पुराने समय की बात है जब एक प्रसिद्द प्रांतीय राजा का दूसरा पुत्र राजसिंहासन प्राप्त न कर पाने पर या कोई अन्य महत्वपूर्ण पद प्राप्त न करने पर अपने पिता का राज्य छोड़ कर चला गया। अपने राज्य से दूर, थार मरुस्थल के शुष्क क्षेत्र में जा उसने एक पुराने पत्थर का किला खड़ा कर अपने खुद के राज्य की स्थापना की। कुछ सालों बाद यह राज्य राजस्थान के लोकप्रिय राजवंशो में से एक प्रसिद्द राजवंश के रूप में उभरा और इसी तरह 'जंगलादेश' का गठन हुआ।
जूनागढ़ का किला
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ऊपर बताई गयी पूरी कहानी राव बीका की है जिसने जंगलादेश नाम के राज्य की स्थापना की और जो राजस्थान के बीकानेर के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। राव बीका और कोई नहीं, जोधपुर के संस्थापक, महाराजा राव जोधा के दूसरे पुत्र थे। बीकानेर जैसे गढ़ वाले शहर में एक पुराना पत्थर का किला है जहाँ राव बीका ने अपने वंश की स्थापना की। बाद में इसी पुराने किले के सामने एक नए और विशाल किले का निर्माण किया गया जिसे जूनागढ़ का किला कहते हैं।
जूनागढ़ का किला
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जी हाँ, बीकानेर में जूनागढ़ किले की कथा बहुत ही दिलचस्प और मज़ेदार है। चलिए आज हम आपको इस लेख में जूनागढ़ के शानदार किले के बारे में कुछ और अधिक बातें बताते हैं जिसे जानकर आपकी यहाँ जाने की उत्सुकता और बढ़ जाएगी।
जूनागढ़ का किला
बीकानेर के हर शासक का जूनागढ़ के इस किले में अपना एक अलग प्रभाव पड़ा है। किले के अंदर बने कई महल, मंदिर, बगीचे इस विविध वास्तुकला के शानदार नमूने हैं।
जूनागढ़ का किला
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अगर तुलना की जाये तो, यह नया जूनागढ़ का किला पुराने किले से काफी बड़ा और शानदार है। बीकानेर के शासक राजा राय सिंह ने इस किले का निर्माण कार्य आरम्भ करवाया था। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस किले पर कभी किसी दुश्मन ने आक्रमण नहीं किया, सिर्फ एक दिन को छोड़कर जब कामरान मिर्ज़ा ने इस किले पर आक्रमण किया था।
जूनागढ़ का किला
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जूनागढ़ किले के आकर्षक केंद्र
जूनागढ़ किला एक कीमती वास्तुकला का नमूना और राजस्थान के सबसे सुन्दर किलों में से एक है। धरोहर प्रेमियों के लिए, यह एक सपने की तरह है जहाँ उन्हें देखने और समझने के लिए बहुत सारे आकर्षण के केंद्र हैं। ऐसा कहा जाता है कि वहां राज करने वाले हर शासक ने उस किले में कुछ नया जोड़ा और हर बार उसकी मरम्मत करवाई है। किले का हर कोना-कोना तारीफ़ कर सराहने लायक है।
जूनागढ़ का किला
Image Courtesy: Jean-Pierre Dalbéra
किले की सैर शुरू होते ही, जूनागढ़ किले के हर द्वार पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस किले में 7 द्वार हैं और अब यहाँ का सूरज पोल यहाँ का मुख्य द्वार है। प्रवेशद्वारों पर बारीकी से की गई वास्तुकला की छोटी-छोटी कृतियाँ, रक्षात्मक संरचनाएं अपने आप ही इन प्रवेशद्वारों को एक आकर्षण के रूप में पेश करती हैं।
अब बात आती है यहाँ के महल और मंदिरों की जो राजस्थान के वास्तुकला और शिल्पकला को बखूबी दर्शाते हैं। जैसा कि इस किले की संरचना के अलग-अलग प्रभाव हैं, किले में की गयी अलग-अलग वास्तु शैलियों को बखूभी देखा जा सकता है। किले की सबसे प्रमुख शैलियाँ हैं, राजस्थानी, मुग़ल और पश्चिमी वास्तुकला।
जूनागढ़ का किला
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जूनागढ़ किले के प्रमुख आकर्षणों में से एक, यहाँ के महल
यहाँ स्थित हर महलों की अपनी अलग विशिष्टता और शैली है। महल में इस्तेमाल किये गए संगमरमर के पत्थर, लाल पत्थर, आर्किटेक्चर, नक्काशीदार दीवारें, और महलों में किये गए भित्ति चित्र उस समय की भव्यता को बखूबी दर्शाते हैं। अनुप महल, करण महल, गंगा महल, बादल महल और फूल महल जूनागढ़ किले के अंदर स्थापित कुछ मुख्य महल हैं।
जूनागढ़ का किला
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जूनागढ़ किले के अंदर ही जूनागढ़ किले का संग्रहालय भी पर्यटकों का प्रमुख स्थल है। इस संग्रहालय में कई कलाकृतियों, चित्रों और बीकानेर के राजसी परिवारों से सम्बंधित कई सारी वस्तुओं का संग्रह है।
आपकी जूनागढ़ किले की यात्रा सबसे शानदार और मज़ेदार यात्रा होगी जहाँ आप इसके अंदर ही एक अलग और खूबसूरत दुनिया को देख सकेंगे। आप यहाँ किले के अंदर बीकानेर के राजाओं के शाही राज घराने की ठाठ-बाठ को पूरी तरीके से सराह सकते हैं।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
Read in English: Do You Know About Jungladesh and It's Fort!
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