भारत के सबसे दक्षिणी सिरे में स्थित और एक बेहद खूबसूरत शहर के रूप में विख्यात कन्याकुमारी से भला कौन अवगत नहीं होगा। ये शहर अपने मंदिरों और धार्मिक गतिविधियों के अलावा आज विश्व मानचित्र पर एक धार्मिक हब के रूप में जाना जाता है। ज्ञात हो कि भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित ये शहर पूर्व में केप कैमोरिन के नाम से भी प्रसिद्द है।
आपको बताते चलें कि कन्याकुमारी ऐसे स्थान पर स्थित है जहाँ पर हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं। केरल प्रदेश इसके उत्तर पश्चिमी और पश्चिमी इलाके में स्थित है जबकि तिरूनेलवेलि जिला इसके उत्तरी और पूर्वी भाग में स्थित है। यदि बात पर्यटन के इर्द गिर्द हो तो कन्याकुमारी में कई मन्दिर और समुद्रतट हैं जो भारी संख्या में तीर्थयात्रियों और रोमांच पसन्द पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
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शहर के मुख्य आकर्षणों में विवेकानन्द रॉक मेमोरियल, वट्टाकोटाई किला, पद्मनाभपुरम पैलेस, थिरूवल्लूवर प्रतिमा, वावाथुराइ, उदयगिरि किला और गाँधी संग्रहालय शामिल हैं। शहर के प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में कन्याकुमारी मन्दिर, चिथराल हिल मन्दिर और जैन स्मारक, नागराज मन्दिर, सुब्रमण्यम मन्दिर और थिरुनन्धिकाराइ गुफा मन्दिर शामिल हैं। तो आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जाना जाए कि ऐसा क्या है जो आपको अपनी तमिलनाडु यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल रामकृष्ण परमहंस के भक्त स्वामी विवेकानन्द को समर्पित है। श्री रामकृष्ण रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल को 1970 ई0 में नीले तथा लाल ग्रेनाइट के पत्थरों से निर्मित किया गया था। यह समुद्रतल से 17 मीटर की ऊँचाई पर एक पत्थर के टापू की चोटी पर स्थित है। यह स्थान 6 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। यह स्मारक 2 पत्थरों के शार्ष पर स्थित है और मुख्य द्वीप से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है।
फोटो कर्टसी - Arul Jegadish
थिरूवल्लूवर प्रतिमा
यह प्रतिमा कन्याकुमारी का प्रमुख चिन्ह स्थान है। यह पत्थर की बनी एक विशाल खड़ी प्रतिमा है और प्रसिद्ध सन्त और तमिल कवि थिरूवल्लूवर को समर्पित है। थिरूवल्लूवर प्रतिमा की ऊँचाई लगभग 133 फीट है। यह प्रतिमा विवेकानन्द रॉक मेमोरियल के बगल में है। प्रतिमा के आधार की ऊँचाई लगभग 38 फीट है और यह थिरूवल्लूवर द्वारा रचित थिरूकुलाल पुस्तक के अरम के 38 अध्यायों को दर्शाता है।
फोटो कर्टसी - ritesh3
कन्याकुमारी मन्दिर
कुमारी अम्मन मन्दिर या कन्याकुमारी मन्दिर समुद्रतट पर स्थित है और पार्वती, एक कुँवारी देवी जिन्होंने भगवान शिव से शादी करने के लिये स्वयं को सजा दिया थी, के एक अवतार को समर्पित है। कन्याकुमारी दो शब्दों कन्या अर्थात कुँवारी और कुमारी अर्थात लड़की से मिलकर बना है। कथाओं के अनुसार भगवान शिव और देवी कन्याकुमारी की शादी नहीं हुई, इसलिये कन्याकुमारी ने कुँवारी रहने का निश्चय किया।
फोटो कर्टसी - Parvathisri
थानुमलायन मंदिर
थानुमलायन मंदिर, दक्षिण भारत के सबसे ज्यादा भ्रमण किये जाने वाले मंदिरों में से एक है, और यह अनुमान लगाना कि क्यों, कोई कठिन नहीं। मंदिर का गेट दूर से ही दिखाई पड़ता है क्योंकि 134 फिट की भव्य ऊंचाई वाला टावर खड़ा है। टावर की खासियत इस पर बनी हुई विभिन्न हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां व नक्काशी है, जिस पर हिंदु पौराणिक कथाओं से चित्र व घटनाओं का चित्रण किया गया है।
फोटो कर्टसी - Vinayaraj
पद्मनाभपुरम पैलेस
कन्याकुमारी स्थित पद्मनाभपुरम पैलेस वेली रेंज में आता है और उसका निर्माण केरल के वास्तु की तर्ज पर किया गया है। इस महल में कई सारी संरचनाएं शामिल हैं जिसमें राजा का दरबार, रानी का महल, कला और संगीत महल, दक्षिणीय महल केंद्रीय हॉल शामिल हैं। आपको बता दें की यहाँ का दक्षिणीय महल एक 400 साल पुरानी संरचना है जिसे आज के संग्रहालय के रूप में जाना जाता है। यदि आप इस दक्षिणीय महल की यात्रा करेंगे तो आपका एक 300 साल पुरानी घड़ी भी दिखेगी जो अपने आप में कला का एक बेहतरीन नमूना है। आप अगर कन्याकुमारी की यात्रा पर हों तो इस स्थान को देखना न भूलें।
फोटो कर्टसी - Aviatorjk
सोथाविलाई बीच
सोथाविलाई बीच भी कन्याकुमारी का एक महत्त्वपूर्ण आकर्षण है। चार किलोमीटर तक फैले इस बीच का शुमार तमिलनाडु के सबसे लम्बे बीचों में है। ये बीच इस लिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ये एक साफ़ सुथरा बीच है और यहाँ और बीचों के मुकाबले काम लोग घूमने आते हैं। आपको बताते चलें कि ये बीच एक परफेक्ट पिकनिक के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है।
फोटो कर्टसी - Infocaster
कन्याकुमारी बीच
तमिलनाडु के सबसे खूबसूरत बीचों में शुमार कन्याकुमारी बीच अपनी विशलता और खूबसूरती के कारण जाना जाता है।इस बीच भारत के सबसे सुन्दर बीचों में है। ये एक ऐसा बीच है जो आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोह सकता है। यदि आप इस बीच की यात्रा पर हों तो यहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त देखना हरगिज़ न भूलें।
फोटो कर्टसी - Raj
तिर्पराप्पू फॉल्स
तिर्पराप्पू कन्याकुमारी जिले में स्थित एक छोटा गाँव है तथा जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध है। जलप्रपात तिरुवत्तर शहर से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित हैं तथा आसपास के स्थान को सुंदर और सुरम्य बनाते हैं। इन प्रपातों का उद्भव कोठी नदी से होता है। यह नदी 50 फीट की ऊंचाई से गिरती है तथा लगभग 300 फीट लंबा संगीतमय प्रपात बनाती है। ज्ञात हो कि यह प्रपात पूरे वर्ष भरा हुआ रहता है तथा केवल चार महीनों के लिए ही सूखता है।
फोटो कर्टसी - Pranav
भोजन और शॉपिंग
कन्याकुमारी के होटलों के लिए यहां क्लिक करिये - कन्याकुमारी के सस्ते होटल । बात यदि भोजन पर हो तो एक फूडी के लिए कन्याकुमारी में स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय खाने की भरमार है। यहाँ बीच पर आपको लोकल स्ट्रीट फ़ूड मिल जाएंगे। समुन्द्र के किनारे स्थित होने के कारण आपको यहां सीपों से बने कई हस्त शिल्प दिख जाएंगे जिन्हें आप अपनी यात्रा पर अवश्य खरीदें।
फोटो कर्टसी - Ryan
कैसे जाएं कन्याकुमारी
तिरूवनन्तपुरम हवाईअड्डा शहर के सबसे नदजीक है। हवाइअड्डे से पर्यटक बाहर निकलकर टैक्सी, रेल या बस लेकर कन्याकुमारी पहुँच सकते हैं। कन्याकुमारी के अन्दर आप ऑटो-रिक्शा या बस लेकर यात्रा कर सकते हैं। आप किराये की निजी टैक्सी भी ले सकते हैं।
फोटो कर्टसी - Mehul Antani