उत्तर प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जो राजनीती की दुनिया में काफी अहम भूमिका रखता है.. उत्तर भारत का राज्य जिसे 1 अप्रैल 1937 में कुछ खास कारणों को ध्यान में रखते हुए एक राज्य बनाया गया था। यह एक ऐसा राज्य है जो भारत में होने वाली किसी भी बात या घटना पर सबसे ज्यादा सुखिर्यों में रहता है। यह राज्य, राजनीति से लेकर आर्थिक मुद्दे में भी सबसे आगे रहता है।
सारी दुनिया में उत्तर प्रदेश ताज की धरती, कथक नृत्य का उत्पत्ति स्थान, बनारस की पावन हिन्दू धरती, भगवान कृष्ण का जन्म स्थान, वह जगह जहाँ बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश दिया था,आदि के कारण जाना जाता है।उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा हिन्दी है और यहां के लोग, हिन्दी के ही अलग-अलग रूपों को बोलते हैं। यहां आपसी बातचीत में गालियों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कोई बुरा नहीं मानता है।
अवधी संस्कृति और शाही लज़ीज़ खानों का मेल-जोल ऐतिहासिक उत्तर प्रदेश
संगीत की कई विधाओं का जन्म यूपी में ही हुआ था, अकबर के दरबार के तानसेन और बैजू बावरा ने उत्तर प्रदेश में संगीत कला को एक उच्च स्थान का दर्जा दिलवाया। तबले और सितार का विकास भी इसी राज्य में हुआ था।
भारत सरकार का चिन्ह् मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट सारनाथ में बनवाया गया था, जिसे 1947 के बाद भारत सरकार ने अपना चिन्ह् बना लिया था।
नवाबों की नगरी फैजाबाद में क्या देख सकते हैं घूमने के शौक़ीन टूरिस्ट और ट्रैवलर
प्रदेश में कुल 80 जिले और 15 डिवीजन हैं, यहां की जनसंख्या, हिंदुस्तान के सभी राज्यों में से सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के बारे में कई रोचक तथ्य हैं, जिन्हें आप नीचे स्लाइड्स में देख सकते हैं-
1950 में मिला नाम उत्तर प्रदेश
सन 1950 से पहले उत्तर प्रदेश अस्तित्व में ही नहीं था। जी हां, सन 1950 में इस राज्य का नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। उससे पहले उत्तर प्रदेश युनाइटेड प्रॉविंस के नाम से जाना जाता था।
कोस-कोस पे बदले पानी, ढ़ाई कोस पे वाणी
यह कहावत उत्तरप्रदेश में काई प्रचलित है...यहां हर कोस यानि तीन किमी. पर पानी का स्वाद बदल जाता है और हर ढाई कोस पर भाषा बदल जाती है। यूपी के अंदर एक ही अंदर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर भाषा के फर्क को यहां आकर साफ तौर पर समझा जा सकता है।PC: A.Savin
नौंटकी
अगर आप असल नौटंकी को देखना चाहते हैं तो यूपी से बेस्ट जगह कोई नहीं है...हालंकि इनमें घरेलू लड़कियों का जाना मना होता था। हालांकि जब नौटंकी शुरू हुई थी, तो यह बहुत अच्छी थी, लेकिन वक्त के साथ-साथ यह एक अश्लील डांस में बदल गई।
जलेसर
अगर आपको स्विट्जरलैंड में गाय के गले में बंधी घंटिया लुभाती हैं, तो उन्हे देखकर वॉउ करने से पहले यूपी के बारे में जान लें कि यूपी के एटा जिले के एक गांव जलेसर से हर साल भारी मात्रा में इन पीतल की घंटियों को बनाकर विदेशों में भेजा जाता है।
जनेऊ संस्कार
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण परिवारों में जनेऊ संस्कार का बहुत महत्व होता है, जब यह संस्कार होता है तो लड़के को सिर्फ लंगोट पहनकर घर से बाहर निकलना होता है और भीख मांगना पड़ता है। एक बार जनेऊ हो जाने के बाद, उसे सारी उम्र जनेऊ को धारण करना पड़ता है और हर बार पेशाब जाने से पहले कान के ऊपर चढ़ाना होता है।
पारिजात वृक्ष
पारिजात वृक्ष, लखनऊ से 40 किमी. की दूरी पर है, जो सारी दुनिया में अपनी तरह का अलग वृक्ष है। इस वृक्ष को इसके फूलों के लिए जाना जाता है जो हर दिन अपना रंग बदलते हैं। लोग मानते है कि भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी के लिए यह वृक्ष स्वर्ग से आया था।PC:Faizhaider
अमर लोगों का वास
कहा जाता है कि संसार में सिर्फ तीन लोग ही अमर हैं - अश्वथामा, हनुमान जी और वेदव्यास। माना जाता है कि ये तीनों की अमर लोग यूपी में ही हैं। यूपी के कुछ मंदिरों के लिए मानते हैं कि हर दिन ये लोग उन स्थानों पर जाकर पूजा करते है।
मथुरा
यूपी के मथुरा में होली का पर्व सिर्फ एक दिन ही नहीं बल्कि पूरे दस दिन मनाया जाता है, यहां लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, वहीं मथुरा में लट्ठमार होली खेली जाती है।
आगरा
सात अजूबों में से एक दुनिया का प्रसिद्ध ताजमहल यूपी के आगरा में स्थित है,कहा जाता है कि वह अपनी बेगम से इतना प्यार करते थे कि उनके मरने के पांच दिन के भीतर ही बादशाह का एक-एक बाल सफेद हो गया था।PC:Harsha Nair
बनारस
बनारस, विश्व का सबसे प्राचीन शहर है। कहा जाता है कि एक जमाने में यहां लोग आपसी बातचीत भी शास्त्रों की भाषा में किया करते थे, इसीकारण वहां की भाषा और संस्कृति बेहद समृद्ध है।PC:Jeeheon Cho
तम्बाकू
बीड़ी यूपी में भारत की सबसे ज्यादा तम्बाकू और बीड़ी बनाई जाती है। यहां के कासंगज इलाके में तम्बाकू की खेती उच्च स्तर पर होती है और गुरसहायगंज इलाके के हर घर में सिर्फ बीड़ी बनाने का काम होता है।
कन्नौज
कन्नौज में बनने वाला इत्र सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशो में भी काफी पसंद किया जाता है। अगर आप कभी इस शहर से गुजरे तो गुलाबों की खुशबु हवा में आसानी से महसूस की जा सकती है। यहां के खेतों में फसल से ज्यादा फूलों जैसे - गुलाब, गेंदा और मेंहदी की पैदावार होती है।