद्रिय सक्रीय होती है।
प्रदक्षिणा
प्रदक्षिणा, मंदिर में मुख्य प्रतिमा के चारों और परिक्रमा करने को कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि सारे इन्द्रियों के सक्रीय हो जाने के बाद गर्भगृह के चक्कर लगाने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
कुमकुम और हल्दी
Image Courtesy: Kadiv
हिन्दू मंदिर के अन्य पहलु
कुछ मंदिरों में चन्दन की लकड़ी को घिस कर तैयार किया गया लेप तो कुछ मंदिरों में लाल कुमकुम और हल्दी का प्रयोग माथे पर लगाने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये आपकी ऊर्जा को नुकसान होने से रोकते हैं।
ऐरावतेश्वर मंदिर
Image Courtesy: Supraja kannan
भारत में कई ऐसे असाधारण मंदिर भी हैं जो अपने पूजा और स्थापत्य कला के लिए अद्वितीय और असाधारण कहलाते हैं।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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