राजस्थान का बेहद आकर्षक और ऐतिहासिक शहर जैसलमेर अपनी कलात्मक शैली और खूबसूरती की लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस शहर में पीली बड़ी बड़ी कई हवेलियां हैं जिनकी वजह से जैसलमेर को 'हवेलियों का नगर' के नाम से सम्बोधित किया जाता है जब इन हवेलियों पर सूर्य अपनी किरणें बिखेरता है तब इस शहर का रूप देखने लायक होता है। इन सूर्य की किरणों से पूरा जैसलमेर सोने की तरह जगमगा उठता है इसलिए इस शहर को 'स्वर्ण नगरी' भी कहा जाता है।
यूँ तो जैसलमेर में बहुत कुछ ख़ास है जो दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं। अगर आप भी जैसलमेर आने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि जैसलमेर में क्या कुछ देखें। जैसलमेर के दर्शनीय स्थल जो जैसलमेर की शान को ओर दो-गुना करते हैं- सोनार किला, गड़सीसर सरोवर, लोक सांस्कृतिक संग्राहलय, पटुओं की हवेलियां, दीवान नथमल की हवेलियां, सालिम सिंह की हवेली, अमर सागर, बड़ा बाग व छतरियां, लोद्र्वा, साम के रेतीले टीले, वुड फ़ासिक़ पार्क, पोखरण, रामदेवरा, सफारी, राष्ट्रीय मठ उधान, मरू उत्सव आदि।
सोनार किला
सोनार किला जैसलमेर के दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस महल में अखे पोल, सूरज पोल, गणेश पोल और हवा पोल नामक चार दरवाज़े हैं। किले के भीतर मोती महल, रंग महल, राज विलास आदि महल स्थापत्य कला का जीता जागता उदाहरण हैं।
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गड़सीसर सरोवर
गड़सीसर सरोवर जैसलमेर शहर का प्रमुख जल स्त्रोत है। बताया जाता है कि इस सरोवर में बारिश का पानी इकठ्ठा किया जाता है। इस सरोवर के किनारे महल, छतरियां, मंदिर, बगीची घर आदि बने हुए हैं, जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है।
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लोक सांस्कृतिक संग्राहलय
यह संग्राहलय जैसलमेर के प्राचीन गौरव को अपने में समेटे हुए है। यहाँ आप इतिहास सम्बन्धी दस्तावेज़, कठपुतलियां, जैसलमेर की लोक-संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं, वाध्य-यंत्र, वस्त्राभूषण, कलात्मक चित्र आदि को देख सकते हैं।
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पटुओं की हवेलियां
जैसलमेर में बनी यह इमारतें जैसलमेर के पर्यटक स्थलों में से एक हैं। यहाँ 5 हवेलियां बनी हुई हैं कहा जाता है कि यह 5 हवेलियां गुमानफल बाफना के 5 पुत्रों ने बनवाई थी। इन हवेलियों की नक्काशी आपको बेहद पसंद आएगी।
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दीवान नथमल की हवेली
दीवान नथमल की हवेली नथमल महारावल रणजीत सिंह व बैरीशाल सिंह के समय के दीवान ने बनवाई थी। इस हवेली की नक्काशी देखने लायक है।
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सालिम सिंह की हवेली
सलीम सिंह की हवेली, भव्य कलात्मकता के कारण पर्यटकों को अपनी और सदा लुभाती रही है। इस महल का मोती महल बेहद आकर्षक है। आप यहाँ आकर इस महल की अद्भुत कला को देख दंग रह जायंगे।
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कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा- निकटतम एयरबेस जोधपुर हवाई अड्डा, जैसलमेर से 285 किमी की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे से पर्यटक जैसलमेर के लिए प्री - पेड टैक्सियों का लाभ उठा सकते हैं। विदेशी पर्यटक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से इस गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नियमित उड़ानों के द्वारा कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरू, और चेन्नई जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग द्वारा- जैसलमेर रेलवे स्टेशन पश्चिमी रेलवे जोन में एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन कई गाड़ियों से जोधपुर और अन्य प्रमुख भारतीय स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा है। पर्यटक स्टेशन से जैसलमेर के लिए कैब का लाभ ले सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा- पर्यटक डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसों द्वारा भी जयपुर, अजमेर, बीकानेर, और दिल्ली से इस स्थान तक पहुँच सकते हैं। पड़ोसी शहरों से सरकारी स्वामित्व वाली बसें भी जैसलमेर के लिए उपलब्ध हैं।
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कब जाएँ
जैसलमेर में प्रसिद्ध रेगिस्तान त्योहार फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। सितंबर का महीना रामदेवरा मेले के लिये प्रसिद्ध है जो दुनिया भर से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित करता है। जैसलमेर में एक छुट्टी की योजना बनाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के महीने के बीच का समय है।
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